X
X

Fact Check: आचार संहिता उल्लंघन पर पूछे गए सवाल का CEC के जवाब नहीं देने का दावा गलत, वायरल वीडियो ऑल्टर्ड है

लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के ऑल्टर्ड और एडिटेड वीडियो क्लिप को इस फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आचार संहिता उल्लंघन (एमसीसी) के मामले में पूछे एक महिला पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं दिया। यह दावा फेक है क्योंकि सीईसी ने पहले दौर में कुल पांच सवालों का जवाब दिया था लेकिन वायरल वीडियो क्लिप में उनके महिला पत्रकार के पूछे गए सवाल का जवाब देने वाले हिस्से को शामिल नहीं किया गया है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Mar 19, 2024 at 06:03 PM
  • Updated: Mar 19, 2024 at 06:21 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि जब एक पत्रकार ने उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया, जबकि उन्होंने अन्य पूछे गए सवालों का जवाब दिया। इस वीडियो को शेयर करते हुए चुनाव आयोग पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया और इस दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो क्लिप एडिटेड है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के मॉडरेटर या संचालक ने एक साथ तीन से चार सवालों को स्वीकार किया और फिर बारी-बारी से सीईसी ने उसका जवाब दिया था। सीईसी ने अन्य सवालों के साथ-साथ-साथ हेट स्पीच पर पूछे गए महिला पत्रकार के सवाल का जवाब दिया था, लेकिन वायरल क्लिप में उनके जवाब वाले हिस्से को शामिल नहीं किया गया है, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने सवाल को टाल दिया।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘Sakkaravarthy Nammazhvar’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “Spineless EC, you who have not taken any action against the crimes committed by Modi BJP. Is it correct that you are taking action only on the opposition party? The EC refused to answer the question.

The young journalist who smeared charcoal in Election Commission face.”

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

 कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल क्लिप करीब चालीस सेकेंड का है, जिसमें एक महिला पत्रकार को हेट स्पीच को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से की जाने वाली कार्रवाई को लेकर सवाल पूछते हुए सुना जा सकता है। वह पूछती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ शिकायत के कई मामलों के बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं की गई तो क्या आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के मामले में आयोग अब सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होगी या फिर केवल विपक्षी दल के नेताओं को निशाना बनाया जाएगा।

उनके सवाल के साथ ही वीडियो समाप्त हो जाता है, जिससे यह प्रतीत होता है कि सीईसी ने उनके सवाल को टाल दिया। वीडियो को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह एक एडिटेड अंश है, जिसे उसके  संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है।

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑरिजिनल वीडियो चुनाव आयोग के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसे 16 मार्च को अपलोड किया गया है। चुनाव आयोग ने इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों की घोषणा की थी।

58 मिनट के फ्रेम में देखा जा सकता है कि तीनों चुनाव आयुक्त के अपनी बात को समाप्त करने के बाद सवाल-जवाब का दौर शुरू होता है और संचालक वहां मौजूद पत्रकारों से सवाल पूछने के लिए कहते हैं। पहले दौर में कुल पांच पत्रकार सवाल पूछते हैं, जिसमें चौथा सवाल महिला पत्रकार (नेशनल हेराल्ड) का है, जिसके वीडियो क्लिप को शेयर किया जा रहा है।

चौथे सवाल के बाद पांचवां सवाल पूछा जाता है और फिर सीईसी पहले दौर के पांच सवालों का जवाब देना शुरू करते हैं।

1.10.20 के वीडियो फ्रेम में सीईसी को चौथे सवाल का जवाब देते हुए सुना जा सकता है। वह कहते हैं, “…..जो एमसीसी के बारे में प्रश्न पूछा…जिसमें आप यह पूछना चाह रहे हैं कि हम बायस्ड होकर किसी के खिलाफ एक्शन लेते हैं, किसी के खिलाफ नहीं लेते हैं….यही आप प्रश्न बेसिकली आप पूछना चाह रही हैं…पूछना नहीं चाह रही है बल्कि आरोप लगा रही हैं, जिसका जवाब मुझे जवाब आपको देना चाहिए। वेरी राइट, यू हैव ए क्वेश्चन टू आस्क…आप पिछले 8..10…11 इलेक्शन के जितने आरोप हमारे पास आए हैं, वो सबको एक बार पढ़िए…सबको एक बार पढ़ने के बाद सबके नोटिसेज देखिए, जो हमने दिए हैं…उसमें जहां जहां कोई भी वायलेशन एस्टैबलिश होता हो…उस नोटिस के बाद जवाब आने के बाद भी सबमें ऐसा नहीं है, जिसमें हमने कार्रवाई की है। जैसा कि हमने कहा कि हमारे पास मोरल सेंसर है…और जिस किसी के भी खिलाफ कहीं भी कोई केस बनेगा…चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो…हम लोग चुप नहीं बैठेंगे…बल्कि कार्रवाई करेंगे।”

हमारी जांच से स्पष्ट है कि चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एमसीसी उल्लंघन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को केंद्र में रखकर पूछे गए महिला पत्रकार के सवाल को टाला नहीं गया, बल्कि सीईसी ने उसका जवाब दिया था।

वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने चुनाव आयोग के अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “आयोग का प्रेस कॉन्फ्रेंस लाइव था और इसके वीडियो में देखा जा सकता है कि सीईसी ने सभी सवालों के जवाब दिए।”

मुख्य निवार्चन आयुक्त के प्रेस कॉन्फ्रेंस के ऑल्टर्ड वीडियो क्लिप को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की फेसबुक प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री को शेयर किया जाता है।

निष्कर्ष: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस के ऑल्टर्ड और एडिटेड वीडियो क्लिप को इस फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आचार संहिता उल्लंघन (एमसीसी) के मामले में पूछे एक महिला पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं दिया। यह दावा फेक है क्योंकि सीईसी ने पहले दौर में कुल पांच सवालों का जवाब दिया था लेकिन वायरल वीडियो क्लिप में उनके महिला पत्रकार के पूछे गए सवाल का जवाब देने वाले हिस्से को शामिल नहीं किया गया है।

  • Claim Review : हेट स्पीच पर लेकर पूछे गए सवाल का सीईसी ने नहीं दिया जवाब।
  • Claimed By : FB User-Sakkaravarthy Nammazhvar
  • Fact Check : भ्रामक
भ्रामक
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later