Fact Check: कोयंबटूर में दवा मिली बिरयानी खिलाने का दावा फर्जी, पोस्‍ट करने वाले ट्विटर यूजर्स पर केस दर्ज

कोयंबटूर में दवा मिली बिरयानी खिलाने का दावा फर्जी है। पुलिस ने इस तरह की पोस्‍ट शेयर करने वाले 9 ट्विटर हैंडल्‍स के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। साथ ही फर्जी पोस्‍ट शेयर नहीं करने की चेतावनी भी दी थी।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर एक स्‍क्रीनशॉट को शेयर किया जा रहा है। इसमें तीन तस्‍वीरों के कोलाज के साथ लिखा है कि कोयंबटूर में पुलिस ने कुछ ऐसे लोगों को पकड़ा है, जो रेस्‍टोरेंट में बिरयानी में दवा मिलाकर हिंदू ग्राहकों को देते हैं, जिससे वे नपुंसक हो जाएं और मुस्लिमों को बिना दवा वाली बिरयानी परोसी जाती थी। कोलाज की पहली तस्‍वीर में पुलिस की गिरफ्त में कुछ आरोपियों को खड़े देखा जा सकता है, जबकि दूसरी फोटो में कुछ दवाओं के रैपर और तीसरी में एक युवक बिरयानी पकड़े दिख रहा है। इस स्‍क्रीनशॉट को शेयर कर कुछ यूजर्स भड़काऊ बातें लिख रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा फर्जी है। शेयर की जा रही तीनों तस्‍वीरें अलग-अलग जगह की हैं। इनका आपस में कोई कनेक्‍शन नहीं है। मई 2023 में इस तरह की फर्जी पोस्‍ट करने पर कोयंबटूर की साइबर क्राइम पुलिस ने नौ ट्विटर हैंडल्‍स के खिलाफ केस दर्ज किया था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वायरल स्‍क्रीनशॉट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है। स्‍क्रीनशॉट में लिखा है,

Biryani Jehad in Coimbatore…
Police found Biryani mixed with drugs to served to Hindu costomers and plain Biryani for the Muslims. The drugs have harmonal effects on the sexual potency of persons. This is Jehad for Demographic change.

(अनुवाद- कोयंबटूर में बिरयानी जिहाद … पुलिस को हिंदू ग्राहकों को परोसी जाने वाली नशीली दवाओं वाली बिरयानी और मुसलमानों को परोसी गई सादी बिरयानी मिली। दवाएं व्यक्ति को नपुंसक बनाती हैं। यह जनसांख्यिकी परिवर्तन के लिए जिहाद है।)

फेसबुक यूजर ‘राज कुमार गर्ग‘ (आर्काइव लिंक) ने 26 जून को इस स्‍क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा,

“जागो हिन्दुओं जागो l Share and Aware.”

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। 21 मई 2023 को द हिंदू की वेबसाइट पर इस बारे में खबर छपी है। इसके अनुसार, “साइबर क्राइम पुलिस ने एक फर्जी पोस्ट साझा करने के लिए नौ ट्विटर हैंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें कहा गया था कि कोयंबटूर में हिंदुओं को नशीली दवाओं के साथ बिरयानी परोसी गई थी। इसका शीर्षक था, कोयंबटूर में ‘बिरियानी जिहाद’। इसमें कहा गया कि पुलिस को हिंदू ग्राहकों को परोसी जाने वाली नशीली दवाओं वाली और मुसलमानों के लिए सादी बिरयानी मिली। फर्जी पोस्ट में आगे कहा गया कि दवाओं से व्यक्ति नपुंसक हो जाता है। यह जिहाद जनसांख्यिकीय परिवर्तन के लिए था। साइबर क्राइम पुलिस ने नौ ट्विटर हैंडल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505(1)(बी) और 465, धारा 43 सहपठित 66, 66डी सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 के तहत मामला दर्ज किया। फर्जी पोस्‍ट देखने के बाद कोयंबटूर शहर के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक पी थमरैकन्नन ने शिकायत दर्ज की।”

