Fact Check : जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी को अनदेखा किए जाने का दावा फर्जी, एडिटेड वीडियो को किया जा रहा वायरल 

वीडियो के एक हिस्से को काटकर दुष्प्रचार की मंशा से सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। असली वीडियो में नेताओं को उनसे बात करते और हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। जापान के जी-7 शिखर सम्मेलन के खत्म होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुपचाप खड़े हैं, जबकि अन्य नेता आपस में बातचीत कर रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी को वहां मौजूद नेताओं ने अनदेखा कर दिया। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है। असली वीडियो में नेताओं को उनसे बात करते और हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है। असली वीडियो में से सिर्फ उसी हिस्से को काटकर दुष्प्रचार की मंशा से गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जब वो फोटो खिंचवाकर इधर-उधर देख रहे थे।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘साजिद हशमत’ ने 22 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “गो** मीडिया तो कुछ और दिखा रहा था और यहां तो कुछ और ही सीन चल रहा है। Quad Leaders’ Summit 2023 में सभी राष्ट्रध्यक्ष के बीच विश्व गुरु का यह अपमान घोर निन्दनीय है।” #QuadLeadersSummit2023

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/rsdaroga/status/1660264915935072257

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। इस दौरान हमें इसका लंबा वर्जन 20 मार्च 2023 को पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो की शुरुआत में 13 सेकेंड पर देखा जा सकता है कि फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों रुककर  पीएम मोदी का इंतजार करते हैं, फिर वो उनसे बात  करते हुए उनके साथ आगे जाते हैं। वीडियो के आखिर में 2 मिनट 37 सेकेंड पर देखा जा सकता है कि जापान के पीएम फुमियो किशिदा पीएम मोदी से हाथ मिलाते हैं और उनसे बात करते हुए आगे जाते हैं। वायरल वीडियो वाले हिस्से को 2.28 से 2.36 सेकेंड से देखा जा सकता है, जब वो फोटो खिंचवाकर इधर-उधर देख रहे थे। सिर्फ इतने ही हिस्से को काटकर दुष्प्रचार की मंशा से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर एक बार फिर जी 7 शिखर सम्मेलन की आधिकारिक वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। हमें यहां पर वीडियो से जुड़ी कई तस्वीरें मिली। इन तस्वीरों में पीएम मोदी को फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों सहित कई अन्य नेताओं से बात करते हुए देखा जा सकता है। 

जांच के दौरान हमें इस सम्मेलन से जुड़ी कई तस्वीरें गेट्टी इमेज की वेबसाइट पर मिली। इन तस्वीरों में साफ तौर पर फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों को स्टेज पर पीएम मोदी से बात करते हुए देखा जा सकता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण दिल्ली में नेशनल कवर करने वाले संवाददाता जेपी रंजन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। वीडियो को एडिट कर वायरल किया जा रहा है। पीएम मोदी को जी 7 सम्मेलन में अनदेखा नहीं किया गया है।”

विश्वास न्यूज ने बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर से भी वायरल दावे को लेकर बातचीत की। उन्होंने हमें बताया, “पीएम मोदी की छवि को खराब करने के लिए इस तरह के एडिटेड वीडियो को विपक्षी पार्टियां सोशल मीडिया पर वायरल करती रहती हैं। ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।”

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को 69 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि जी 7 शिखर सम्मेलन का वायरल वीडियो एडिटेड है। वीडियो के एक हिस्से को काटकर दुष्प्रचार की मंशा से सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। असली वीडियो में नेताओं को उनसे बात करते और हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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