Fact Check: इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में नहीं होता मुख्य न्यायाधीश का पद, दलवीर भंडारी जज हैं
जज दलवीर भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य हैं। वह पहली बार 2012 में नियुक्त हुए थे, उस समय देश में मनमोहन सिंह की सरकार थी। इंटरनेशनल कोर्ट में चीफ जस्टिस नहीं, बल्कि अध्यक्ष का पद होता है। वर्तमान में जज नवफ सलाम वहां के अध्यक्ष हैं।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: May 10, 2024 at 05:06 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि दलवीर भंडारी को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुना गया है। यूजर्स इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति बता रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि इंटरनेशनल कोर्ट में चीफ जस्टिस का कोई पद नहीं होता है। वहां अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते हैं। वर्तमान में लेबनान के जज नवफ सलाम इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के अध्यक्ष हैं। जस्टिस दलवीर भंडारी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जज हैं। वह 27 अप्रैल 2012 से अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सदस्य हैं। उस समय देश में मनमोहन सिंह की सरकार थी।
क्या है वायरल पोस्ट
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया।
फेसबुक यूजर Sanjay Kaushik (आर्काइव लिंक) ने भी एक तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा,
“ब्रेकिंग न्यूज – इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के मुख्य न्यायाधीश का चयन हो गया है!
भारत की शानदार जीत!!! प्रधानमंत्री मोदी की चाणक्य कूटनीति। विश्व पटल पर ब्रिटेन की हार यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे पीएम मोदीजी ने दुनिया भर में रिश्तों को विकसित किया है। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुना गया है। भारत के न्यायमूर्ति दलवीर सिंह को 193 मतों में से 183 मत मिले (प्रत्येक देश से एक प्रतिनिधित्व) और उन्होंने ब्रिटेन के न्यायमूर्ति क्रिस्टोफर ग्रीनवुड को हराया। उन्होंने इस पद पर 71 साल पुराने ब्रिटिश एकाधिकार को तोड़ा।
इसके लिए पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय पिछले 6 महीने से काम कर रहे हैं! सभी 193 देशों के प्रतिनिधियों तक पहुंचना और ब्रिटिश उम्मीदवार पर भारत की स्थिति की व्याख्या करना एक कठिन काम था, जो उन्हें आसानी से जीतना सुनिश्चित था। 11 राउंड के वोटिंग में जस्टिस दलवीर भंडारी को महासभा में 193 में से 183 वोट मिले और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से सभी 15 वोट मिले।
जस्टिस दलवीर भंडारी 9 साल के कार्यकाल के लिए इस पद पर रहेंगे। क्या ये 183 देश “अंधे मोदी भक्त” भारत के लिए मतदान कर रहे हैं! आजादी के 70 साल बाद हमारे पीएम मोदी जी ने दुनिया भर के देशों के साथ कितने विनम्र, सम्मानजनक और महान संबंध बनाए हैं, इसका यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
जय हिंद-जय भारत।“
पड़ताल
मामला इंटरनेशनल कोर्ट से जुड़ा हुआ है, अत: हमने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट को चेक किया। इसमें लिखा है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस संयुक्त राष्ट्र (UN) के चार्टर द्वारा संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख न्यायिक अंग के रूप में स्थापित की गई है। इसमें 15 सदस्य होंगे, जिनमें से कोई भी दो एक ही राज्य के नागरिक नहीं हो सकते हैं।
इसमें यह भी लिखा है कि 15 जज नौ साल के कार्यकाल के लिए चुने जाएंगे। निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट के एक-तिहाई जज हर तीन साल में चुने जाते हैं। न्यायाधीश फिर से चुनाव के लिए योग्य हैं। यदि किसी जज की उसके कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है या इस्तीफा दे दिया जाता है, तो कार्यकाल के शेष भाग को भरने के लिए सदस्य को चुनने के लिए तत्काल एक विशेष चुनाव आयोजित किया जाता है। चुने गए जज अपना कार्यकाल शुरू करते हैं, जिसके बाद कोर्ट तीन साल के लिए पद पर बने रहने के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करने के लिए गुप्त मतदान कराता है।
इसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का जिक्र किया गया है लेकिन चीफ जस्टिस जैसा कोई पद नहीं बताया गया है।
इसके बाद हमने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सदस्यों और अध्यक्ष के बारे में सर्च किया। इंटरनेशनल कोर्ट की वेबसाइट पर इसके बारे में भी जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, जज दलवीर भंडारी 27 अप्रैल 2012 से कोर्ट के सदस्य हैं। 6 फरवरी 2018 को उन्हें फिर से नियुक्त किया गया था। भारत के जोधपुर में जन्मे जज दलवीर नौ साल के लिए 2018 में फिर से नियुक्त हुए थे।
वर्तमान में लेबनान के जज नवफ सलम इंटरनेशनल कोर्ट के अध्यक्ष हैं। वह 6 फरवरी 2024 को कोर्ट के अध्यक्ष बने थे।
दैनिक भास्कर में तीन साल पहले जोधपुर से छपी खबर में लिखा है कि इंटरनेशनल कोर्ट के जज दलवीर भंडारी को लेकर एक अफवाह सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हुई है। भंडारी के अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के चीफ जस्टिस का मैसेज वायरल होने के बाद उनके परिजनों को लोग बधाइयां देने लगे। उस समय भंडारी जोधपुर में ही थे। खबर में यह भी लिखा है कि पहली बार वह 27 अप्रैल 2012 को जज चुने गए थे। दूसरी बार में उनको महासभा में कुल 193 सदस्यों में से 183 के वोट मिले थे। सुरक्षा परिषद के भी सभी 15 वोट उनको मिले थे। इंटरनेशनल कोर्ट में कोई मुख्य न्यायाधीश नहीं होता है, बल्कि अध्यक्ष होता है।
21 नवंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स हैंडल से पोस्ट कर जज दलवीर भंडारी को फिर से इंटरनेशनल कोर्ट का सदस्य चुने जाने पर बधाई दी थी।
पीएम संग्रहालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, डॉ. मनमोहन सिंह 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री रहे हैं।
इससे साफ होता है कि जब पहली बार भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट के सदस्य बने थे, उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी।
वायरल तस्वीर को हमने गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। 21 नवंबर 2017 को लाइव मिंट की वेबसाइट पर दलवीर भंडारी के दोबारा इंटरनेशनल कोर्ट का सदस्य चुने जाने की खबर छपी है। इसमें वायरल तस्वीर भी अपलोड की गई है। भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जज चुने वाले चौथे भारतीय हैं। उनसे पहले बीएन राउ, नागेंद्र सिंह और आरएस पाठक भी इंटरनेशनल कोर्ट के सदस्य रह चुके हैं।
इस बारे में दैनिक जागरण में अंतरराष्ट्रीय मामले देखने वाले पत्रकार जेपी रंजन का कहना है कि दलवीर भंडारी इस समय इंटरनेशनल कोर्ट में सदस्य हैं। वहां चीफ जस्टिस नहीं होता है।
भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। दिल्ली में रहने वाले यूजर एक राजनीतिक दल की विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: जज दलवीर भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य हैं। वह पहली बार 2012 में नियुक्त हुए थे, उस समय देश में मनमोहन सिंह की सरकार थी। इंटरनेशनल कोर्ट में चीफ जस्टिस नहीं, बल्कि अध्यक्ष का पद होता है। वर्तमान में जज नवफ सलाम वहां के अध्यक्ष हैं।
- Claim Review : दलवीर भंडारी को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुना गया है।
- Claimed By : FB User- Sanjay Kaushik
- Fact Check : भ्रामक
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