बिहार के छपरा से सुनील कुमार राय का अपहरण तो हुआ था, लेकिन वह विधायक नहीं हैं। पुलिस ने उनको 24 घंटे के अंदर सकुशल छुड़ा लिया था। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार के छपरा में 14 मार्च को सुनील राय नाम के शख्स का चार बदमाशों ने कथित अपहरण कर लिया था। इसको लेकर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि छपरा में जिन सुनील राय का कथित अपहरण हुआ है, वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से विधायक हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सुनील राय विधायक नहीं हैं। पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सुनील को अहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया था।
फेसबुक यूजर ‘बिहारी फर्स्ट‘ (आर्काइव लिंक) ने 14 मार्च को पोस्ट किया है,
“छपरा में RJD विधायक सुनील राय का सरेआम अपहरण हो गया, कार से आए बदमाश और उठा ले गए”
ट्विटर यूजर सुधीर मिश्रा (आर्काइव लिंक) ने भी 14 मार्च को यह पोस्ट की।
एक अन्य ब्लू टिक ट्विटर यूजर खेमचंद शर्मा (आर्काइव लिंक) ने भी इस दावे को ट्वीट करते हुए बिहार में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इस बारे में कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। दैनिक जागरण में 14 मार्च को छपरा से खबर छपी है, “14 मार्च की सुबह छपरा में 5-6 बदमाशों ने राजद नेता सुनील राय को अगवा कर लिया। बदमाश नकाब पहने हुए थे। उनका मोबाइल छपरा बाजार समिति के गेट पर क्षतिग्रस्त हालत में मिला है। एयरफोर्स से रिटायर सुनील राजद से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव भी लड़ चुके हैं। पुलिस के मुताबिक, अपहृत व्यक्ति राजद के कार्यकर्ता बताए जाते हैं।” खबर में सुनील राय को राजद नेता बताया गया है, न कि विधायक।
15 मार्च को एबीपी में खबर छपी है, “पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आरजेडी नेता सुनील कुमार राय को बदमाशों के चंगुल से छुड़ा लिया है। छपरा एसपी गौरव मंगला का कहना है कि पुलिस ने आरजेडी नेता सुनील कुमार राय को डोरीगंज थाना क्षेत्र से छुड़ाया है। इस मामले में दो बदमाश भी गिरफ्तार किए गए हैं। बाकी की तलाश जारी है। भूमि विवाद में राजद नेता का अपहरण हुआ था।”
15 मार्च को बिहार पुलिस ने भी इस बारे में ट्वीट (आर्काइव लिंक) किया है। इसमें लिखा है, “बिहार पुलिस को सारण में बड़ी कामयाबी मिली है। सारण पुलिस की गठित एसआईटी ने राजद के अपहृत नेता सुनील राय को डोरीगंज थाना क्षेत्र से सकुशल बरामद करते हुए अपहरण में संलिप्त दो अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है।” पुलिस ने भी सुनील राय को विधायक नहीं राजद नेता कहकर संबोधित किया है।
इसके बाद हमने बिहार विधानसभा की वेबसाइट को चेक किया। इसमें सुनील राय नाम से कोई विधायक नहीं हैं। हां, सुनील कुमार (जेडीयू) भोरे से और डॉ. सुनील कुमार (भाजपा) बिहार शरीफ से विधायक हैं।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने पटना में दैनिक जागरण के संपादक अश्विनी कुमार सिंह से बात की। उनका कहना है, “सुनील कुमार राय विधायक नहीं हैं। उन्होंने 2020 में निर्दलीय के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। पुलिस ने उनको बदमाशों के चंगुल से छुड़ा लिया है।“
भ्रामक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘बिहारी फर्स्ट‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। 29 अप्रैल 2022 को बने इस पेज के 64 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: बिहार के छपरा से सुनील कुमार राय का अपहरण तो हुआ था, लेकिन वह विधायक नहीं हैं। पुलिस ने उनको 24 घंटे के अंदर सकुशल छुड़ा लिया था। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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