Fact Check: क्रिएटिव तरीके से खींची गई तस्वीर को भ्रामक दावे से किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर एक क्रिएटिव तकनीक से खींची गई है। इसके अलावा तस्वीर में नजर आ रहे शख्स का साधु होने का दावा फर्जी है।

Fact Check: क्रिएटिव तरीके से खींची गई तस्वीर को भ्रामक दावे से किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पिछले दिनों हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक शख्स को पानी में योग की मुद्रा में देखा जा सकता है। तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह शख्स साधु है, जिसने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पानी में योग किया है।  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर एक क्रिएटिव तकनीक से खींची गई है। इसके अलावा तस्वीर में नजर आ रहे शख्स का साधु होने का दावा फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘काशी में अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर पंचगंगा घाट पर धीरज गोस्वामी ने किया जल योग इससे यह पता लगाता है की योग साधना से कुछ भी सिद्ध किया जा सकता है , ये है भारतीय संस्कृति जिसपर सभी भारतीय को गर्व है #yog #bjp #rahulgandhi #RahulGandhi #yogapractice #kashi #YogDiwas’.

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल फोटो को सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह तस्वीर अनिल के दिनकर नाम के एक इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड हुई मिली।  

यहां तस्वीर को 4 मई 2024 को अपलोड किया गया है। वहीं, इस तस्वीर के साथी दी गई जानकारी के मुताबिक, इस फोटो को वाराणसी में खींचा गया है। यहां दिए गए कैप्शन में हमें इस शख्स के साधु होने से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने अनिल के दिनकर के इंस्टाग्राम हैंडल को चेक किया। यहां पर दिए गए बायो के मुताबिक, वह काशी के रहने वाले फोटोग्राफर हैं।

वायरल तस्वीर से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने अनिल के दिनकर से इंस्टाग्राम के जरिये संपर्क साधा और उन्होंने हमें इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘यह तस्वीर मैंने ही खींची हैं, यह महज एक रैंडम क्रिएटिव शॉट हैं। इस फोटो में जो शख्स है, वह वाराणसी का रहने वाला एक साधारण व्यक्ति है, कोई साधु  नहीं।’

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को तकरीबन 5 हजार लोग फॉलो करते हैं, वहीं यूजर वाराणसी  का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर एक क्रिएटिव तकनीक से खींची गई है। इसके अलावा तस्वीर में नजर आ रहे शख्स का साधु होने का दावा फर्जी है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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