Fact Check: चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना नहीं इकट्ठा करता, वायरल मैसेज है फेक

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करती है। वायरल मैसेज फर्जी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): विश्वास न्यूज को मराठी में शेयर किया गया एक वायरल मैसेज मिला, जिसमें दावा किया गया था कि प्रधान मंत्री मोदी ने घोषणा की है कि यदि कोई पार्टी की मेजबानी कर रहा है और भोजन बच जाता है तो लोग भारत में 1098 पर कॉल कर सकते हैं, जो कि बच्चों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर है। वे घर जाते हैं और सारा बचा हुआ खाना इकट्ठा करते हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया। 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन बचा हुआ खाना नहीं इकट्ठा करता है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Nilesh Jain NZ ने 15 दिसंबर को मराठी में लिखे वायरल मैसेज का स्क्रीनशॉट अपने प्रोफाइल पर शेयर किया और अन्य लोगों से पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने को कहा।

यहां पोस्ट और उसके आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल:

विश्वास न्यूज ने साधारण कीवर्ड सर्च से अपनी जांच शुरू की। हमें 16 जुलाई, 2018 को प्रकाशित बिजनेस स्टैंडर्ड पर एक आर्टिकल मिला।

आर्टिकल का शीर्षक था, ‘बचे हुए भोजन को इकट्ठा करने के लिए बहुत से कॉल आने के बाद चाइल्डलाइन ने जारी किया स्पष्टीकरण’ खबर में लिखा था :

“एक चेन मेल चल रहा है जो कहता है – किसी को पार्टी आदि के बाद बचा हुआ भोजन लेने के लिए 1098 पर कॉल करना चाहिए ताकि यह बर्बाद न हो। यह सच नहीं है। हम देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले बच्चों के लिए भारत की एकमात्र और सबसे व्यापक चिल्ड्रन फोन आपातकालीन आउटरीच सेवा (1098) हैं।”

ट्विटर पर ‘एडवांस सर्च’ के माध्यम से, हमें ‘चाइल्डलाइन’ द्वारा उनके अकाउंट @CHILDLINE1098 पर एक ट्वीट भी मिला। यह ट्वीट 17 मार्च 2010 को किया गया था।

जांच के अगले चरण में हमने संगठन की वेबसाइट पर दिए गए ईमेल के माध्यम से संपर्क किया।

चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन के हेड रिसोर्स मोबिलाइजेशन एंड कम्युनिकेशंस, विकास पुथरन ने कहा, “यह एक फर्जी संदेश प्रसारित किया जा रहा है। यह सच नहीं है। चाइल्ड लाइन 1098 संकटग्रस्त बच्चों के लिए एक निःशुल्क आपातकालीन हेल्पलाइन है। हम बच्चों को बचाते हैं या उन्हें दुर्व्यवहार, खोए हुए या भागे हुए बच्चों या बच्चे से संबंधित किसी अन्य मुद्दे से सुरक्षा जैसी सहायता प्रदान करते हैं। हम बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करते और न बांटते हैं।”

जांच के अंतिम चरण में, विश्वास न्यूज़ ने उस प्रोफ़ाइल की सोशल स्कैनिंग की, जिसने वायरल संदेश शेयर किया था। नीलेश जैन न्यूजीलैंड को 70 लोग फॉलो कर रहे हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करती है। वायरल मैसेज फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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