Fact Check: अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के नाम से फर्जी स्‍क्रीनशॉट हो रहा वायरल

दैनिक भास्‍कर के नाम से वायरल स्‍क्रीनशॉट फेक है। इस तरह की कोई भी खबर उसकी वेबसाइट पर नहीं छपी है।

Fact Check: अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के नाम से फर्जी स्‍क्रीनशॉट हो रहा वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। राजस्‍थान विधानसभा चुनाव से पहले दैनिक भास्‍कर की एक कथित खबर का स्‍क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। स्‍क्रीनशॉट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने कहा है कि वे मंदिर में किसी भी गैर-ब्राह्मण को पुजारी नहीं बनने देंगे और भाजपा सरकार बनने पर राजस्‍थान में मनुस्‍मृति लागू कराएंगे।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल स्‍क्रीनशॉट फर्जी है। इस तरह की कोई भी खबर दैनिक भास्‍कर की वेबसाइट पर नहीं छपी है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वायरल वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

फेसबुक यूजर ‘हरविंदर सिंह मूलनिवासी खालसा‘ ने भी 25 जून को इस स्‍क्रीनशॉट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है। इसमें ऊपर दैनिक‍ भास्‍कर लिखा है और इसकी हेडिंग है,

“मन्दिर हमारी रोजी-रोटी का साधन, किसी गैर ब्राह्मण को इसमें भागीदारी नहीं करने देंगे, भाजपा आई तो राजस्‍थान मनुस्‍मृ़ति लागू करने वाला पहला राज्‍य होगा : ब्राह्मण सभा”

फेसबुक पर कुछ अन्‍य यूजर्स ने भी इस स्‍क्रीनशॉट को शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। इसमें हमें ट्विटर यूजर शुभम शुक्‍ला का ट्वीट (आर्काइव लिंक) मिला। 25 जून को किए गए इस ट्वीट में वायरल स्‍क्रीनशॉट को फेक बताया गया है। मंडल आर्मी द्वारा शेयर किए गए स्‍क्रीनशॉट के जवाब में इस ट्वीट को किया गया है। इसमें लिखा है कि दैनिक भास्‍कर से नाम से यह गलत स्‍क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा हे। दैनिक भास्‍कर ने भी इसका खंडन किया है।

इसके बाद हमने दैनिक भास्‍कर के ट्विटर अकाउंट को भी खंगाला। 25 जून को इस हैंडल से भी किए गए ट्वीट (आर्काइव लिंक) में वायरल स्‍क्रीनशॉट को फर्जी बताया गया है।

हमने दैनिक भास्‍कर में छपी एक अन्‍य खबर की तुलना वायरल स्‍क्रीनशॉट से की। वायरल स्‍क्रीनशॉट में पूरी हेडिंग लाल रंग में दी हुई है, जबकि असली खबर में स्‍लग लाल और हेडिंग काले रंग की है। इसके साथ ही ऐप या वेबसाइट पर छपी खबर में हेडिंग के नीचे फोटो है, जबकि वायरल स्‍क्रीनशॉट में फोटो नीचे है।

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक भास्‍कर के डिजिटल हेड प्रसून मिश्रा से संपर्क कर उनको वायरल स्‍क्रीनशॉट भेजा। उनका कहना है, “यह पूरी तरह से फर्जी है। इस तरह की कोई भी खबर पब्लिश नहीं हुई है।

इसके बाद हमने अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के इस कथित बयान के बारे में गूगल पर सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

इससे पहले दैनिक जागरण की छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से न्‍यूजपेपर की एडिटेड कटिंग वायरल की गई थी, जिसकी पड़ताल विश्‍वास न्‍यूज ने की थी। फैक्‍ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने फेक स्‍क्रीनशॉट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘ हरविंदर सिंह मूलनिवासी खालसा‘ की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर मुंबई में रहते हैं और उनके करीब 5 हजार फ्रेंड्स हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: दैनिक भास्‍कर के नाम से वायरल स्‍क्रीनशॉट फेक है। इस तरह की कोई भी खबर उसकी वेबसाइट पर नहीं छपी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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