विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘NCP Daily’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। जून के महीने में कई देश LGBTQ समुदाय के समर्थन में प्राइड मंथ का आयोजन करते हैं। इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक खबर का स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने प्राइड मंथ में सामान्य शादियों को बैन कर दिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट एक व्यंग्य है और उसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘NCP Daily’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।
फेसबुक यूजर Teresa Sawyers Gross ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है, यह किस तरह की मूर्खता है।
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल रिपोर्ट से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। लेकिन संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें ये लेख NCP Daily नामक एक वेबसाइट पर 10 जून 2019 को प्रकाशित मिला। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखा गया एक काल्पनिक आर्टिकल है। साथ ही यह भी बताया गया है कि इस लेख की लेखक क्विन बार्टन नामक एक पत्रकार हैं, जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता और बोस्टन एंटीफा की सदस्य हैं। वह अपना अधिकांश समय स्थानीय शाकाहारी रेस्तरां में एक फ्रीगन के रूप में बिताती है। अपने जीवन के सबसे कठिन वर्षों (ट्रम्प चुनाव) के दौरान, क्विन ने अपने अंदर राजनीति के लिए एक जुनून की खोज की। इस जानकारी के बाद एक बार फिर बताया गया है कि यह पूरी साइट व्यंग्य है। वेबसाइट पर दी गई सारी जानकारी काल्पनिक है।
वेबसाइट के अबाउट अस सेक्शन को खंगालने पर हमने पाया कि वहां पर लिखा हुआ है- यह एक व्यंग्य वेबसाइट है। जो कि इस तरह के काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है। वेबसाइट पर प्रकाशित लेखों का सच्चाई से कोई संबंध नहीं है। पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने NCP Daily के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। यहां पर भी वेबसाइट और उस पर लिखे लेखों को लेकर यही जानकारी दी गई है।
अधिक जानकारी के लिए हमने कनाडा के पत्रकार Frédéric Zalac (फ़्रेडरिक ज़ालाकी) से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। इस तरह का कोई फैसला कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा नहीं लिया गया है। यह खबर एक व्यंग्य वेबसाइट ने छापी थी। जिसे लोग अब सच समझ कर शेयर कर रहे हैं।
प्राइड मंथ के दौरान दुनियाभर में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। लोग LGBTQ+ के समर्थन में सड़कों पर झंडे लेकर निकलते हैं। कई जगह कार्निवाल लगाते हैं। इस दौरान अलग-अलग तरीकों से LGBTQ+ को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। LGBTQ के लोगों को सामान्य महसूस करवाने का प्रयास किया जाता है। स्कूल, कॉलेज जैसे इंस्टीट्यूशन में LGBTQ लोगों को परेशानी न हो, इसलिए इस पर खुलकर बात की जाती है। साल 1969 में जून के महीने में LGBTQ+ समुदाय ने अपने हक के लिए आवाज उठानी शुरू की थी। इसलिए ज्यादातर देशों में प्राइड मंथ जून के महीने में मनाया जाता है।
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। यूजर के फेसबुक पर तीन 325 फ्रेंड्स मौजूद हैं और उन्हें 42 लोग फॉलो करते हैं। Teresa Sawyers Gross यूएस की रहने वाली हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘NCP Daily’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।
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