Fact Check: महिला को जेएनयू की छात्रा बता कर किया जा रहा दावा निकला फर्जी

Sanjukta Basu नाम की महिला की तस्वीर वायरल करते हुए उन्हें जेएनयू की छात्रा बता कर हॉस्टल की सब्सिडी का गलत इस्तेमाल करने का दावा किया जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा पूरी तरह से फर्जी पाया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में महिला अपने कुछ परिचितों के साथ पार्टी करती दिख रही हैं। तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि ये महिला जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में मिली सब्सिडी की सुविधा का दुरुपयोग कर रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी पाया गया है। तस्वीर में दिख रही महिला का नाम संजुक्ता बसु है और ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक, वह नेशनल हेराल्ड में एडिटोरियल कंसल्टेंट हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुज पेज ‘Sabki Bajate Raho Last Bencher ’ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘मिलिए सब्सिडी लेने वाली (JNU) जेएनयू की गरीब छात्रा से’। कई अन्य यूजर्स ने भी इस तस्वीर को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

पड़ताल

सबसे पहले हमने इस तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इससे जुड़े परिणामों में इंटरनेट पर Sanjukta Basu नाम से ट्विटर का वेरिफाइड अकाउंट मिला। इस अकाउंट में लगी तस्वीर और वायरल तस्वीर में दिख रही महिला एक ही हैं। नीचे वायरल तस्वीर और संजुक्ता बसु की असल तस्वीर को एक साथ देखकर इसे समझा जा सकता है।

संजुक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ली गई तस्वीर (बाएं) और वायरल तस्वीर (दाएं)।

हमने इसके बाद संजुक्ता बसु के बारे में किए गए वायरल दावे को लेकर पड़ताल शुरू की। हमने यह जानना चाहा कि क्या संजुक्ता बसु किसी भी तरह से जेएनयू से संबंध रखती हैं या क्या वह इस यूनिवर्सिटी में पीएचडी में इनरॉल हैं। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो संजुक्ता के किसी जेएनयू कनेक्शन की पुष्टि करती हो।

Sanjukta Basu के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वह नेशनल हेराल्ड की एडिटोरियल कंसलटेंट हैं। वहीं Ex-Lawyer, Author, Photographer भी हैं। उनके एकाउंट से मिली जानकारी के मुताबिक, वो Women’s political space विषय पर PhD कर रही हैं, लेकिन यहां भी जेएनयू से पढ़ाई की बात का जिक्र कहीं नहीं है। हालांकि, उनके अकाउंट को जांचने से पता चला कि वो एक राजनीतिक पार्टी का समर्थन करती हैं।

हमें लिंकडिन पर संजुक्ता बसु की प्रोफेशनल प्रोफाइल भी मिली। इस प्रोफाइल में संजुक्ता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए, एलएलबी का जिक्र किया है, लेकिन यहां भी जेएनयू का कोई जिक्र नहीं है। इसी तरह से हमें उनकी वेबसाइट https://sanjukta.wordpress.com/ में उनकी प्रोफाइल के बारे में दी गई जानकारी मिली। यहां भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से की गई उनकी पढ़ाई का जिक्र है, लेकिन जेएनयू का जिक्र कहीं नहीं है।

हमने और पुख्ता परिणाम के लिए सीधे Sanjukta Basu से संपर्क किया। फोन पर हुई बात में उन्होंने बताया कि अपने अकादमिक जीवन में वह किसी भी तरह से जेएनयू से नहीं जुड़ी रहीं। हालांकि, उन्होंने ये बताने से इनकार किया कि वह पीएचडी कहां से कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जेएनयू से कभी पढ़ाई नहीं की और वायरल किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी है। संजुक्ता बसु ने हमें बताया कि उन्होंने भी अपने बारे में शेयर किया जा रहा यह फर्जी दावा देखा है और फेसबुक से इसकी शिकायत की है।

हमने वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक पेज Sabki Bajate Raho Last Bencher को स्कैन किया। जांच में पता चला की एकाउंट से एक विशेष धर्म और राजनीतिक पार्टी के समर्थन में ही ट्वीट किए जाते हैं।

(With inputs from Vivek Tiwari)

निष्कर्ष: Sanjukta Basu नाम की महिला की तस्वीर वायरल करते हुए उन्हें जेएनयू की छात्रा बता कर हॉस्टल की सब्सिडी का गलत इस्तेमाल करने का दावा किया जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा पूरी तरह से फर्जी पाया गया है।

False
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