Fact Check: पानी में डूबने से हुई मौत के बाद व्यक्ति को नमक में लिटाकर जिंदा करने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं

पानी में डूबकर मरने वाले शख्स को नमक के ढेर में दबाकर जिंदा करने का दावा फर्जी और अंधविश्वास है। डॉक्टरों के अनुसार, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इस अफवाह को सच मानकर कुछ लोगों ने पानी में डूबकर मरे लोगों को नमक के ढेर में दबाया था, लेकिन बाद में उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक अजीबोगरीब पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि अगर किसी की पानी में डूबने से मौत हुई हो तो उसके शरीर को नमक का बिस्तर बनाकर उस पर लिटा देने से वह जिंदा हो जाएगा। इस पोस्ट के साथ में तीन मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं। साथ ही मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील भी की गई है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि पानी में डूबने से हुई मौत के बाद किसी को नमक पर लिटाकर जिंदा करने का दावा बेबुनियाद है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। सोशल मीडिया पर यह बेबुनियाद दावा पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। इसे सच मानकर मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में कुछ लोगों ने पानी में डूबकर मरे लोगों के शवों को नमक के ढेर में दबा दिया। बाद में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि यह मात्र अफवाह है। ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Babalu Khan Khan ने 26 मई को पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया,

अगर कभी कोई पानी में डूब के मर जाये और उसका शरीर 3 से 4 घंटे में मिल जाये तो उसकी जिंदगी वापस ला सकता हूँ।
अगर कभी किसी को ऐसी दूर्घटना दिखे या सुनाई दे तो तुरंत हमे बताये।।। किसी की जान बच सकती है।। हमारा मोबाइल नंबर
प्रशान्त त्रिपाठी
+919454311111 और
+919335673001 है
आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये।
किसी एक की भी जान बचा सका तो अपना जीवन सफल महसूस करूँगा।।धन्यवाद

पानी में डूबे व्यक्ति का ईलाज

डेढ़ क्विंटल डले वाला खड़ा नमक को बिस्तर जैसा बिछाकर मरीज को उस पर कपड़े कम करके लेटा दें । नमक धीरे धीरे शरीर से पानी सोख लेगा । मरीज के होश आने पर अस्पताल ले जाये । इससे पहले आप अस्पताल ले गये हो और डाँक्टर ने मृत घोषित कर दिया तो आप नमक वाला उपचार करें प्रभु कृपा से खुशी की लहर फैल जायेगी ।
डाँक्टर के मृत घोषित करने पर
दाह संस्कार करने में जल्दी ना करें ।
जल्दी से जल्दी नमक का उपचार करने के लिये
मरीज को किसी कार जीप से शहर में ले जायें जहाँ नमक की बोरिया रात में भी बाहर ही पड़ी रहती है उन्हें खाली करके मरीज को जल्दी से सुला दें ।
दुकानदार का हिराब बाद में सुबह या दिन में भी किया जा सकता है ।
नोट:- डूबे हुए जितना कम समय हुआ होगा उतना जल्दी व्यक्ति के होश में आने की सम्भावना होती है । अतः हर कार्य युद्य स्तर से करें ।
कुछ लोग नमक लेने पहले से ही चलें जायें तो परिणाम शीघ्र मिलेगा ।
के. सी. रूपरा
नारायणगढ़ ,मन्दसौर म. प्र.
9303237548
कृपया मैसेज को आगे भेज देवें शायद किसी की जान बचाने के काम आ जाये ।
धन्यवाद ।
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने इस बारे में कीवर्ड से सर्च किया तो पता चला कि यह पोस्ट अगस्त 2018 में भी वायरल हो चुकी है। फेसबुक यूजर Rangilo Rajasthan News ने 22 अगस्त 2018 को इसे पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया था।

