Fact Check: कोविड-19 संक्रमण में होम क्वारंटाइन शेड्यूल के नाम पर फॉरवर्ड हो रहा भ्रामक मैसेज

कोविड-19 के संक्रमण में होम आइसोलेशन के लिए जाना है या नहीं, इसे मेडिकल ऑफिसर या एक्सपर्ट ही तय कर सकते हैं। होम क्वारंटाइन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की स्पष्ट गाइडलाइंस हैं। वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड किया जा रहा कथित होम क्वारंटाइन शेड्यूल भ्रामक है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। वॉट्सऐप पर कोरोना वायरस और उसके संक्रमण से जुड़ा एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है। वॉट्सऐप पर एक मैसेज शेयर किया जा रहा है। कोविड-19 संक्रमण की महामारी के दौरान इस मैसेज में कथित तौर पर होम क्वारंटाइन शेड्यूल शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि घर में रहकर इसमें बताई गई चीजें फॉलो करने से अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ है। कोविड-19 की वजह से होने वाला होम क्वारंटाइन एक्सपर्ट की सलाह के बाद उनकी देखरेख में ही होना चाहिए।

क्या हो रहा है वायरल?

विश्वास न्यूज़ को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट पर फैक्ट चेकिंग के लिए यह मैसेज मिला है। यह मैसेज वॉट्सऐप यूजर फॉरवर्ड कर रहे हैं। इस मैसेज में एक फुल डे चार्ट और इस दौरान की जाने वाली कुछ गतिविधियों का जिक्र किया जा रहा है। इस मैसेज में दिन के रूटीन में काढ़ा, स्टीम, गर्म नींबू-पानी, दूध-हल्दी जैसी चीजों को एक चार्ट बनाकर अलग-अलग टाइम में लेने की सलाह दी जा रही है। इस चार्ट के टॉप में इंग्लिश में लिखा है, ‘HOME QUARANTINE SCHEDULE’। इस चार्ट के नीचे कैप्शन में दावा करते हुए लिखा गया है, ‘’यह जानकारी हर ईन्सान तक पहुँच जाए तो होस्पीटल की जरूरत नहीं होगी इसे अधिक से अधिक शेयर करो भाई।’ इस मैसेज के स्क्रीनशॉट को नीचे देखा जा सकता है:

वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा यही मैसेज

पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले इस मैसेज को गौर से देखा। इसमें चार्ट के नीचे लिखे गए कैप्शन में शब्दों (इंसान की बजाए ईन्सान, हॉस्पिटल की बजाय होस्पीटल) को गलत तरीके से लिखा गया है।

हमने जरूरी कीवर्ड्स (Covid-19, Home quarantine etc) की मदद से गूगल पर सर्च किया। हमें भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोविड-19 होम आइसोलेशन को लेकर 2 जुलाई 2020 को जारी हुई एक रिवाइज्ड गाइडलाइंस मिली। इसमें विस्तार से बताया गया है कि कैसे लोगों को होम आइसोलेशन करने की अनुमति है। इसके पहले ही प्वाइंट में साफ लिखा है कि मेडिकल ऑफिसर की तरफ से वेरी माइल्ड/ प्री-सिम्प्टोमैटिक/ एसिम्प्टोमैटिक होने की घोषणा के बाद ही किसी शख्स को होम आइसोलेशन में जाना चाहिए। यानी एक्सपर्ट एडवाइस के बिना होम आइसोलेशन रिकमेंड नहीं किया जा रहा।

इसी तरह इस रिवाइज्ड गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि एचआईवी, कैंसर थेरेपी जैसी चीजों से गुजर रहे मरीज होम आइसोलेशन के लिए योग्य नहीं हैं। आप यहां क्लिक कर होम आइसोलेशन पर परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की रिवाइज्ड होम आइसोलेशन गाइडलाइंस को विस्तार से पढ़ सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस का स्क्रीनशॉट।

यानी किसी वॉट्सऐप फॉरवर्ड में होम क्वारंटाइन का शेड्यूल देखकर यह तय नहीं किया जा सकता कि होम आइसोलेशन में प्रभावी तरीके से कैसे जाया जाए। इस संबंध में विश्वास न्यूज़ ने एक्सपर्ट डॉक्टर से भी बात की। जनरल फिजिशियन डॉक्टर संजीव कुमार ने हमें बताया, ‘इस वॉट्सऐप मैसेज में बेसिक घरेलू उपचारों का जिक्र है। अबतक कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। ऐसे वॉट्सऐप फॉरवर्ड्स पर भरोसा करने की बजाय कोविड-19 से जुड़ा कोई भी लक्षण दिखने पर लोगों को हमेशा डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।’

निष्कर्ष: कोविड-19 के संक्रमण में होम आइसोलेशन के लिए जाना है या नहीं, इसे मेडिकल ऑफिसर या एक्सपर्ट ही तय कर सकते हैं। होम क्वारंटाइन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की स्पष्ट गाइडलाइंस हैं। वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड किया जा रहा कथित होम क्वारंटाइन शेड्यूल भ्रामक है।

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