आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में एक दुकान से ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की बरामदगी का दावा गलत है। वायरल हो रहा वीडियो राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में नियमों के मुताबिक वीवीपैट को शिफ्ट किए जाने का है, जिसे फेक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो क्लिप को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के चंदौली में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की हेरा-फेरी का मामला है, जब एक दुकान के भीतर अवैध तरीके से 300 ईवीएम को रखे जाने का मामला सामने आया था।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है, जब नियमों के मुताबिक, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में वीवीपैट को स्थानांतरित करने का काम किया गया था। इसी घटना के वीडियो को दुकान से ईवीएम की बरामदगी के फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Coopr Farzana’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “In 2019, during General Elections, more than 300 EVM caught by the locals stored inside a shop.Location – Chandauli, UP.
The same will repeat unless we switch to ballot papers.” (“2019 में आम चुनाव के दौरान 300 से अधिक ईवीएम उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में एक दुकान से बरामद हुआ था। जब तक हम बैलेटे पेपर का इस्तेमाल शुरू नहीं करते हैं, यह फिर से होगा।”)
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई प्रमाणिक खबर नहीं मिली, जिसमें चंदौली में किसी दुकान से 300 ईवीएम को बरामद किए जाने का जिक्र हो।
सोशल मीडिया सर्च में हमें ऐसे कई पोस्ट मिले, जिसमें इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है। एक्स यूजर ‘Gurjar’ ने वायरल वीडियो को समान दावे के साथ अपने एक्स हैंडल से #IndiaAgainstEvm हैशटैग के साथ शेयर करते हुए लिखा है, “स्थान – चंदौली, उत्तर प्रदेश
#लोकतंत्र से खिलवाड़! स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखे 300 से अधिक ईवीएम मशीन पकड़े। #IndiaAgainstEvm”
पोस्ट में किए गए दावे का खंडन करते हुए चंदौली पुलिस ने लिखा है, “ऐसी किसी भी भ्रामक खबर को न फैलाये नहीं तो सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।”
इसी पोस्ट पर ‘DM CHANDAULI’ ने जवाब देते हुए स्थिति को स्पष्ट किया है। उन्होंने लिखा है, “प्रकरण की जांच पूर्ण कर ली गई है। यह वीडियो वर्ष 2019 लोक सभा चुनाव के दौरान का है। तत्समय VVPAT (वीवीपैट) को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शिफ्ट किया गया था। किसी प्रकार से कोई अनियमित कार्य नहीं हुआ था।”
साथ ही इस एक्स हैंडल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी जिक्र किया गया है। कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इस घटना का जिक्र है।
रिपोर्ट के मुताबिक, “चंदौली जिले के ईवीएम डेस्क प्रभारी की शिकायत पर गुर्जर परिहार सुरेंद्र के खिलाफ ईवीएम शिफ्टिंग के मामले में गलत जानकारी फैलाने के मामले में आईपीसी की धारा 507 और आईटी एक्ट की धारा 66 डी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।”
हमारी जांच से स्पष्ट है कि संबंधित घटना 2019 की है, जब वीवीपैट को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में शिफ्ट करने का काम किया गया था।
विश्वास न्यूज ने इस मामले लेकर चंदौली पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार से संपर्क किया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय की तरफ से विश्वास न्यूज को बताया गया, “इस मामले में गलत जानकारी फैलाने के मामले में सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया गया है।”
विश्वास न्यूज ने उस पुलिस स्टेशन से सभी संपर्क किया, जहां इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। चंदौली, सदर पुलिस स्टेशन के अधिकारी गगन दास सिंह ने बताया, “आईटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में ईवीएम संबंधी गलत जानकारी फैलाने के मामले में एक सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।”
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। 2019 में भी इस घटना को लेकर चुनाव आयोग प्रवक्ता की तरफ से बयान जारी किया गया है, जिसमें राजनीतिक दलों की मौजूदगी में वीवीपैट मशीन को शिफ्ट किए जाने का जिक्र है।
इससे पहले भी ऐसा ही एक वीडियो समान दावे के साथ वायरल हो चुका है, जिसमें वीवीपैट को लेकर गलत दावा किया गया था। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब दो हजार लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य वायरल मिस-इन्फॉर्मेशन दावे की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के चुनावी चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में एक दुकान से ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की बरामदगी का दावा गलत है। वायरल हो रहा वीडियो राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में नियमों के मुताबिक वीवीपैट को शिफ्ट किए जाने का है, जिसे फेक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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