Fact Check: नहीं चढ़ाया जाता तिरुपति मंदिर में सिर्फ एक विशेष गाय का दूध, पुंगनूर गाय को लेकर वायरल दावा गलत है

नई दिल्‍ली विश्‍वास न्‍यूज। सोशल मीडिया पर आजकल एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक पुजारी को एक गाय की फूलों से और सिन्दूर से पूजा करते देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में एक विशेष गाय की प्रजाति को लेकर दावा किया जा रहा है कि तिरुपति मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए इसी विशेष गाय का दूध इस्तेमाल किया जाता है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही यह गाय ₹12 करोड़ की है और यह रोज 100 किलो दूध देती है। हमें अपनी पड़ताल में पाया कि यह सभी दावे गलतहैं हैं। तिरुपति मंदिर के गौशाला के एडमिनिस्ट्रेटर के अनुसार मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए किसी विशेष गाय का दूध इस्तेमाल नहीं किया जाता। बल्कि सभी गायों का दूध इस कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वीडियो में दिख रही गाय भी पुंगनूर गाय नहीं है। वीडियो में दिख रही गाय ओंगोल गाय है। हमने जाँच में ये भी पाया कि पुंगनूर गाय दिन में 100 किलो नहीं बल्कि सिर्फ 2-3 किलो दूध ही देती है। पुंगनूर गाय की कीमत भी 12 करोड़ नहीं होती हालांकि कुछ विशेष गाय ऐसी होती है जिनकी कीमत करोड़ों में होती है।

CLAIM

वायरल वीडियो में एक पुजारी को एक गाय की पूजा करते देखा जा सकता है। पुजारी इस गाय को फूलों से और सिंदूर से सजा रहे हैं। वीडियो के साथ दावे में लिखा है “इस गाय की कीमत है 12 करोड़ रूपये और यह प्रतिदिन करीब 100 लीटर दूध देती है। यह पुंगनुर गाय है। केवल इसी गाय के दूध से ही तिरुपति भगवान का अभिषेक होता है।इसको देखना बहुत ही शुभ माना गया है। ज्यादा से ज्यादा #शेयर करे ताकि ओर भी दर्शन कर सके।”

FACT CHECK

इस वायरल पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले तिरुपति मंदिर के एडमिनिस्ट्रेशन में कॉल किया। एडमिन मैनेजर रविशेखर ने हमें बताया “भगवान् के अभिषेक के लिए इस्तेमाल होने वाला दूध किसी एक विशेष गाय की प्रजाति का नहीं होता बल्कि सभी गायों की प्रजातियों का मिश्रण होता है। विशेष तौर पर ध्यान नहीं दिया जाता कि कौन सी गाय का दूध अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हर गाय का दूध पवित्र होता है।” हमें बताया गया कि तिरुपति मंदिर में इस्तेमाल किया जाने वाला दूध श्री वेंकटेश्वर गोसंरक्षणम ट्रस्ट की गौशाला से आता है।

इसके बाद हमने श्री वेंकटेश्वर गोसंरक्षणम ट्रस्ट के दर एडमिनिस्ट्रेटर रामलिंगम रेडी से फोन पर बात की। उन्होंने हमें बताया की उनकी गौशाला में ओंगोल, गिर, साहिवाल जैसी कई गायों की प्रजातियों की गाय हैं। उन्होंने हमें बताया कि उनकी गौशाला में पुंगनूर गाय भी है पर क्योंकि यह नस्ल विलुप्त होने के करीब है इसलिए इन्हें संरक्षण में रखा जाता है। हमने उनके साथ वायरल वीडियो भी शेयर करा जिसपर उन्होंने हमें बताया कि वीडियो में दिख रही गाय ओंगोल गाय है। पुंगनूर गाय छोटी होती है, जबकि में वीडियो में देख रही गाय आम गाय के आकार की ही है। उन्होंने हमें ये भी बताया कि उनकी गौशाला से दूध तिरुपति मंदिर सहित कई जगहों पर जाता है मगर उन्हें किसी एक विशेष प्रजाति की गाय के दुध का आदेश नहीं दिया जाता।

इसके बाद हमने महरौली गौशाला में स्वैच्छिक काम करने वाले डॉक्टर मुकेश कुमार से बात की। उन्होंने हमें बताया कि कई गाय और पशु ऐसे होते हैं जिनकी कीमत करोड़ों में होती है। उन्होंने हमें बताया कि पुंगनूर गाय ऊंचाई में छोटी होती है और वह दिन का 100 किलो नहीं बल्कि सिर्फ 2 से 3 किलो दूध देती है।

हमने इंटरनेट पर ढूंढा तो पाया कि बीते वर्षों में कई पालतू पशु करोड़ों की राशि में बिके हैं।

इस वीडियो को कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Partha Pratim Nath नाम का फेसबुक प्रोफाइल।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो में दिख रही गाय पुंगनूर प्रजाति की नहीं बल्कि ओंगोल प्रजाति की गाय है। तिरुपति मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए भी सिर्फ एक विशेष गाय का दूध इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि सभी गायों का दूध इस्तेमाल किया जाता है। हमने जाँच में ये भी पाया कि पुंगनूर गाय दिन में 100 किलो नहीं बल्कि सिर्फ 2-3 किलो दूध ही देती है। पुंगनूर गाय की कीमत भी 12 करोड़ नहीं होती हालांकि कुछ विशेष गाय ऐसी होती है जिनकी कीमत करोड़ों में होती है।

False
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