भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और एनआरसी का जिक्र नहीं किए जाने का दावा भ्रामक है। पार्टी ने अपनी घोषणापत्र में संस्थागत सुधारों के तौर पर समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का जिक्र किया है। हालांकि, इसमें एनआरसी का कोई जिक्र नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चरणबद्ध तरीके से मतदान की प्रक्रिया जारी है और इसी बीच सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के घोषणापत्र से संबंधित वायरल पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पार्टी ने 2024 के चुनाव के लिए जारी घोषणापत्र में यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता और एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस ) को जगह नहीं देते हुए इन दोनों मुद्दों से दूरी बना ली है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे भ्रामक पाया। बीजेपी के घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के साथ-साथ यूसीसी का जिक्र किया गया है। हालांकि, घोषणापत्र में एनआरसी का जिक्र नहीं है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Nishant Varma’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “2024: भाजपा के घोषणा पत्र से UCC और NRC नदारद। भकूटों का दुख कम ही नहीं हो रिया है बे।”
कई अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स ने इस दावे को समान संदर्भ में शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में बीजेपी के घोषणापत्र का जिक्र है, जिसे लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद जारी किया गया था। वायरल पोस्ट में किए गए दावे के आधार पर न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें बीजेपी की तरफ से पार्टी के घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ को जारी किए जाने का जिक्र है।
ईटी की 15 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बीजेपी घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र’ को जारी कर दिया, जो ‘मोदी की गारंटी’ की झलक है। किसी नई छूट की घोषणा से दूरी बनाते हुए उन्होंने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ और समान नागरिक संहिता को लेकर पार्टी की प्रतिबद्धता को दुहराया। हालांकि, इस दौरान नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का जिक्र नहीं किया गया।”
कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है। एनडीटीवी प्रॉफिट के वीडियो बुलेटिन में बीजेपी के घोषणापत्र में की गई अन्य घोषणाओं को देखा जा सकता है, जिसमें महिलाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य मुद्दों का जिक्र है।
बीजेपी की आधिकारिक वेबसाइट पर यह घोषणापत्र (आर्काइव लिंक) मौजूद है, जिसे हमने चेक किया। ‘मोदी की गारंटी फॉर गुड गवर्नेंस’ चैप्टर में संस्थागत सुधारों के तौर पर उल्लिखित घोषणाओं में से एक के तौर पर यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र है।
वहीं, चुनावी सुधार वाले सेक्शन में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का जिक्र किया गया है। हालांकि, घोषणापत्र में कहीं भी एनआरसी का जिक्र नहीं है। हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है। वायरल पोस्ट को लेकर हमने उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “यह अफवाह और मतदाताओं को भ्रमित करने की कोशिश है। पार्टी घोषणापत्र में साफ-साफ यूसीसी का जिक्र किया गया है।”
चुनाव आयोग (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, कुल सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से हुई, जिसके तहत कुल 102 सीटों पर वोट डाले गए। दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को है, जिसके तहत कुल 89 सीटों पर वोटिंग होगी।
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 54 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और एनआरसी का जिक्र नहीं किए जाने का दावा भ्रामक है। पार्टी ने अपनी घोषणापत्र में संस्थागत सुधारों के तौर पर समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का जिक्र किया है। हालांकि, इसमें एनआरसी का कोई जिक्र नहीं है।
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