Fact Check: MSME भुगतान से संबंधित आयकर की धारा 43B(h) को एक साल का विस्तार देने का दावा FAKE

सोशल मीडिया पर किया जा रहा यह दावा गलत और अफवाह है कि सरकार ने एमएसएमई भुगतान से संबंधित आयकर अधिनियम की धारा 43B(h) को एक साल के लिए विस्तार दे दिया है। इस प्रावधान को वित्त अधिनियम 2023 के जरिए प्रभाव में लाया गया था, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन देते हुए कारोबारियों की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि सरकार ने एमएसएमई भुगतान के लिए इनकम टैक्स कानून की धारा 43 B (h) के तहत रियायत देने का फैसला किया है। दावा किया जा रहा है कि सरकार ने इस नए प्रावधान को अगले एक साल तक के लिए टाल दिया है, जिसके तहत भुगतान की अवधि 45 दिन सुनिश्चित किया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। फाइनेंस एक्ट 2023 के तहत लाए गए इस प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है।  

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Darshan Singh’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “Meeting done successfully one year extended for MSME Relief to traders. 43b(h) of income tax act for msme payment within 45 days extended for one year. Thanks FM for her support.”

(“बैठक सफलतापूर्वक सम्पन्न,एमएसएमई ट्रेडर्स को राहत देते हुए एक वर्ष का विस्तार। एमएसएमई भुगतान के लिए आयकर अधिनियम की धारा 43 बी (एच) 45 दिनों के भीतर एक वर्ष के लिए बढ़ा दी गई है। वित्त मंत्री को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद।”)

सोशल मीडिया पर फेक दावे के साथ वयारल पोस्ट।

कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर टाइम्स ऑफ इंडिया की 10 जनवरी 2024 की रिपोर्ट मिली, जिसमें यह तस्वीर नजर आ रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की 10 फरवरी 2024 की रिपोर्ट, जिसमें नए प्रावधानों को लेकर कपड़ा व्यापारियों के वित्त मंत्री को ज्ञापन दिए जाने का जिक्र है।

रिपोर्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, “सूरत के कपड़ा व्यापारियों ने शुक्रवार को नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करते हुए इनकम टैक्स एक्ट में जोड़े गए नए भुगतान प्रावधान को लेकर चिंता जताई। इस नए प्रावधान के मुताबिक, खरीदार को एमएसएमई यूनिट से खरीदारी के 45 दिनों के भीतर भुगतान करना होता है। अगर वह ऐसा करने में विफल रहता है तो यह रकम खरीदार के लिए मुनाफा समझा जाएगा। यह संशोधन नए वित्त वर्ष से प्रभाव में आया है।”

हालांकि, किसी भी रिपोर्ट में हमें इस बात की सूचना नहीं मिली, जिसमें इस बदलाव को वापस लिए जाने या समयावधि को बढ़ाए जाने का जिक्र है। सरकार की तरफ से भी इस बात का खंडन किया गया है।

सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, आयकर अधिनियम की धारा 43B(h) में  कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो एमएसएमई को भुगतान किए जाने से संबंधित है।

FOSTTA ने भी इस वायरल पोस्ट का खंडन करते हुए इसे अफवाह बताया है। इसमें बताया गया है कि FOSTTA प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर एमएसएमई सेक्शन 43 B (h) को एक साल के लिए विस्तारित करने का अनुरोध किया था, जिस पर वित्त मंत्री की तरफ से विचार किए जाने का आश्वासन दिया गया।

FOSTTA की तरफ से जारी किया गया खंडन।

वायरल दावे को लेकर विश्वास न्यूज ने जीएसटी विशेषज्ञ और A2Z टैक्सकॉर्प एलएलपी के संस्थापक बिमल जैन से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि सरकार की तरफ से नए नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने असेसमेंट ईयर (AY) 2024-25 से नए नियम को लागू किया है, जिसके तहत एमएसएमई से खरीदारी करने वाले खरीदार को 45 दिनों के भीतर भुगतान करना होगा। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उस भुगतान राशि को आय माना जाएगा, जिस पर सरकार को टैक्स देना होगा।

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है। अर्थव्यवस्था और बिजनेस से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर मौजूद बिजनेस सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर किया जा रहा यह दावा गलत और अफवाह है कि सरकार ने एमएसएमई भुगतान से संबंधित आयकर अधिनियम की धारा 43B(h) को एक साल के लिए विस्तार दे दिया है। इस प्रावधान को वित्त अधिनियम 2023 के जरिए प्रभाव में लाया गया था, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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