Fact Check : राजस्‍थान में बच्‍चे की नहीं दी गई बलि, फर्जी है वायरल पोस्‍ट

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक जुलूस को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि एक मासूम बच्‍चे की बलि चढ़ाने के बाद लोग खुशियां मना रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि वायरल पोस्‍ट का दावा गलत है। अक्‍टूबर 2018 को नवरात्रि के अवसर पर राजस्‍थान के भीलवाड़ा स्थित एक गांव में जुलूस निकाला गया था। इसमें ट्रिक से ऐसा दिखाया गया कि लोगों को लगा कि बच्‍चे की बलि दी गई है। जबकि सच्‍चाई ऐसी नहीं थी। इस बात की तस्‍दीक खुद राजस्‍थान पुलिस ने की।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

रणविजय गुप्‍ता नाम के एक यूजर ने अपने फेसबुक पेज पर 30 अक्‍टूबर को दोपहर सवा दो बजे एक वीडियो अपलोड किया और दावा किया : ये कौनसा धर्म है भाया जिसने एक मासूम बच्चे की बली चढ़ा दी और सारे लोग खुशियां मना रहे हैं और ये कहाँ का video हैं येभी स्पष्ट नहीं हैं ..

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। वीडियो कुछ आदमियों ने रंगबिरंगी पगडि़यां पहनी हुई हैं। इसी तरह कुछ औरतों को घूंघट में भी देखा जा सकता है। मतलब यह वीडियो राजस्‍थान के किसी जिले का है।

इसके बाद हमने InVID में वायरल वीडियो को अपलोड करके कई ग्रैब निकाले और गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें फेसबुक पर एक पोस्‍ट मिली। 20 अक्‍टूबर 2018 को अपलोड की गई इस पोस्‍ट में बताया गया कि राजस्‍थान के भीलवाड़ा में एक बच्‍चे की बलि देकर जुलूस निकाला गया। मतलब साफ था कि वायरल वीडियो एक साल पुराना है। अब हमें इस वीडियो की सच्‍चाई पता लगानी थी।

इसके बाद हमने गूगल में भीलवाड़ा में नरबलि टाइप करके सर्च किया तो हमें कई वेबसाइट पर इस कीवर्ड से जुड़ी खबरें मिलीं। पत्रिका डॉट कॉम की एक खबर के मुताबिक, भीलवाड़ा के गंगापुर थाना क्षेत्र के खाखला गांव में दशहरे पर निभाई गई परंपरा का वीडियो वायरल होने से सनसनी मच गई। ग्रामीणों ने एक जुलूस निकाला था। उसमें ट्रिक दिखाते हुए एक बच्‍चे का जुलूस ऐसे निकाला गया कि लगा कि इसकी बलि दी गई है। यह शोभायात्रा हर साल निकाली जाती है।

पड़ताल के दौरान हमने InVID टूल की मदद से पुराने ट्वीट को सर्च करना शुरू किया। इसके लिए हमने भीलवाड़ा और बलि जैसे कीवर्ड टाइप किए और टाइम लाइन टूल का इस्‍तेमाल किया। हमें भीलवाड़ा पुलिस के ट्विटर हैंडल पर एक पुराना ट्वीट मिला। इसमें बताया गया कि गंगापुर के खाकरा ग्राम में कोई ऐसी घटना नहीं घटी है। यह ट्वीट 19 अक्‍टूबर 2018 को किया गया था।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने राजस्‍थान पुलिस की वेबसाइट खंगालते हुए गंगापुर थाने का नंबर निकाला। वहां हमारी बात दतार सिंह से हुई। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट का दावा फर्जी है। गंगापुर थाना क्षेत्र में किसी बच्‍चे की बलि नहीं दी गई है।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने रणविजय गुप्‍ता नाम के यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि रणविजय गुप्‍ता नाम के पेज को 11 सितंबर 2014 को बनाया गया था। इस पेज को छह सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि बच्‍चे की बलि वाली वायरल पोस्‍ट फर्जी है। भीलवाड़ा के गंगापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हर साल नवरात्रि पर एक जुलूस निकाला जाता है। वायरल वीडियो भी उसी जुलूस का है। इसमें ट्रिक से ऐसा दिखाया गया कि देखने वालों को लगा कि बच्‍चे की बलि दी गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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