बिहार के किसान अमरेश सिंह का यह दावा कि उन्होंने विश्व की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती की है, हमारी पड़ताल में गलत साबित हुआ। ग्राउंड जीरो पर न तो हॉप शूट्स का कोई खेत मिला और न ही इसकी खेती।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों के साथ एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि बिहार के किसान अमरेश सिंह ने हॉप शूट्स नाम की सब्जी की खेती की है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल की और इस दावे को गलत पाया। पड़ताल के दौरान दैनिक जागरण की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट में बिहार में कहीं भी हॉप शूट्स की खेती नहीं मिली।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पेज Ek Bihari Sab Par Bhari पर यह तस्वीरें शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा गया है, जिसका हिंदी अनुवाद है: इस सब्जी की एक किलो की कीमत एक लाख रुपए है! विश्व की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स को बिहार के किसान अमरेश सिंह ने उगाया है। ऐसा करने वाले वे भारत में पहले हैं। क्या इससे भारतीय किसानों का गेम चेंज हो पाएगा। https://t.co/7pKEYLn2Wa @PMOIndia #hopshoots
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा, जिसमें काफी सारे हॉप शूट्स दिख रहे हैं। हमें यह तस्वीर शटर स्टॉक.कॉम नाम की वेबसाइट पर स्टॉक इमेजेज में मिल गई। यहां इस तस्वीर पर itor नाम के फोटोग्राफर को क्रेडिट दिया गया था। itor यूक्रेन का रहने वाला है। हमें यह तस्वीर 3 अप्रैल 2018 को प्रकाशित हुए एक आर्टिकल में भी मिली। लिहाज यह साफ है कि यह तस्वीर पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है और यह ताजा खेती की तस्वीर नहीं है।
अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने दूसरी तस्वीर, जिसमें एक व्यक्ति खेत में बैठा हुआ है, उसे भी गूगल रिवर्स सर्च की मदद से ढूंढा। हमने पाया कि वायरल तस्वीर में मौजूद व्यक्ति का नाम अमरेश सिंह ही है और वह बिहार के औरंगाबाद जिले के करमडीह गांव का रहने वाला है। वायरल पोस्ट में यह दावा किया गया है कि इसी व्यक्ति ने हॉप शूट्स की खेती की है। हालांकि, दैनिक जागरण की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट में यह दावा झूठा साबित हुआ है।
दैनिक जागरण की टीम ने अमरेश के गांव जा कर पड़ताल की, लेकिन वहां ऐसी कोई खेती नहीं मिली। अमरेश से जब फोन पर संपर्क किया गया तो उसने खुद को बीमार बताया और कहा कि उसका इलाज दिल्ली में चल रहा है। दरअसल अमरेश ने यह दावा किया था कि उसने ट्रायल के तौर पर खेती शुरू की थी, लेकिन बीमार पड़ जाने के कारण उनके पार्टनर ने इस फसल की देखभाल नहीं की, जिसके कारण फसल सूख गई।
अमरेश के अनुसार, उन्होंने उत्तर प्रदेश के गोंडा में 20 एकड़ जमीन लीज पर ली है और इसमें से पांच कट्ठे में हॉप शूट्स की खेती कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने वाराणसी में डॉ. लाल से प्रशिक्षण लिया है। हालांकि, वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. जगदीश सिंह ने यह बात सिरे से नकारी और बताया कि न तो वहां कोई डॉ. लाल है और न ही हॉप शूट्स का बीज तैयार किया गया है।
विश्वास न्यूज ने बिहार डायरेक्टरेट ऑफ हॉर्टिकल्चर में असिस्टेंट डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर (औरंगाबाद) जीतेंद्र कुमार से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि अमरेश सिंह के दावे की पड़ताल के लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारी हॉप शूट्स का खेत ढूंढने गए थे, लेकिन उन्हें न तो ऐसा कोई खेत मिला और न ही खेती। इलाके के ग्रामीणों ने भी ऐसी किसी खेती के होने से साफ इनकार किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें भी पूरे औरंगाबाद में ऐसी कोई खेती नहीं मिली।
विश्वास न्यूज ने कृषि विज्ञान केंद्र के हेड साइंटिस्ट डॉ. नित्यानंद से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि हॉप शूट्स की खेती ठंडे इलाके में ही की जाती है और बिहार में तापमान गर्म है, लिहाजा इसकी खेती यहां संभव नहीं है। डॉ. नित्यानंद ने हमें बताया कि वायरल तस्वीर में अमरेश के पीछे नजर आ रही फसल मेंथा यानी कि जापानी पुदीना है। इसकी फसल और हॉप शूट्स की फसल में काफी अंतर होता है। खासतौर पर हॉप शूट्स के पत्ते मेंथा के पत्तों के मुकाबले चौड़े होते हैं। लिहाजा वायरल तस्वीर में दिख रही खेती मेंथा की है, हॉप शूट्स की नहीं।
दैनिक जागरण ने अपनी खबर में बताया कि हॉप शूट्स के फूलों का उपयोग बीयर बनाने में किया जाता है। इससे कैंसर सहित कई गंभीर रोगों के इलाज में प्रयुक्त कई दवाएं भी बनाई जातीं हैं। इसकी टहनियों काे खाया जाता है तथा इसका आचार भी बनता है। हॉप शूट्स की खेती जर्मनी में शुरू की गई। यूरोपीय देशों में यह सबसे ज्यादा पैदा होती है। ब्रिटेन और जर्मनी में लोग इसके मुरीद हैं। इसका सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है।
अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले पेज Ek Bihari Sab Par Bhari की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक इस हैंडल के 13 लाख 8 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: बिहार के किसान अमरेश सिंह का यह दावा कि उन्होंने विश्व की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती की है, हमारी पड़ताल में गलत साबित हुआ। ग्राउंड जीरो पर न तो हॉप शूट्स का कोई खेत मिला और न ही इसकी खेती।
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