विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ट्रैफिक पुलिस के साथ मारपीट करते लोगों के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह वीडियो साल 2015 का है। साल 2015 में तीन लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, पुलिस ने उनका चालान काट दिया था। चालान काटने पर उन लोगों ने पुलिसवालों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली में सड़क पर नमाज पढ़ने के मामले के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक विशेष समुदाय की टोपी पहने कुछ लोग ट्रैफिक पुलिस के साथ मारपीट करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को हालिया घटना का बताकर शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह वीडियो साल 2015 का है। साल 2015 में तीन लोग ट्रैफिक नियमों को उल्लंघन करते हुए बाइक पर सवार होकर जा रहे थे और पुलिस ने उनका चालान काट दिया था। चालान काटने पर उन लोगों ने पुलिसवालों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया था।
फेसबुक यूजर वर्मा जी ने 12 मार्च 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बिना हेलमेट केवल जालीदार टोपी का चालान काटने पर कट्टरपंथी ने पुलिस की पिटाई कर दी, जो कानून के लिए चुनौती है। इससे पता चलता है कि भारत और आगे क्या होता है। कड़वी सच्चाई यह है कि देश को अंदर से ज्यादा खतरा है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च करना शुरू किया। वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) हमें एनडीटीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 14 जुलाई 2015 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके का है। जहां पर बाइक सवार ने चालान काटने पर पुलिसवालों के साथ मारपीट की।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी कई अन्य न्यूज रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) मिली। डेक्कन हेराल्ड की वेबसाइट पर 14 जुलाई 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, संजय और मनोज दो पुलिसवालों ने बाइक पर सवारी कर रहे कुछ लोगों को ट्रैफिक पुलिस के नियमों का उल्लंघन करने पर रोका और चालान काटा। इस पर उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने अपने लोगों को बुलाकर पुलिसवालों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिसकर्मी का कहना था कि बाइक सवारों ने न ही हेलमेट पहना हुआ था, न उनके पास लाइसेंस था और वो एक बाइक पर तीन लोग सवार थे। इसी वजह से उन्हें रोका गया था और चालान काटा गया था, लेकिन उन्होंने मारपीट शुरू कर दी।
टाइम्स नाउ की वेबसाइट पर 14 जुलाई 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, इस घटना में शाहनवाज़ उसके भाई आमिर और पिता सगीर को गिरफ्तार किया गया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली दैनिक जागरण के चीफ रिपोर्टर नेमिश कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2015 में हुई एक घटना का है।
अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर ने खुद को राजस्थान का रहने वाला बताया है। यूजर को करीब दो हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ट्रैफिक पुलिस के साथ मारपीट करते लोगों के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह वीडियो साल 2015 का है। साल 2015 में तीन लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, पुलिस ने उनका चालान काट दिया था। चालान काटने पर उन लोगों ने पुलिसवालों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया था।
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