Fact Check : बंगाल चुनाव में BJP के खिलाफ चले अभियान को कर्नाटक चुनाव के नाम पर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बीजेपी को वोट ना देने की अपील करते हुए वायरल वीडियो को गलत संदर्भ में दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो का कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो तकरीबन दो साल पुराना है और पश्चिम बंगाल के चुनाव के समय का है। उस दौरान ‘नो वोट टू बीजेपी’ नामक एक ग्रुप ने इस अभियान को चलाया था। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कर्नाटक चुनाव को लेकर सियासी प्रचार के बीच सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो को शेयर कर रहे हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट नहीं देने की अपील की गई है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में दावे को गलत और चुनावी दुष्प्रचार पाया। वायरल वीडियो पिछले बंगाल विधानसभा चुनाव से संबंधित है। यह वीडियो पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसे अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जोड़कर चुनावी दुष्प्रचार किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘पुष्कर भोंडे’ ने  25 अप्रैल 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने कैप्शन में लिखा है, “पूरी दुनिया के लोग बोल रहे हैं कि बीजेपी को वोट न दें।” #karnatakaelections2023

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गौर से देखा। हमने पाया कि वीडियो पर एक लोगो लगा हुआ है, जिस पर लिखा है- ‘नो वोट टू बीजेपी।’ साथ ही इसके नीचे बंगाली भाषा में कुछ लिखा हुआ है। हमने गूगल लेंस की मदद से इसका ट्रांसलेशन किया। हमने पाया कि इस पर लिखा हुआ है, ‘बंगाल विभाजित नहीं है।’l

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें असली वीडियो ‘नो वोट टू बीजेपी’ नामक एक ट्विटर अकाउंट पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 24 अप्रैल 2023 को अपलोड किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, “दुनिया भर के बंगाली कह रहे हैं, ‘नो वोट टू बीजेपी’।” #NoVoteToBJP

द हिंदू पर 4 मई 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले और उसके दौरान कुछ लोगों ने एक मौन अभियान “नो वोट टू बीजेपी” चलाया था। यह अभियान सोशल मीडिया और बंगाल की सड़कों पर बड़े पैमाने पर देखने को मिला था। यह अभियान होर्डिंग, पोस्टर और पर्चे के माध्यम से चलाया गया था, जिसमें केवल चार शब्द थे – ‘नो वोट टू बीजेपी’ – बिना किसी अन्य राजनीतिक दल का उल्लेख किए।”

टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस अभियान के कई पहलुओं को कवर किया था। वेबसाइट पर 19 अप्रैल, 2021 को प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, यह अभियान कथित तौर पर कुछ राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शुरू किया था। इस अभियान के मुख्य मुद्दे कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान रोजगार के नुकसान, वन भूमि पर आदिवासियों के अधिकार और सीएए थे।

अधिक जानकारी के लिए हमने ‘नो वोट टू बीजेपी’ पेज को चलाने वाले अनिमेश कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। यह वीडियो तकरीबन दो साल पुराना है और पश्चिम बंगाल के चुनाव के समय का है। उस समय हमारे साथ इस अभियान में दुनियाभर से बंगाली जुड़े थे और उन्होंने बीजेपी को वोट न देने की अपील की थी। इसका हालिया कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं है।”

पड़ताल के अंत में हमने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ‘पुष्कर भोंडे’ के पेज की स्कैनिंग की। हमने पाया कि यूजर को 5 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने खुद को नागपुर का रहने वाला बताया है। यूजर की पोस्ट को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बीजेपी को वोट ना देने की अपील करते हुए वायरल वीडियो को गलत संदर्भ में दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो का कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो तकरीबन दो साल पुराना है और पश्चिम बंगाल के चुनाव के समय का है। उस दौरान ‘नो वोट टू बीजेपी’ नामक एक ग्रुप ने इस अभियान को चलाया था। 

False
Symbols that define nature of fake news
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