Fact Check: चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करता, वायरल मैसेज फेक है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करती है। वायरल मैसेज गलत है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि “प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि यदि कोई पार्टी की मेजबानी कर रहा है और भोजन बच जाता है तो लोग 1098 पर कॉल कर सकते हैं। वे घर जाते हैं और सारा बचा हुआ खाना इकट्ठा करते हैं।” विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया। 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करता है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

विश्वास न्यूज़ को अपने चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर यह दावा चेक करने के लिए जुगल नाम के यूजर ने भेजा। मैसेज में लिखा था “खुशखबरी: प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के अनुसार – अगर आपके घर में कोई समारोह / पार्टी है और बहुत सारा खाना बर्बाद हो रहा है, तो कृपया 1098 (भारत में कहीं भी) पर कॉल करें – चाइल्ड हेल्पलाइन के लोग आपसे भोजन एकत्र कर लेंगे … कृपया इस संदेश को हर जगह फैलाएं जिससे कि कई बच्चों को खाने की मदद मिल सकती है। कृपया इस जंजीर को न तोड़ें, मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होठों से बेहतर हैं* कृपया 4 ग्रुप में ये खबर कॉपी और पेस्ट करके भेजने में कुछ सेकंड लगते हैं… * धन्यवाद। “

ढूंढ़ने पर हमने पाया कि यह दावा फेसबुक पर भी काफी वायरल है।

यहां पोस्ट और उसके आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल:

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले कीवर्ड सर्च किया। हमें 16 जुलाई, 2018 को प्रकाशित बिजनेस स्टैंडर्ड पर एक आर्टिकल मिला। आर्टिकल के अनुसार, ‘बचे हुए भोजन को इकट्ठा करने के लिए बहुत-से कॉल आने के बाद चाइल्ड हेल्पलाइन ने जारी किया स्पष्टीकरण।’ खबर में लिखा था, “एक वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि पार्टी आदि के बाद बचा हुआ भोजन बर्बाद होने से बचाने के लिए आप 1098 पर कॉल कर सकते हैं। यह सच नहीं है। हम देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले बच्चों के लिए भारत की एकमात्र और सबसे व्यापक चिल्ड्रन फोन आपातकालीन आउटरीच सेवा (1098) हैं। हम खाना इकट्ठा नहीं करते।”

इस विषय में हमें @CHILDLINE1098 पर एक ट्वीट भी मिला। यह ट्वीट 17 मार्च 2010 को किया गया था। ट्वीट में लिखा था, “RT Beware of a False Chain Mail says to call 1098 to dispose of leftover food. Our lines jam coz of this and children can’t get through us.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “एक झूठी चेन मेल से सावधान रहें। इस मेल में बचे हुए भोजन को उठाने के लिए 1098 पर कॉल करने को कहा जा रहा है। हमारी लाइनें इसके कारण जाम हो जाती हैं और जिन बच्चों को हमारी ज़रूरत है, वे हमसे जुड़ नहीं पाते।”

जांच के अगले चरण में हमने चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन से संपर्क साधा। चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन के हेड रिसोर्स मोबिलाइजेशन एंड कम्युनिकेशंस, विकास पुथरन ने कहा, “यह एक फर्जी मैसेज है। चाइल्ड लाइन 1098 संकटग्रस्त बच्चों के लिए एक निःशुल्क आपातकालीन हेल्पलाइन है। हम बच्चों को सहायता देते हैं। हम बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करते।”

विश्वास न्यूज़ ने इसी तरह की पोस्ट का फैक्ट चेक पहले भी किया था। उस फैक्ट चेक को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

जांच के अंतिम चरण में, विश्वास न्यूज़ ने उस प्रोफ़ाइल की सोशल स्कैनिंग की, जिसने वायरल संदेश शेयर किया था। Sanjay Kumar को 106 लोग फॉलो कर रहे हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करती है। वायरल मैसेज गलत है।

False
Symbols that define nature of fake news
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