Fact Check : बीकानेर की बारिश का वीडियो महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर के नाम पर हुआ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। राजस्‍थान के बीकानेर में हुई बरसात का एक वीडियो महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर के नाम पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया इस वीडियो को अपलोड करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो कोल्‍हापुर के महालक्ष्‍मी मंदिर का है।

विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। ओरिजनल वीडियो दरअसल राजस्‍थान के बीकानेर का है। 1 अगस्‍त को वहां बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। वीडियो उसी घटना का है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर तारक रावल ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा कि यह कोल्‍हापुर के महालक्ष्‍मी मंदिर का है। यही वीडियो पानीपत के नाम से भी इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रहे वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें सड़क के बीचोंबीच बने एक बड़े गेट से पानी बहते हुए दिखा। इसके बाद बाद हमने इस वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया। यहां हमें सबसे पुराना वीडियो बीकानेर के नाम से मिला। 1 अगस्‍त को राहुल उपाध्‍याय नाम के यूट्यूब यूजर ने इस वीडियो को अपलोड किया था। यह वही वीडियो था जो अब दूसरे शहरों के नाम से वायरल हो रहा है।

अब हमें यह जानना था कि क्‍या वाकई 1 अगस्‍त को बीकानेर में इतनी बारिश हुई थी, जितनी वायरल वीडियो में दिख रही है। इसके लिए हमने राजस्‍थान के प्रमुख अखबारों की वेबसाइट पर जाकर ईपेपर को खंगालना शुरू किया। हमने सबसे पहले राजस्‍थान पत्रिका के बीकानेर संस्‍करण के ईपेपर को चेक किया। यहां हमें पता चला कि 1 अगस्‍त को बीकानेर में रिकॉर्ड बारिश हुई थी। यह खबर आप नीचे देख सकते हैं।

हमें बीकानेर से प्रकाशित दैनिक भास्‍कर के ईपेपर में एक खबर मिली। इसमें एक गेट की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए बताया गया कि कोटगेट से सार्दुलसिंह सर्किल तक नदी की चारों ओर पानी ही पानी हो गया।

अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल इमेज पर कोटगेट बीकानेर की तस्‍वीरों को सर्च करना शुरू किया। हमें कई ऐसी तस्‍वीरें मिलीं, जो वीडियो में दिख रहे गेट से मिलती जुलती थी। तस्‍वीर और वीडियो में दिख रहे गेट की डिजाइन से लेकर छतरी और दाएं साइड की इमारत की बनावट एक ही थी।

वायरल वीडियो का स्‍क्रीनशॉट

इससे एक बात तो साफ हुई कि वायरल वीडियो बीकानेर के कोटगेट का ही है।

बीकानेर के कोटगेट की तस्‍वीर

अपनी पड़ताल के अगले चरण में हम गूगल मैप पर गए। वहां कोटगेट और सार्दुलसिंह सर्किल को टाइप करके सर्च किया तो हमें पता लगा कि वीडियो में पानी का बहाव जिस ओर दिख रहा है, वह सार्दुलसिंह सर्किल की ओर ही जाता है। गूगल मैप में हमें कोटगेट की तस्‍वीर भी मिली, जो वायरल वीडियो में दिख रहे गेट जैसी ही है।

इसके बाद हमने बीकानेर के महापौर नारायण चोपड़ा से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें जानकारी देते हुए बताया कि 1 अगस्‍त को बीकानेर में जमकर बारिश हुई थी। पुराना शहर थोड़ी ऊंचाई पर है। जब भी वहां बारिश होती है तो पानी कोटगेट से होते हुए बाहर की ओर बहता है। वीडियो बीकानेर के कोटगेट का ही है।

अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज से कोल्‍हापुर की महापौर माधवी प्रकाश गवंडी से संपर्क किया। वायरल हो रहे वीडियो को हमने उन्‍हें वॉट्सऐप के जरिए भेजा। हमें बताया गया कि कोल्‍हापुर में बाढ़ की स्थिति तो बनी हुई है, लेकिन वायरल हो रहा वीडियो कोल्‍हापुर का नहीं है।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने बीकानेर के वीडियो को कोल्‍हापुर का बताकर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर तारक रावल के अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता लगा यूजर मुंबई में रहता है। इस अकाउंट में अधिकांश कंटेंट धार्मिक नेचर के ही होते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि कोल्‍हापुर के महालक्ष्‍मी के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो राजस्‍थान के बीकानेर का है। 1 अगस्‍त को बीकानेर में काफी तेज बरसात हुई थी। शहर के कोटगेट से पानी बहता हुआ सार्दुल सिंह सर्किल की ओर जा रहा था। वीडियो उसी दौरान का है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews।com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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Symbols that define nature of fake news
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