Fact Check : ‘भारत माता की जय’ बोलने पर नहीं हुई बुजुर्ग की पिटाई, फिर से वायरल हुआ राजस्थान का पुराना वीडियो 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बुजुर्ग की पिटाई के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2019 का है। बुजुर्ग लोगों के साथ बदसलूकी कर रहा था और रोड  पर आने-जाने वाले लोगों को अपशब्द कह रहा था, जिसके कारण गुस्साए लोगों ने बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कुछ लोगों ने बुजुर्ग की सिर्फ इसलिए पिटाई कर दी, क्योंकि उसने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2019 का है। पुलिस ने घटना को आपसी विवाद का बताया था।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ ने 11 अक्टूबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “अतुल्य भारत! एक बूढ़ा आदमी चिल्लाता है “भारत माता की जय”…फिर देखिये उसे क्या “इनाम” मिलता है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की सर्च करना शुरू किया। हमें यह वीडियो बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर मिला। वीडियो को 19 अक्टूबर 2019 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो राजस्थान में हुई घटना की है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इस घटना से जुड़ी एक रिपोर्ट भी शेयर की है। सिरसा ने 21 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट की तस्वीर शेयर की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो 15 अक्टूबर 2019 को हुई घटना का है। शख्स का नाम होतमंद सिन्धी है और वो मानसिक रूप से बीमार है। वो राहगीरों को परेशान करता था और उन्हें अपशब्द कहता था, जिससे परेशान होकर कुछ लोगों ने उन्हें पीट दिया था।

पड़ताल के दौरान हमने पाया कि सोशल मीडिया पर साल 2019 में यूजर्स ने इस वीडियो को कई अन्य दावों के साथ शेयर किया था।

साल 2019 में भी यह वीडियो अलग-अलग दावों के साथ वायरल हुआ था। उस दौरान विश्‍वास न्‍यूज ने भीलवाड़ा कोतवाली पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था। वहां हमारी बात हेड कॉन्स्टेबल तारा सिंह से हुई थी। उन्होंने बताया था, “कुछ दिनों पहले आजादपुर चौक पर एक सिंधी बुजुर्ग के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। मामला आपसी विवाद का था। इसमें कोई पॉलिटिकल एंगल नहीं था। इस मामले में अब तक कुल पांच लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। वायरल वीडियो का दावा फर्जी है।” 

उस समय विश्वास न्यूज को कोतवाली पुलिस स्टेशन से इस मामले की एफआईआर मिली थी। ये एफआईआर पीड़ित बुजुर्ग होतचंद्र के बेटे सोनू जेठानी ने कराई थी। एफआईआर में दर्ज शिकायत के अनुसार,  मंजूर शेख, आसिफ शेख, शोएब शेख, पोला शेख, हेमू, इलू, भगवान और 5-6 अन्य व्यक्तियों ने पिताजी  से नाजायज रूप से किराए की मांग करने लगे। पिताजी ने किराया देने से मना किया तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया।

विश्वास न्यूज की पुरानी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के पेज पर 2.7 हजार लाइक्स और  5.5 हजार फॉलोअर्स हैं। यूजर ने खुद को बिहार का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बुजुर्ग की पिटाई के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2019 का है। बुजुर्ग लोगों के साथ बदसलूकी कर रहा था और रोड  पर आने-जाने वाले लोगों को अपशब्द कह रहा था, जिसके कारण गुस्साए लोगों ने बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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