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर भी 22 मई को इस खबर को देखा जा सकता है। इसमें लिखा है कि शहर की साइबरक्राइम पुलिस ने नौ ट्विटर हैंडल्‍स के खिलाफ केस दर्ज किया है, जो दावा कर रहे थे कि मुस्लिम शख्‍स के रेस्‍टोरेंट में हिंदुओं को दवा मिली हुई बिरयानी खिलाई जा रही है। इस तरह की भड़काऊ पोस्‍ट देखने के बाद सबइंस्‍पेक्‍टर पी थमरैकन्नन ने शिकायत दर्ज की। पुलिस ने इस अफवाह को शेयर नहीं करने की चेतावनी दी है।

2 मार्च 2020 को न्‍यूज 18 की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है कि आरडी सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने पोस्‍ट किया कि मुसलमानों और हिंदुओं के लिए बिरयानी अलग-अलग बर्तन में पकाई जाती है। हिंदुओं की बिरयानी में ऐसी गोलियां मिलाई जाती हैं, जो किसी को नपुंसक बना देती हैं। कोयंबटूर में रहमान बिस्मिल्लाह का माशा अल्लाह नाम का एक रेस्टोरेंट ऐसी बिरयानी बेचते पकड़ा गया था। ट्वीट वायरल होने के बाद कोयंबटूर पुलिस ने उनको फेक पोस्‍ट नहीं करने को कहा। विरोध होने पर सिंह ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया।

कीवर्ड से और सर्च करने पर हमें कोयंबटूर पुलिस का 2 मार्च 2020 को किया गया ट्वीट (आर्काइव लिंक) मिला। इसमें लिखा है कि फर्जी खबर मत फैलाएं। सोशल मीडिया पर जिम्‍मेदार यूजर बनें।

इसके बाद हमने वायरल कोलाज की तस्‍वीरों को एक-एक करके गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया।

पहली तस्‍वीर

पहली तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च करने पर हमें यह बिजनौर पुलिस (आर्काइव लिंक) के ट्विटर हैंडल पर मिली। इसके अनुसार, शेरकोट थाना पुलिस ने मदरसे में अवैध हथियारों की तस्‍करी करते 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

दूसरी तस्‍वीर

इसको हमने गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। यह फोटो हमें डेली मिरर की वेबसाइट पर 2 मई 2019 को छपी खबर में मिली। इसे श्रीलंका के कोलंबो के मामले से संबंधित बताया गया है।

तीसरी तस्‍वीर

हाथ में बिरयानी की प्‍लेट पकड़े शख्‍स की तस्‍वीर को भी हमने गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। यह तस्‍वीर 1 जुलाई 2016 को Videosmylive – Indian Style यूट्यूब चैनल पर अपलोड एक वीडियो के थंबनेल पर मिली। इसका टाइटल है, Indian Muslim festival DUM BIRYANI Preparation for 30 People & STREET FOOD।

इससे पता चलता है कि कोलाज की तीनों तस्‍वीरें अलग-अलग मामलों की हैं। इनका आपस में कोई संबंध नहीं है।

इससे पहले भी यह पोस्‍ट वायरल हो चुकी है। विश्‍वास न्‍यूज ने तब कोयंबटूर के तत्‍कालीन डीएसपी थिरु एस विजयकुमार से बात की थी। उन्होंने इस पोस्‍ट को फेक बताया था।

इस बारे में हमने तमिलनाडु के स्‍थानीय पत्रकार सुरेश मूर्ति से संपर्क किया। उनका कहना है, “यह फेक पोस्‍ट है। पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है। ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

अलग-अलग मामलों की तस्‍वीरों के कोलाज को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘राज कुमार गर्ग‘ की प्रोफाइल को हमने स्‍कैन किया। इसके मुताबिक, वह हरियाणा के करनाल में रहते हैं और एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: कोयंबटूर में दवा मिली बिरयानी खिलाने का दावा फर्जी है। पुलिस ने इस तरह की पोस्‍ट शेयर करने वाले 9 ट्विटर हैंडल्‍स के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। साथ ही फर्जी पोस्‍ट शेयर नहीं करने की चेतावनी भी दी थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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