Fact Check : छत्तीसगढ़ के मां चंडी देवी में सैकड़ों साल से चढ़ाई जा रही है चादर, फर्जी है वायरल पोस्‍ट का दावा

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा बेबुनियाद और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला साबित हुआ। पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर गुंडरदेही के चंडी मंदिर की ही है। लेकिन दावे में कोई सच्‍चाई नहीं है। इस मंदिर में सैकड़ों साल से चादर चढ़ाई जा रही है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें एक मंदिर के अंदर 786 लिखा हुआ हर कपड़ा देखा जा सकता है। इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के मां चंडी देवी मंदिर पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा किया है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा बेबुनियाद और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला साबित हुआ। पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर गुंडरदेही के चंडी मंदिर की ही है। लेकिन दावे में कोई सच्‍चाई नहीं है। इस मंदिर में सैकड़ों साल से चादर चढ़ाई जा रही है।

क्‍या हो रहा वायरल

फेसबुक पेज ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ ने 7 फरवरी को एक तस्‍वीर को शेयर करते हुए दावा किया, ”मां चंडी देवी मंदिर, गुंडरदेही छत्तीसगढ़। वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि यह उनकी संपत्ति है।”

पोस्‍ट के दावे को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच की शुरुआत गूगल ओपन सर्च टूल से की। वायरल पोस्‍ट के आधार पर कीवर्ड टाइप करके सर्च किया गया। हमें नईदुनिया की वेबसाइट पर 7 फरवरी 2023 को प्रकाशित एक खबर मिली। इसमें बताया गया, ”छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुंडरदेही नगर के हठरी बाजार में स्थित चंडी मंदिर जो भाईचारे और कौमी एकता का प्रतीक बना हुआ है। जहां हिन्दू मुस्लिम एक साथ पूजा करते है। यहां हिन्दू मुस्लिम एवं कौमी एकता की मिसाल देखने को मिलता है। करीबन 100 सालों से चंडी मंदिर में मजार से पहला चादर चढ़ता है। साम्प्रदायिक सौहर्द्र एवं सद्भावना का माहौल रहता है। कई वर्षो से मुस्लिम समाज के लोग चंडी मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं। यहां के लोग हर त्योहार बडे उत्साह से मनाते है। इस मंदिर से कुछ दूरी पर मजार स्थित है। जहां पर दोनों समुदाय के लोग एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं।” पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के दौरान हमें दूसरी वेबसाइट पर भी मंदिर से संबंधित खबरें मिलीं। अमरउजाला डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के मां चंडी के मंदिर में इस्‍लामिक झंडा लगा हुआ है। यहां हिंदू-मुस्लिम मिलकर पूजा करते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें। इसी तरह भास्‍कर डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर में लिखा गया कि चंडी मंदिर में हिन्दू व मुस्लिम एक साथ पूजा-पाठ करते हैं। यहां हिन्दू-मुस्लिम एवं कौमी एकता की मिसाल लगभग 100 साल से देखने को मिल रहा है। मंदिर से कुछ ही दूर मजार है। जहां के लिए मंदिर से सबसे पहले चादर भेजा जाता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए नईदुनिया, बालोद के लिए कार्यरत रवि भूतड़ा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर के ऊपर वक्फ बोर्ड की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है। यह सिर्फ अफवाह है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए गुंडरदेही विधानसभा सीट के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय से संपर्क किया। इस मंदिर की स्‍थापना उनके पूर्वजों ने ही की थी। उहोंने बताया कि वायरल पोस्‍ट में कोई सच्‍चाई नहीं है। यह मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता का शानदार उदाहरण है। मंदिर में 786 नंबर की चादर चढ़ाई जाती रही है। यह सैयद बाबा साहब की पवित्र चादर होती है।

जांच के अंतिम चरण में भ्रामक और सांप्रदायिक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक पेज ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ को 1.27 लाख लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि छत्तीसगढ़ स्थित गुंडरदेही के मां चंडी देवी मंदिर की तस्‍वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। मंदिर में सैकड़ों साल से पास की मजार से चादर चढ़ाई जा रही है।

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