Fact Check: 33 अगस्त की तारीख लिखी अखबार की एडिटेड कटिंग हो रही शेयर

एक राष्ट्रीय अखबार की खबर की कटिंग को एडिट कर वायरल किया जा रहा है। असली खबर में रक्षाबंधन की तारीख 31 अगस्त लिखी हुई है, जिसको एडिटिंग टूल्स की मदद से 33 अगस्त कर दिया गया।

Fact Check: 33 अगस्त की तारीख लिखी अखबार की एडिटेड कटिंग हो रही शेयर

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। रक्षाबंधन के त्योहार के पहले से सोशल मीडिया पर उसकी तारीख को लेकर अखबार की कथित खबर की कटिंग शेयर हो रही है। इसमें लिखा है कि 33 अगस्त को राखी का पर्व मनाया जाएगा। इसको शेयर कर कुछ यूजर्स बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, कुछ यूजर्स इसे असली समझकर मजाक उड़ा रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मी​डिया पर शेयर की जा रही अखबार की खबर की कटिंग एडिटेड है। एडिटिंग टूल्स की मदद से 31 को 33 करके वायरल कर दिया गया।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

एक्स यूजर वि​वेक पांडे (आर्काइव लिंक) ने 24 अगस्त को खबर की इस कटिंग को शेयर करते हुए लिखा,

गजब है बिहार में।
जब सरकार में अशिक्षित लोगों की पैदावार हुई है।
वहां पर आप यही उम्मीद कर सकते हैं।।

https://twitter.com/INDVivekPandey_/status/1694636336290906361

फेसबुक यूजर ‘समाजसेवी विजयकुमार हजरतपुर‘ (आर्काइव लिंक) ने भी इस कटिंग को मजाक उड़ाते हुए शेयर किया।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। इसमें हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर इससे संबंधित खबर मिली। 13 दिन पहले छपी इस खबर का मैटर वायरल कटिंग के मैटर से मिलता-जुलता है। हां, इसमें रक्षाबंधन की तारीख 31 अगस्त दी गई है, 33 अगस्त नहीं।

Dain

वायरल कटिंग को ध्यान से देखने पर पता चला कि यह खबर पटना डेटलाइन से लिखी गई है। इसके बाद हमने दैनिक भास्कर के पटना एडिशन के ई-पेपर को खंगाला। 20 अगस्त 2023 के संस्करण में हमें यह वायरल ​कटिंग मिल गई। इसमें 31 अगस्त की तारीख दी गई है, 33 अगस्त नहीं। इसका शीर्षक है, 30 की शाम तक रहेगा भद्रा, इसलिए 31 को रक्षाबंधन।

Dain

अखबार की दोनों कटिंग को ध्यान से देखने पर उनमें मैटर समान है, बस तारीख बदल दी गई है। वायरल कटिंग में 33 अगस्त की तारीख दी गई है, जबकि ऑरिजिनल में यह 31 अगस्त लिखी हुई है।

इस बारे में अधिक पुष्टि के लिए हमने दैनिक भास्कर बिहार के स्टेट हेड कुलदीप व्यास से संपर्क किया। उन्होंने वायरल क्लिप को फेक बताया। उनका कहना है, “हमारे यहां खबर में 31 अगस्त की तारीख छपी थी। उसे किसी ने 33 अगस्त कर दिया है।

इससे पहले इसी तरह दैनिक जागरण के अखबार की कटिंग को भी एडिट करके वायरल किया जा चुका है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल वायरल दावा झूठा निकला था।

पड़ताल के अंत में हमने खबर की एडिटेड कटिंग शेयर करने वाले यूजर की  प्रोफाइल को स्कैन किया। दिसंबर 2020 को एक्स (पूर्व में ट्विटर) से जुड़े यूजर के 23 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वह एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: एक राष्ट्रीय अखबार की खबर की कटिंग को एडिट कर वायरल किया जा रहा है। असली खबर में रक्षाबंधन की तारीख 31 अगस्त लिखी हुई है, जिसको एडिटिंग टूल्स की मदद से 33 अगस्त कर दिया गया।

False
Symbols that define nature of fake news
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