सर्च में हमें 20 अगस्त 2019 को इंडिया टीवी की वेबसाइट पर छपी खबर में मिली। इसमें लिखा है कि सोशल मीडिया पर वारयल मैसेज के चलते इंदौर में अंधविश्वास का एक मामला सामने आया है। मैसेज में दावा किया गया था कि जिस व्यक्ति की डूबकर मौत हुई हो, अगर उसे खड़े नमक में रखा जाए तो वह जिंदा हो जाएगा। मैसेज पर भरोसा करके लोगों ने तालाब में डूबकर मरे दो भाइयों के शवों को दो क्विंटल खड़े नमक में रातभर दबाकर रखा। ऐसा सांवेर के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर किया गया। यह मात्र अफवाह साबित हुई। मामला बढ़ने पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया ने कहा था कि डॉक्टर ग्रामीणों की भीड़ के दबाव में अंधविश्वास की घटना को रोक नहीं सके थे।

इसी तरह का मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी सामने आया था। 21 सितंबर 2021 को जी न्यूज की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, हलाली डैम में दो बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने जब उन्हें मृत घोषित कर दिया तो परिजनों ने उनको जिंदा करने की कोशिश में नमक के ढेर में लिटा दिया। पुलिस के समझाने पर परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार किया।

राजस्थान के भीलवाड़ा और कर्नाटक के बल्लारी में भी इस तरह के केस सामने आ चुके हैं। 20 अगस्त 2019 को एशियानेट न्यूज और 6 सितंबर 2022 को टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर इन खबरों को देखा जा सकता है। इनमें भी परिजनों ने शवों को नमक के ढेर में दबा दिया। बाद में कुछ नहीं होने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

हमें इंटरनेट में ऐसी कोई भी खबर या रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके। इसके बाद हमने मैसेज में दिए गए नंबरों पर संपर्क किया। इनमें से पहला नंबर +919454311111 स्विच ऑफ मिला, जबकि दूसरा नंबर +919335673001 अमान्य था। मैसेज में सबसे नीचे दिया गया तीसरा नंबर 9303237548 भी स्विच ऑफ था।

ब्रिटिश रेड क्रॉस की वेबसाइट पर डूबते हुए शख्स को प्राथमिक चिकित्सा देने के बारे में लिखा हुआ है। इसमें लिखा है,

– एक बार जब व्यक्ति को पानी से बाहर निकाल लिया जाए तो जांचें कि क्या वह सांस ले रहा है।

– फौरन एंबुलेंस या चिकित्सा सेवा के लिए कॉल करें।

– उनके सिर को पीछे झुकाएं। अपने मुंह से उसको सांस दें। ऐसा पांच बार करें।

– उसके सीने पर मजबूती से 30 बार दबाव डालें।

– यदि व्यक्ति अपनी आंखें खोलता है और सामान्य रूप से सांस लेना शुरू कर देता है, आवाज देता है या खांसता है तो कम्प्रेशन बंद कर दें।

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल के सीएमओ डॉ. ग्लैडबिन त्यागी से संपर्क किया। उनका कहना है कि यह केवल अफवाह है। ऐसा संभव नहीं है। इस तरह के मैसेज को नजरअंदाज करना चाहिए।

इस तरह का दावा करीब दो साल पहले भी वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने उस समय खतौली ब्लॉक प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अवनीश कुमार सिंह से बात की थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह का कोई मामला आज तक सामने नहीं आया है। यह मात्र एक अफवाह है। नमक में दबाकर डूबकर मर चुके व्यक्ति के जिंदा करने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हां, अगर उसकी सांसें चल रही हैं तो सीपीआर या कृत्रिम सांस के द्वारा उसे बचाया जा सकता है।

पुरानी फेक पोस्ट को फिर से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। मथुरा के रहने वाले यूजर के करीब 1100 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: पानी में डूबकर मरने वाले शख्स को नमक के ढेर में दबाकर जिंदा करने का दावा फर्जी और अंधविश्वास है। डॉक्टरों के अनुसार, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इस अफवाह को सच मानकर कुछ लोगों ने पानी में डूबकर मरे लोगों को नमक के ढेर में दबाया था, लेकिन बाद में उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा।

False
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