Fact Check: दिल्ली के सात साल पुराने वीडियो को उत्तराखंड के पुलिस लाठीचार्ज से जोड़कर किया जा रहा शेयर

देहरादून में युवाओं पर पुलिस लाठीचार्ज के नाम पर शेयर किया जा रहा वीडियो दिल्ली का है और करीब सात साल पुराना है।

Fact Check: दिल्ली के सात साल पुराने वीडियो को उत्तराखंड के पुलिस लाठीचार्ज से जोड़कर किया जा रहा शेयर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भर्तियों में धांधली को लेकर उत्तराखंड में युवाओं के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया था। इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिसकर्मी युवक और युवतियों को मार रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो उत्तराखंड का है। उत्तराखंड पुलिस ने बेरोजगार युवक और युवतियों को बुरी तरह मारा।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि उत्तराखंड के नाम पर वायरल वीडियो दिल्ली का है। यह सात साल पुराना है। इसका उत्तराखंड से कोई वास्ता नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Ishwar Rawat (आर्काइव लिंक) ने 10 फरवरी को 19 सेकंड का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

उत्तराखंड देहरादून में पुलिस द्वारा बेरोजगार युवा लड़के और लड़कियों पर निंदनीय अत्याचार नामर्द मुख्यमंत्री की नामर्द पुलिस शर्म करो शर्म करो यह उत्तराखंड इतनी तो शर्म करो
… लड़कियों के बाल पकड़कर घुसे और कोनिया मारी कम पड़ गया तो पत्थरों से मारा.. ज्यादातर पुलिसकर्मी शराब के नशे में थे ऐसा कहां है धरना स्थल पर मौजूद युवा बेटियों ने.. यह घटना उत्तराखंड के इतिहास पर काला धब्बा है…ईश्वर रावत…अध्यक्ष पहाड़ विकास मोर्चा

ट्विटर यूजर sirAKASHtic (आर्काइव लिंक) ने भी 10 फरवरी को यह वीडियो ट्वीट करते हुए मिलता-जुलता दावा किया।

https://twitter.com/sirAKASHtic/status/1623755087884718080

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इवविड टूल की मदद से वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। 1 फरवरी 2016 को न्यूज 24 के यूट्यूब चैनल पर हमें इस वीडियो से संबंधित न्यूज मिली। इसके अनुसार, वीडियो 30 जनवरी का है। जब छात्र आरएसएस के कार्यालय की तरफ जा रहे थे, तब दिल्ली पुलिस ने उनको बेरहमी से पीटा था। इसमें वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। पुलिस ने इस दौरान छात्राओं को भी नहीं बख्शा था।

2 फरवरी 2016 को इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर झंडेवालान में आरएसएस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की पिटाई करते दिल्ली पुलिस के कर्मियों का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 30 जनवरी को शूट किए गए एक मिनट नौ सेकंड के वीडियो में पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में पुलिस कॉन्स्टेबल को महिला प्रदर्शनकारी को पीटते हुए दिखाया गया है। इस मामले में पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

9 फरवरी 2023 को जागरण डॉट कॉम में छपी खबर के मुताबिक, कई भर्तियों में धांधली को लेकर युवाओं ने सीबीआई जांच की मांग की थी। साथ ही उन्होंने नकल विरोधी कानून बनाने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग भी की गथी। इसको लेकर बेरोजगार युवाओं ने गांधी पार्क के बाहर सत्याग्रह शुरू किया था। देर रात पुलिस ने उनको जबरदस्ती उठा दिया। युवाओं के सड़क जाम करने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद दोनों तरफ से पथराव हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।

वीडियो की अधिक पुष्टि के लिए हमने देहरादून में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ देवेंद्र स​ती से बात की। उनका कहना है, ‘पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर बल प्रयोग किया था, लेकिन वायरल वीडियो देहरादून का नहीं है।

पुराने वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Ishwar Rawat की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह एक विचारधारा से प्रेरित हैं। उनके करीब 2800 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: देहरादून में युवाओं पर पुलिस लाठीचार्ज के नाम पर शेयर किया जा रहा वीडियो दिल्ली का है और करीब सात साल पुराना है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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