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Fact Check: 2011 गणतंत्र दिवस परेड में निकली बिहार की झांकी को यूपी का बता कर किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि यह दावा भ्रामक है। कोलाज में इस्तेमाल पहली तस्वीर 2011 गणतंत्र दिवस परेड में निकली बिहार की झांकी की है, जबकि दूसरी तस्वीर 2021 गणतंत्र दिवस परेड में निकली उत्तर प्रदेश की झांकी की है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Jan 26, 2021 at 08:35 PM
  • Updated: Jan 27, 2021 at 10:23 AM

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर आज कल 2 तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। पहली तस्वीर में एक मुस्लिम संत की झांकी है और दूसरी तस्वीर में एक मंदिर और हिन्दू संत की झांकी है। इस पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह दोनों तस्वीरें अलग अलग साल की गणतंत्र दिवस परेड पर निकली उत्तर प्रदेश की झंकिओं की हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि यह दावा भ्रामक है। कोलाज में इस्तेमाल पहली तस्वीर 2011 गणतंत्र दिवस परेड में निकली बिहार की झांकी की है, जबकि दूसरी तस्वीर 2021 गणतंत्र दिवस परेड में निकली उत्तर प्रदेश की झांकी की है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Jitendra Pratap Singh ने वायरल तस्वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : “समाजवादी राज में उत्तर प्रदेश की झांकी और योगी राज में उत्तर प्रदेश की झांकी। बस यही सबसे बड़ा बदलाव है और यही बदलाव सबसे सुखद है।”

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल हो रहे कोलाज की ऊपर वाली रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया तो हमें यह तस्वीर news18.com की 2011 गन्द्तंत्र दिवस की एक गैलरी में मिली। तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था “A tableau from Bihar state depicts a Muslim man praying. The Sufi shrine of Maner in Patna was depicted in the tableau of Bihar, which is better known for its Buddhist pilgrim sites. As the tune of Amir Khusro’s Sufi verse ‘Chhap tilak sab chhini re’ played in the background, the float showed the shrine of 17th century saint Makhdoom Shah Daulat at Maner.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “बिहार राज्य की एक झांकी में एक मुस्लिम व्यक्ति प्रार्थना करते हुए दिखाया गया है। पटना के मनेर के सूफी मंदिर को बिहार की झांकी में चित्रित किया गया था, जो अपने बौद्ध तीर्थ स्थलों के लिए बेहतर जाना जाता है। इसमें 17 वीं सदी के संत मखदूम शाह दौलत की दरगाह दिखाई गयी है।”

हमें यह तस्वीर thehindubusinessline.com पर भी मिली। इस खबर के अनुसार भी तस्वीर में दिख रही झांकी 2011 गणतंत्र दिवस परेड में बिहार राज्य की थी।

हमने इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए दैनिक जागरण के बिहार डिजिटल प्रभारी अमित आलोक से संपर्क साधा। उन्होंने कहा “यह तस्वीर वर्ष 2011 में गणतंत्र दिवस परेड में बिहार की झांकी की है।”

हमने इसके बाद दूसरी तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें इसी झांकी की तस्वीर timesofindia.indiatimes.com पर मिली। खबर के अनुसार यह 2021 गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी की तस्वीर है। खबर के अनुसार “इस साल गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर, उत्तर प्रदेश की झांकी में राज्य के सांस्कृतिक शहर अयोध्या और राम मंदिर का प्रदर्शन किया गया, जो निर्माणाधीन है।”

अंत में हमने उस फेसबुक यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने इस पोस्ट को गलत दावे के साथ वायरल किया। हमें पता चला कि Jitendra Pratap Singh को 20,758 लोग फॉलो करते हैं। वे अहमदाबाद के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि यह दावा भ्रामक है। कोलाज में इस्तेमाल पहली तस्वीर 2011 गणतंत्र दिवस परेड में निकली बिहार की झांकी की है, जबकि दूसरी तस्वीर 2021 गणतंत्र दिवस परेड में निकली उत्तर प्रदेश की झांकी की है।

  • Claim Review : समाजवादी राज में उत्तर प्रदेश की झांकी और योगी राज में उत्तर प्रदेश की झांकी बस यही सबसे बड़ा बदलाव है और यही बदलाव सबसे सुखद है
  • Claimed By : Jitendra Pratap Singh
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