Fact Check : बेंगलुरु में नहीं चलाई जा रही केबल कार, वायरल वीडियो एडिटेड

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बेंगलुरु केबल कार के नाम पर वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो को एडिटिंग सॉफ्टवेयर और टूल्स का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है, जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर केबल कार के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बेंगलुरु के एमजी रोड का है। बेंगलुरु में होने वाली ट्रैफिक जाम की समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने ये नई सुविधा शुरू की है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को सच मानकर शेयर कर रहे हैं और बेंगलुरु में हुए इस विकास की तारीफ कर रहे हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को एडिटिंग सॉफ्टवेयर और टूल्स का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है, जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं। 

क्या हो रहा है वायरल ? 

ट्विटर यूजर युग ने 22 फरवरी 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा है, “भारत में पहली केबल कार। मैं बेंगलुरु के एमजी रोड में शुरू हुई इस केबल कार को देखकर खुश हूं। कर्नाटक सरकार ने सड़कों पर ट्रैफिक जाम को दूर करने के लिए यह कदम उठाया है। सरकार भविष्य के लिए अच्छे फैसले ले रही है।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें। दूसरे यूजर्स भी इस दावे को सच मानकर शेयर कर रहे हैं।

https://twitter.com/Shakti_trader/status/1628445374305406977

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। 

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से कई ग्रैब निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो रिगीड इंडियन नामक एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला। वीडियो को 19 जनवरी 2023 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, इस वीडियो को सीजीआई की मदद से बनाया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने ‘रिगीड इंडियन’ के इंस्टाग्राम अकाउंट को खंगालना शुरू किया। बायो में दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर सीजीआई और वीएफएक्स की मदद से वीडियो बनाता है। यूजर वीएफएक्स आर्टिस्ट है।

अधिक जानकारी के लिए हमने ‘रिगीड इंडियन’ से इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो सीजीआई के जरिए तैयार किया गया है। यह वीडियो असली नहीं है। हमने वीडियो के कैप्शन में इस बात की जानकारी दी है।

इस  एडिटेड  पोस्ट को कई लोगों ने शेयर किया, जिनमें से एक हैं ट्विटर यूजर युग, जिनकी पोस्ट की हमने पड़ताल की। यूजर के ट्विटर पर 32 फॉलोअर्स  हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर बेंगलुरु का रहने वाला है और मई 2021 से ट्विटर पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बेंगलुरु केबल कार के नाम पर वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो को एडिटिंग सॉफ्टवेयर और टूल्स का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है, जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं। 

False
Symbols that define nature of fake news
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