Fact Check: बकरीद से पहले बिल गेट्स ने नहीं दिया यह बयान, फिर से वायरल की जा रही फर्जी पोस्ट

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिल गेट्स ने ईद-उल-अज़हा या बकरीद से जुड़ा ऐसा कोई वायरल बयान नहीं दिया है। यह फर्जी बयान गेट्स के नाम से सालों से वायरल हो रहा है। गेट्स फाउंडेशन ने भी बयान को फर्जी बताया है।

Fact Check: बकरीद से पहले बिल गेट्स ने नहीं दिया यह बयान, फिर से वायरल की जा रही फर्जी पोस्ट

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। जून के आखिरी हफ्ते में बकरीद होनी है और इससे पहले एक बार फिर से बिल गेट्स के नाम से एक कथित बयान वायरल किया जा रहा है। वायरल पोस्ट में बिल गेट्स की तस्वीर बनी है और यूजर दावा कर रहे हैं कि गेट्स ने ईद-उल-अजहा के मौके पर मुसलमानों के जरिये दी जाने वाली कुर्बानी के बारे में एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि केएफसी, मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग में रोज लाखों जानवर मारे जाते हैं उन पर कोई कुछ नहीं कहता, जबकि ईद पर दी जाने वाली कुर्बानी  पर हर कोई सवाल उठाता है।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिल गेट्स ने ईद-उल-अज़हा या बकरीद से जुड़ा ऐसा कोई वायरल बयान नहीं दिया है। यह फर्जी बयान बिल गेट्स के  नाम से सालों से वायरल हो रहा है, गेट्स फाउंडेशन ने भी बयान को फर्जी बताया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘इस्लाम के बारे में अंतरराष्ट्रीय नफरत फैलाने वाले अखबारों के हंगामे के बाद दुनिया के सबसे अमीर आदमी बिल गेट्स ने पूरी कहानी को कोने से  निकाल कर सबको चुप करा दिया और अपने पेज पर बोला और कहा: मैं ईद-उल-अजहा  के दौरान उनके बलिदान के कारण मुसलमानों से नफरत नहीं देखना चाहता। केएफसी, मैकडॉनल्ड्स और बर्गर किंग के रेस्तरां में रोजाना लाखों जानवर मारे जाते हैं। यह अमीरों को खिलाने और बहुत पैसा कमाने के लिए है। जबकि ईद पर मुसलमान इन जानवरों को गरीबों को खिलाने और उन्हें मुफ्त में देने के लिए बलिदान करते हैं। क्या हमने अपना दिमाग खो दिया है?”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

वायरल दावे के मुताबिक, बिल गेट्स ने ईद से जुड़ी वायरल की जा रही यह स्टेटमेंट अपने पेज पर शेयर की है। हमने बिल गेट्स के आधिकारिक फेसबुक पेज को स्कैन किया और ऐसी कोई पोस्ट नहीं मिली।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हम बिल गेट्स के ट्विटर अकाउंट पर पहुंचे।हालांकि,  वहां भी हमें ऐसी कोई पोस्ट नहीं मिली।

इससे पहले भी हमने वायरल की जा रही इस पोस्ट का फैक्ट चेक किया था और उस  दौरान ईमेल के माध्यम से गेट्स फाउंडेशन की मीडिया टीम से संपर्क कर  वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर किया था । हमारे ईमेल का जवाब देते हुए इस बात की पुष्टि करते हुए बताया गया था, ”सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही यह पोस्ट बिल्कुल  फर्जी है। बिल गेट्स ने ऐसा बयान कभी नहीं दिया”।

इसी पोस्ट पर इससे पहले किये गए फैक्ट चेक को यहां पढ़ा जा सकता है।

हालांकि,  यह पहली  बार नहीं है, जब बिल गेट्स के  हवाले से भ्रामक या फर्जी पोस्ट को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया हो। साल 2010 के एक पुराने बयान को भी भ्रामक दावे के साथ इससे पहले वायरल किया जा चुका है। फैक्ट चेक आर्टिकल को यहां पढ़ सकते हैं।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर के बायो के मुताबिक उनका ताल्लुक सीरिया से है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिल गेट्स ने ईद-उल-अज़हा या बकरीद से जुड़ा ऐसा कोई वायरल बयान नहीं दिया है। यह फर्जी बयान गेट्स के नाम से सालों से वायरल हो रहा है। गेट्स फाउंडेशन ने भी बयान को फर्जी बताया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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