Fact Check: बिहार के औरंगाबाद में हुए हत्याकांड में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं, कार पार्किंग को लेकर हुआ था विवाद

बिहार के औरंगाबाद में कार पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद कार सवार युवक ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें ग्रामीण की मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों के हमले में तीन युवकों की मौत हो गई और दो युवक घायल हो गए। इनमें से एक का नाम अंकित शर्मा है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार के औरंगाबाद में 15 जनवरी को गोलीकांड में चार लोगों की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया पर इस मामले को सांप्रदायिक एंगल देकर शेयर किया जा रहा है। कुछ यूजर्स एक तस्वीर पोस्ट कर दावा कर रहे हैं कि औरंगाबाद में भीड़ ने चार मुस्लिमों को मार डाला, जबकि एक हिंदू युवक को नाम पूछकर छोड़ दिया।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। दरअसल, पार्किंग विवाद को लेकर कार सवार लोगों ने पहले फायरिंग कर दी, जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई। इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने कार सवारों पर हमला बोल दिया, जिसमें तीन की मृत्यु हो गई और दो घायल हैं। घायलों में एक युवक का नाम अंकित शर्मा है। सोशल मीडिया पर मामले को सांप्रदायिक एंगल देकर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

फेसबुक यूजर Mueiđ Ahməđ Khåņ (आर्काइव लिंक) ने 16 जनवरी को तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

“बिहार के औरंगाबाद में मॉब लिंचिग का एक नया मामला सामने आया है।
जहां पर भीड़ ने चार मुसलमानो को लाठी और डंडों से पी”ट पी”ट कर ह”त्या कर दी और एक हिंदी नाम मोहित शर्मा पूछ कर छोड़ दिया।
यहां एक बात तो पक्की हो गई की भीड़ ने मुसलमान नाम सुन कर ही ह”त्या की…”

पड़ताल

औरंगाबाद मामले को लेकर वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, “घटना औरंगाबाद के नबीनगर थाना क्षेत्र के तेतरिया मोड़ पर हुई है। वहां जाम में कार सवार फंस गए। एक दुकान के सामने से कार हटाने को कहा गया तो उसमें सवार मो. मोजाहिद ने पिस्टल से फायरिंग कर दी। इसमें वहां खड़े बुजुर्ग रामशरण चौहान की मौत हो गई। इससे नाराज ग्रामीणों ने बदमाशों पर हमला बोल दिया। इसमें तीन मो. मोजाहिद, अरमान अंसारी, और चमन अंसारी की मौत हो गई, जबकि अंजीत शर्मा और वकील अंसारी घायल हो गए।”

दैनिक जागरण के 16 जनवरी के औरंगाबाद संस्करण में भी इस खबर को देखा जा सकता है। इसमें भी कहीं सांप्रदायिक एंगल वाली बात नहीं लिखी है।

एबीपी लाइव की वेबसाइट पर भी 17 जनवरी को इस बारे में खबर छपी है। इसमें लिखा है कि विवाद कार पार्किंग को लेकर हुआ था। कार सवार युवकों की फायरिंग में एक ग्रामीण की मौत हो गई थी, जिसके बाद ग्रामीणों ने कार सवार युवकों पर हमला बोल दिया था। इस विवाद में चार लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों आलोक चौहान, सुजीत चौहान, मुकेश चौहान, सूरजलाल चौहान, दशरथ चौहान और दिनेश राम को गिरफ्तार किया है। बाकी आरोपियों की पहचान उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

इसके बाद हमने पोस्ट के साथ दी गई तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया, लेकिन औरंगाबाद से संबंधित किसी भी रिपोर्ट में यह फोटो नहीं मिली। इंडिया टीवी की वेबसाइट पर अपलोड घटना के वीडियो में भी इस तरह का कोई कीफ्रेम नहीं मिला।

विश्वास न्यूज तस्वीर वाली घटना की जगह और समय की कोई पुष्टि नहीं करता है।

इस बारे में हमने नबीनगर थाना प्रभारी मनोज कुमार पांडेय से बात की। उनका कहना है, “पूरा विवाद कार पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था। कार हटाने को कहने पर उसमें सवार युवक ने फायरिंग कर दी, जिसमें बुजुर्ग की मौत होने के बाद नाराज ग्रामीणों ने युवकों पर हमला कर दिया था। इसमें तीन युवकों की मौत हो गई थी, जबकि दो घायल हो गए था। घायलों में एक का नाम अंकित शर्मा है। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

वहीं, औरंगाबाद दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी सनोज पांडे ने कहा कि दुकान के सामने कार खड़ी करने पर विवाद शुरू हुआ था। कार सवार युवक के गोली चलने से एक ग्रामीण की मौत हो गई, जिसके बाद नाराज ग्रामीणों ने हमला कर दिया। उनको नहीं पता था कि कार में किस समुदाय के लोग सवार हैं। इसे गलत सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

अंत में हमने भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर सऊदी अरब में रहता है और दिसंबर 2019 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: बिहार के औरंगाबाद में कार पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद कार सवार युवक ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें ग्रामीण की मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों के हमले में तीन युवकों की मौत हो गई और दो युवक घायल हो गए। इनमें से एक का नाम अंकित शर्मा है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

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