Fact Check: आर्कटिक सर्किल में चंद्रमा के पृथ्वी के काफी नजदीक आने के दावे के साथ वायरल वीडियो डिजिटली क्रिएटेड है

आर्कटिक सर्किल में चंद्रमा के पृथ्वी के काफी नजदीक आने के दावे के साथ वायरल वीडियो वास्तविक नहीं है। इसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। आर्कटिक सर्किल का बताकर सोशल मीडिया के विभन्न प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें चंद्रमा को काफी बड़े आकार में और बाद में सूरज को ढकते हुए दिखाया गया है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो कनाडा, अलास्का और रूस की सीमा के अंदर आर्कटिक सर्किल के अंदर का है।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो सीजीआई इफेक्ट है। यह वास्तविक नहीं है। इसको बनाने वाले कलाकार ने खुद इसे डिजिटली क्रिएटेड बताया है।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर @INirwalNeha ने 26 जून को इस वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा, “ये वीडियो कनाडा, अलास्का और रूस की सीमा के बीच आर्कटिक सर्कल के अंदर शूट किया गया है। यह केवल कुछ सेकंड तक रहता है, लेकिन यह शानदार दृश्य को निहारने लायक है। यह घटना वर्ष में केवल एक बार 36 सेकंड के लिए देखी जा सकती है…चंद्रमा अपने सभी वैभव में प्रकट होता है और फिर गायब हो जाता है। यह इतना करीब होता है कि ऐसा लगता है कि यह पृथ्वी से टकराने वाला है, इसके तुरंत बाद 5 सेकंड के लिए पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है जहां सब कुछ अंधेरा हो जाता है। यह घटना केवल पेरिगी (वह बिंदु जहां चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट है) पर होती है और यहीं से हम उस महान गति का एहसास कर सकते हैं जिस पर हमारा ग्रह चलता है। अद्भुत !!

फेसबुक यूजर Hajipur Now (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वीडियो को हमने कीफ्रेम से सर्च किया तो pixelrealm नाम के पोर्टल पर वायरल क्लिप मिली। इसमें दिया गया है कि इस वीडियो को एलेक्सी पैट्रेव ने बनाया है।  

इसकी प्रोफाइल को चेक किया तो इसमें इसी तरह के कुछ और वीडियो भी मिले।

एलेक्सी की इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर बायो में डिजिटल क्रिएटर लिखा हुआ है। कलाकार के एक्स हैंडल के बायो में भी लिखा है, थ्री डी आर्टिस्ट या थ्री डी डिजाइनर।

एलेक्सी के यूट्युूब चैनल पर 2 जून 2021 को इस वीडियो को अपलोड किया गया है।

 एक्स यूजर Lord Sugar ने भी इस वीडियो को 31 जुलाई 2022 को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए इसे आर्कटिक सर्किल का बताया था। इसके जवाब में कई यूजर्स ने इसे सीजीआई इफेक्ट से तैयार किया गया वीडियो बताया था।

इससे पहले भी यह वीडियो वायरल हो चुका है। उस समय विश्‍वास न्‍यूज ने Aleksey Patrev से संपर्क किया था। उन्होंने बताया था कि यह वीडियो सीजीआई इफेक्ट है। यह असली नहीं है।

Nashville Film Institute की वेबसाइट के अनुसार, कंप्यूटर से निर्मित छवि को CGI कहा जाता है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से यह एनिमेटेड वीडियो बनाया जाता है। इसको 3D इमेजिंग या 3D रेंडरिंग भी कहा जाता है।

नेशनल जियोग्राफिक वेबसाइट के मुताबिक, आर्कटिक पृथ्वी का सबसे उत्तरी क्षेत्र है। आर्कटिक में आर्कटिक महासागर बेसिन और स्कैंडिनेविया, रूस, अलास्का, कनाडा और ग्रीनलैंड के बर्फीले क्षेत्र शामिल हैं। अधिकांश वैज्ञानिक आर्कटिक को आर्कटिक सर्किल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के रूप में परिभाषित करते हैं, जो भूमध्य रेखा से लगभग 66.5° उत्तर में अक्षांश रेखा है। आर्कटिक लगभग पूरी तरह से पानी से ढका हुआ है, जिसका अधिकांश हिस्सा जमा हुआ है।

नासा की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी औसतन 238,855 मील (384,400 किमी) है।

डिजिटली क्रिएटेड वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इस पेज के करीब एक लाख 66 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: आर्कटिक सर्किल में चंद्रमा के पृथ्वी के काफी नजदीक आने के दावे के साथ वायरल वीडियो वास्तविक नहीं है। इसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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