विश्वास न्यूज की पड़ताल में बच्चे और सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर संग वायरल की जा रही कहानी मनगढ़ंत निकली है। यह तस्वीर 2019 की है। तब सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में वनटांगिया समुदाय के लोगों संग दिवाली मनाई थी।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक बच्चे संग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर शेयर की जा रही है। इस तस्वीर संग एक कहानी भी है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि काशी यात्रा में योगी ने एक बच्चे को रोते हुए देखा। दावे के मुताबिक, बच्चे ने सीएम योगी को बताया कि उसके माता-पिता नहीं हैं और एक मामा थे उनका भी निधन हो गया। पोस्ट में आगे दावा किया जा रहा है कि सीएम योगी ने बच्चे को दिलासा देते हुए कहा कि आज से वह उसके मामा हैं और उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि सीएम फंड से बच्चे की शिक्षा और भोजन का ख्याल रखा जाए। विश्वास न्यूज की पड़ताल में तस्वीर संग वायरल हो रही कहानी झूठी निकली है। यह तस्वीर काशी की नहीं, बल्कि गोरखपुर में वनटांगिया समुदाय की बस्ती की है। 2019 में सीएम योगी ने वनटांगिया समुदाय के संग दिवाली मनाई थी और यह तस्वीर तभी की है।
फेसबुक पर हिन्दू जागरण मंच नाम के पेज से वायरल मैसेज को स्क्रीनशॉट के रूप में शेयर किया है। इसपर लिखा है, ‘काशी यात्रा में योगी ने एक बच्चे को रोते हुए देखा। वह बच्चे के पास गए और कारण पूछा। बच्चे ने कहा कि मेरे माता-पिता मर गए। मैं मामा के साथ रह रहा था, कल वह भी मर गए। योगी ने कहा “बेटा आज से मै तुम्हारा मामा” उन्होंने डीएम को आदेश दिया कि जब तक बड़े होकर उसे नौकरी नहीं मिलती, तब तक वे सीएम फंड से उसके भोजन और शिक्षा का ध्यान रखें। [[[#योगी_भक्त]]]🦁⚔️🚩।’ फैक्ट चेक के उद्देश्य से इस पोस्ट में लिखी बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट के दावों की पड़ताल के लिए इस तस्वीर पर सबसे पहले गूगल इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इस तस्वीर से मिलते-जुलते ढेरों परिणाम मिले। हमें 27 अक्टूबर 2019 को लाइव हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में यही वायरल तस्वीर मिली। गोरखपुर डेटलाइन से लिखी गई खबर में बताया गया था कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया बस्ती तिनकोनिया में बस्ती के लोगों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने यहां कई कार्यक्रम में भाग लिया। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
यही तस्वीर हमें 28 अक्टूबर 2019 को पंजाब केसरी की साइट पर मौजूद रिपोर्ट में भी मिली। इस रिपोर्ट में भी इसे य़ोगी के वनटांगिया बस्ती की तस्वीर ही बताया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इस खबर की पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने लाइव हिन्दुस्तान के रिपोर्टर राजीव दत्त पांडेय से संपर्क किया, जिनकी बाइलाइन खबर में वायरल तस्वीर का जिक्र है। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह तस्वीर काशी की नहीं, बल्कि गोरखपुर वनटांगिया बस्ती की है। उन्हेंने खुद अपने मोबाइल से सीएम संग बच्ची की तस्वीर को कैप्चर किया था।
हमें इंटरनेट पर पड़ताल के दौरान ऐसी कोई प्रामाणिक मीडिया रिपोर्ट भी नहीं मिली, जो तस्वीर संग वायरल हो रही कहानी की पुष्टि करती हो। अगर सीएम योगी ने काशी (वाराणसी) की अपनी किसी यात्रा के दौरान सरकारी खर्च पर किसी बेसहारा बच्चे के लालन-पालन का निर्देश दिया होता, तो इसकी प्रामाणिक मीडिया रिपोर्ट्स जरूर मौजूद होतीं।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक पेज हिन्दू जागरण मंच को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज के 73516 फॉलोअर्स थे।
(With inputs from Vivek Tiwari)
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में बच्चे और सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर संग वायरल की जा रही कहानी मनगढ़ंत निकली है। यह तस्वीर 2019 की है। तब सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में वनटांगिया समुदाय के लोगों संग दिवाली मनाई थी।
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