Fact Check : यूपी के भदोही पुलिस की बदसलूकी का वीडियो अब राजस्‍थान पुलिस के नाम पर हुआ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि राजस्‍थान पुलिस के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। जिस वीडियो को राजस्‍थान पुलिस का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल यूपी के भदोही का है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। ट्विटर पर 19 सेकंड के एक वीडियो को कुछ लोग वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि पुलिस के अत्‍याचार का यह वीडियो राजस्‍थान पुलिस का है। इसमें एक पुलिसकर्मी एक व्‍यक्ति को कॉलर पकड़ कर पीटते हुए नजर आ रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल पोस्‍ट की जांच की तो पता चला कि वीडियो का राजस्‍थान से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो यूपी के भदोही का है। 31 जनवरी को एक व्‍यक्ति अपनी शिकायत लेकर भदोही कोतवाली पुलिस स्‍टेशन गया था। वहीं पर उसके साथ एक पुलिसकर्मी ने बदसलूकी की थी।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

राणा (@MS_Rana) ने 17 फरवरी 2020 को एक वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर अपलोड करते हुए लिखा : राजस्थान पुलिस आपकी सेवा में?

(फेसबुक पोस्ट का सामान्य लिंक और आर्काइव लिंक)

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल ट्वीट वाले वीडियो में यूजर्स के कमेंट को पढ़ना शुरू किया। बहुत से लोगों ने इस वीडियो को राजस्‍थान का मानकर कमेंट किया तो कुछ यूजर ने इसे यूपी पुलिस का बताया।

पड़ताल के अगले चरण में हमने वीडियो को InVID में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले और इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया। हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर वीडियो से जुड़ी खबरें मिलीं। इन खबरों में वीडियो को यूपी के भदोही का बताया गया था।

दैनिक जागरण की वेबसाइट Jagran.com पर प्रकाशित एक खबर में बताया गया, “भदोही में पुलिसकर्मी काफी दबंग हो गए हैं। यहां थाने में फरियाद लेकर पहुंचे एक युवक की पुलिसकर्मी ने सरेआम पिटाई कर डाली। यह युवक केवल अपनी तहरीर की रिसीविंग मांग रहा था। इस दौरान पूरी घटना को कैमरे में कैद कर रहे व्यक्ति को भी पुलिस ने पीटने और मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की।”

यह खबर 1 फरवरी 2020 को पब्लिश की गई थी। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

इसके बाद हमने दैनिक जागरण के भदोही एडिशन को ऑनलाइन खंगालना शुरू किया। 1 फरवरी 2020 के संस्‍करण में हमें पेज नंबर 3 पर इससे संबंधित खबर मिली। खबर में बताया गया कि भदोही कोतवाली में भूमि विवाद को लेकर आए फरियादी ओम प्रकाश यादव की समस्‍या सुनने के बजाए हेड मोहर्रिर अखिलेश सिंह भिड़ गए। प्रभारी पुलिस अधीक्षक रवींद्र वर्मा ने आनन फानन में उसे निलंबित कर दिया।

वायरल वीडियो को सर्च करने के लिए हमने InVID टूल की मदद ली। अलग-अलग कीवर्ड टाइप करके जब हमने सर्च किया तो हमें ANI UP के ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो मिला। 1 फरवरी 2020 को अपलोड किए गए इस वीडियो के बारे में बताया गया कि भदोही में शिकायत लेकर पहुंचे एक व्‍यक्ति के साथ पुलिसकर्मी ने की बदतमीजी।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने भदोही के एडिशनल एसपी रविंद्र कुमार वर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो उन्‍हीं के यहां का है। पुलिसकर्मी अखिलेश सिंह को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित करके जांच बैठा दी गई है।

अंत में हमने यूपी के वीडियो को राजस्‍थान का बताकर वायरल करने वाले राणा के ट्विटर हैंडल की सोशल स्‍कैनिंग की तो पता चला कि यह हैंडल नवंबर 2019 को बनाया गया था। इसमें एक खास धर्म के खिलाफ पोस्‍ट की जाती है। इस हैंडल को 3279 लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि राजस्‍थान पुलिस के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। जिस वीडियो को राजस्‍थान पुलिस का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल यूपी के भदोही का है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि राजस्‍थान पुलिस के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। जिस वीडियो को राजस्‍थान पुलिस का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल यूपी के भदोही का है।

False
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