Fact Check : दो अलग-अलग आंतकियों की तस्‍वीर का कोलाज बनाकर फैलाया गया भ्रम

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक निकला। जम्मू-कश्मीर में हुए दो अलग-अलग घटनाओं को एक कोलाज के साथ पेश किया गया है। दोनों तस्वीर अलग-अलग आतंकियों की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कश्‍मीर को लेकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्‍लेटफॉर्म पर दो तस्‍वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। इस कोलाज की पहली तस्‍वीर में एक आईडी कार्ड है, जबकि दूसरी तस्वीर में बुर्के में एक महिला को देखा जा सकता है। इस कोलाज को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि कोलाज में आतंकी मोहम्मद रईस अहमद भट्ट है। जिसका कुछ दिन पहले ही एनकाउंटर हुआ। इस कोलाज के जरिए यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि बुर्के में मोहम्मद रईस अहमद भट्ट है। विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। कश्मीर की दो अलग-अलग घटनाओं से जुड़ी तस्वीरों को कोलाज बनाकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। पड़ताल में पता चला कि वायरल कोलाज में अलग-अलग आतंकियों से जुड़ी तस्वीर हैं। दोनों एक ही नहीं हैं, जबकि यूजर इसे एक समझ कर वायरल कर रहे हैं।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर प्रांशु तिवारी ने 1 अप्रैल को एक कोलाज पोस्ट करते हुए लिखा : “आतंकवादी मोहम्मद रईस अहमद भट मारा गया, आतंकी बनने से पहले न्यूज पोर्टल का था एडिटर इन चीफ।”

पोस्‍ट के साथ दो तस्‍वीरों का कोलाज भी अपलोड किया। फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है।

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए उसे दो हिस्सों में बांटा। सबसे पहले प्रेस कार्ड वाली तस्वीर की सच्चाई पता लगाने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। सर्च के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट प्राप्त हुए। फ्री प्रेस जर्नल की वेबसाइट पर 30 मार्च 2022 को प्रकाशित एक खबर में वायरल पोस्ट की पहली तस्‍वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया : आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक आतंकवादी को पुलिस द्वारा श्रीनगर के रैनावाड़ी इलाके में एक मुठभेड़ में मार गिराया। आतंकी के पास एक मीडिया पहचान पत्र था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच को आगे बढ़ने पर हमें डेक्कन क्रॉनिकल की वेबसाइट पर एक खबर मिली। खबर के अनुसार, ‘श्रीनगर के रैनावाड़ी क्वार्टर में बुधवार तड़के एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो ‘आतंकवादियों’ को मार गिराया। पुलिस ने कहा कि उनमें से एक रईस अहमद भट्ट एक पूर्व पत्रकार था। जो पिछले साल अगस्त में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल हुआ था।’ यह खबर 30 मार्च 2022 को पब्लिश की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच के दौरान कश्‍मीर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। इसमें बताया गया, ‘#SrinagarEncounterUpdate: मारा गया आतंकवादी (रईस अहमद भट) पहले एक पत्रकार था और अनंतनाग में ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘वैली न्यूज सर्विस’ चला रहा था। वो 8/2021 में आतंकवादी रैंक में शामिल हुआ और हमारी सूची में ‘C’ श्रेणी में था। उसके खिलाफ आतंकी अपराधों के लिए पहले से ही 02 प्राथमिकी दर्ज हैं।’

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए कोलाज की दूसरी तस्‍वीर को सर्च करना शुरू किया, जिसमें बुर्का पहने एक महिला दिख रही थी। गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करने पर इससे मिलती-जुलती तस्वीर हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक खबर के साथ मिली। 30 मार्च 2022 को पब्लिश खबर में बताया गया कि 29 मार्च को उत्तरी कश्मीर के सोपोर में एक महिला ने सीआरपीएफ के शिविर पर पेट्रोल बम से हमला किया। इंटरनेट मीडिया पर हमले का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें महिला हमला करते हुए साफ नजर आ रही है। जानकारी के अनुसार, शाम करीब सवा सात बजे सोपोर में सीआरपीएफ के एक शिविर पर पेट्रोल बम से हमला हुआ। बताया जा रहा है कि यह वारदात वहां लगे सीसीटीवी में कैद हुई है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के दौरान हमें इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली। 29 मार्च को अपलोड इस खबर में बताया गया कि जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सीआरपीएफ कैंप पर एक महिला आतंकी ने बुर्का पहनकर सीआरपीएफ कैंप पर पेट्रोल बम फेंक दिया। पूरी खबर यहां देखें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए संबंधित कीवर्ड के आधार पर गूगल में सर्च शुरू किया। सर्च के दौरान हमें आजतक की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 31 मार्च को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि सोपोर में सुरक्षाबलों के बंकर पर पेट्रोल बम फेंकने वाली महिला को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। इसका नाम हसीना अख्‍तर है। यह बारामूला इलाके की रहने वाली है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, श्रीनगर के वरिष्‍ठ पत्रकार नवीन नवाज से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल कोलाज दो अलग-अलग घटनाओं में शामिल आंतकियों की है।

पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज की जांच की। फेसबुक यूजर प्रांशु तिवारी के सोशल स्कैनिंग से पता चला कि पोस्ट वायरल करने वाले पेज पर 12755 लाइक्स हैं। यह अकाउंट 28 मई 2020 से सक्रिय हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक निकला। जम्मू-कश्मीर में हुए दो अलग-अलग घटनाओं को एक कोलाज के साथ पेश किया गया है। दोनों तस्वीर अलग-अलग आतंकियों की है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट