Fact Check: UPSC एग्जाम में इस्लामिक स्टडीज विषय होने का दावा फर्जी
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के एग्जाम में इस्लामिक स्टडी नाम का विषय नहीं है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Oct 11, 2023 at 12:38 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) के एग्जाम में इस्लामिक स्टडी का विषय है। वायरल पोस्ट में मांग की गयी है कि ‘UPSC से इस्लामिक स्टडी सब्जेक्ट को हटाया जाए या फिर वैदिक स्टडी को भी जोड़ा जाय।’
विश्वास न्यूज की पड़ताल में निकल कर आया कि यूपीएससी के एग्जाम में ‘इस्लामिक स्टडी’ नाम का कोई भी विषय मौजूद नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में
श्रवण भारद्वाज नाम के फेसबुक यूजर (Archive) ने 10 अक्टूबर को इस पोस्ट को शेयर किया, जिसमें लिखा था “UPSC से इस्लामिक स्टडी तुरंत हटाई जाय या फिर वैदिक स्टडी को भी जोड़ा जाय ! सभी से अनुरोध है कि इसका समर्थन करें।”
पड़ताल
यूपीएससी देश का सबसे प्रतिष्ठित एग्जाम है। इस परीक्षा से आईएएस और आईपीएस जैसे महत्वपूर्ण अधिकारियों का चयन होता है।। ऐसे में यह दावा सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
पोस्ट की जांच करने के लिए हमने सबसे पहले 2023 के लिए यूपीएससी की परीक्षा के नोटिफिकेशन को चेक किया। वहां हमें कहीं भी इस्लामिक स्टडीज जैसा कोई विषय नहीं मिला।
यहाँ पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा दो चरण में होती हैं। पहले प्रीलिम्स और फिर मेन्स।
पहले चरण के पाठ्यक्रम में इंडियन पॉलिटिक्स, ज्योग्राफी, इकोनॉमिक्स एंड सोशल डेवलपमेंट, जनरल अवेयरनेस, लॉजिकल रीजनिंग, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, हिस्ट्री, क्लाइमेट चेंज, जैसे विषय शामिल हैं। हमें कहीं भी इस्लामिक स्टडीज जैसा विषय नहीं मिला, जबकि मेन्स में पांच विषय सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य हैं। विद्यार्थी छठवां और सातवां विषय अपनी मर्जी से चुन सकते हैं, लेकिन इन ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की लिस्ट में भी हमें ‘इस्लामिक स्टडीज’ नाम का कोई भी विषय नहीं मिला। सर्च के दौरान हमें यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘इस्लामिक स्टडीज’ नामक विषय की कोई जानकारी नहीं मिली।
इस संदर्भ में और जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने दिल्ली में स्थित UPSC की परीक्षा की तैयारी करवाने वाली कैरियर प्लस एजुकेशन सोसायटी के डायरेक्टर अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टडीज नाम का कोई विषय यूपीएससी के एग्जाम में नहीं है। इस एग्जाम में उर्दू साहित्य का विषय जरूर है। इस्लामिक स्टडीज विषय की बात पूरी तरह फर्जी है।
कीवर्ड्स के साथ ढूंढ़ने पर हमें आइएएस अधिकारी सोमवेश उपाध्याय का 2020 का एक ट्वीट भी मिला। उन्होंने अपने X अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल दावे का खंडन किया था।
विश्वास न्यूज ने पहले भी ऐसे ही एक दावे की पड़ताल की थी। उसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।
यूजर की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर श्रवण भारद्वाज (Sharwan Bhardwaj) के 27000 से अधिक फॉलोअर्स हैं। यूजर दिल्ली में रहता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के एग्जाम में इस्लामिक स्टडी नाम का विषय नहीं है।
- Claim Review : श्रवण भारद्वाज नाम के फेसबुक यूजर (Archive) ने 10 अक्टूबर को इस पोस्ट को शेयर किया, जिसमें लिखा था
- Claimed By : FB User श्रवण भारद्वाज नाम के फेसबुक यूजर (Archive) ने 10 अक्टूबर को इस पोस्ट को शेयर किया, जिसमें लिखा था
- Fact Check : झूठ
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