चंद्रयान-3 मिशन के नाम से वायरल वीडियो डिजिटली क्रिएटेड है। यह वास्तविक नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चंद्रयान-3 मिशन के दौरान लैंडर विक्रम के 23 अगस्त की शाम 6.04 पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है। इससे पहले इसरो ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जिन्हें लैंडिंग से पहले कैमरे से खींची गई हैं। इस दौरान सोशल मीडिया पर 11 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पृथ्वी को देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो चंद्रयान-3 मिशन के दौरान चांद से लिया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 मिशन के नाम से वायरल वीडियो डिजिटली क्रिएटेड है। यह असली नहीं है। दरअसल, अभी लैंडर चंद्रमा पर नहीं उतरा है। लैंडर हैजर्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (LHDAC) कैमरे से अभी चांद के फार साइड एरिया की तस्वीरें खींची गई हैं, जिनको इसरो ने जारी किया है। इससे पहले भी चांद की कुछ तस्वीरों को इसरो जारी कर चुका है, जो वायरल वीडियो से बिल्कुल अलग हैं।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) यूजर वसीम आर खान (आर्काइव लिंक) ने 21 अगस्त को यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
“लीजिए पेश है चंद्रयान-3 मिशन द्वारा चाँद से भेजी गयी ख़ूबसूरत तस्वीर!”
फेसबुक यूजर ‘राजकुमार चौधरी‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 22 अगस्त को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए समान दावा किया।
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर वसीम आर खान की पोस्ट को ध्यान से देखा। इस पर कुछ यूजर्स ने इस वीडियो को फेक और डिजिटली क्रिएटेड बताया है।
इसके बाद हमने इसरो के सोशल मीडिया हैंडल्स को खंगाला। 21 अगस्त 2023 (आर्काइव लिंक) को इसरो के आधिकारिक एक्स हैंडल से चार तस्वीरों को पोस्ट किया गया है। साथ में लिखा है, “ये चांद के फार साइड एरिया की तस्वीरें हैं, जिन्हें लैंडर हैजर्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (LHDAC) से लिया गया है। यह कैमरा नीचे उतरने के लिए सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र खोजने में मदद करता है।” इसमें पोस्ट की गई तस्वीरें वायरल वीडियो से बिल्कुल अलग हैं।
इससे पहले 18 अगस्त को भी इसरो ने एक वीडियो जारी किया था। पोस्ट में लिखा था कि प्रोपल्शन मोड्यूल से लैंडर मोड्यूल के अलग होने के तुरंत बाद 17 अगस्त 2023 को लैंडर इमेज (LI) कैमरा 1 से चंद्रमा की ली गई तस्वीरें।
18 अगस्त को ही इसरो की तरफ से चांद की कुछ और फोटो पोस्ट की गई हैं। इन्हें लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे से 15 अगस्त को लिया गया था।
10 अगस्त को इसरो के हैंडल से पृथ्वी और चांद की तस्वीरें पोस्ट की गई हैं। पृथ्वी की तस्वीर को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दिन 14 जुलाई 2023 को लैंडर इमेज (LI) कैमरा से लिया गया था। जबकि चांद की तस्वीर को 6 अगस्त को लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे (LHVC) से खींचा गया था।
ये सभी तस्वीरें और वीडियो वायरल वीडियो से बिल्कुल अलग हैं। हमें इसरो के एक्स और फेसबुक अकाउंट पर ऐसी कोई पोस्ट नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि कर सके।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने वीडियो एक्सपर्ट अरुण कुमार से संपर्क कर उनको वीडियो भेजा। उनका कहना है, “यह वीडियो 3 डी इफेक्ट से तैयार किया गया है। इसरो अगर वीडियो को रिलीज करता है तो उसमें रुक-रुककर फ्रेम चेंज होता है, जबकि इसमें फ्रेम बदलने का पता ही नहीं चल रहा। और अगर ऐसा कोई वीडियो होता तो इसरो सबसे पहले उसे रिलीज करता। यह वीडियो डिजिटली क्रिएटेड है, असली नहीं है।“
21 अगस्त 2023 को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है कि 14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च किया गया था। उम्मीद है कि 23 अगस्त की शाम को अंतरिक्ष यान चांद पर उतरेगा। इसरो के अनुसार, रोवर के साथ लैंडर मोड्यूल के 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर लैंड करने की उम्मीद है।
अंत में हमने गलत दावा करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। दिसंबर 2016 से सोशल मीडिया पर सक्रिय यूजर के करीब 24 हजार फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: चंद्रयान-3 मिशन के नाम से वायरल वीडियो डिजिटली क्रिएटेड है। यह वास्तविक नहीं है।
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