Fact Check : फ्री मोबाइल रिचार्ज के नाम से वायरल हो रहे इस लिंक से रहें सावधान, आपके साथ हो सकती है धोखाधड़ी

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल फ्री रिचार्ज वाला ये लिंक फर्जी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस लिंक पर क्लिक करने से आपका डाटा चोरी हो सकता है और आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फ्री मोबाइल रिचार्ज के नाम पर सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक लिंक वायरल हो रहा है। इस लिंक को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इस यूआरएल पर क्लिक करने से आपका मोबाइल फ्री में रिचार्ज हो जाएगा। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज फर्जी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस लिंक पर क्लिक करने से आपका डाटा चोरी हो सकता है और हैकर्स आपका अकाउंट भी खाली कर सकते हैं। इसलिए भूलकर भी ऐसे किसी लिंक पर क्लिक न करें। 

क्या है वायरल पोस्ट में

हमें यह लिंक हमारे चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर एक यूजर ने भेजा और इसकी सच्चाई जाननी चाही।

हमें यह लिंक फेसबुक पर भी वायरल मिला। फेसबुक यूजर एमडी जुबैर ने एक ग्रुप पर 21 जून को एक लिंक शेयर किया। पोस्‍ट में हमें तीन टेलीकाम कंपनियों के लोगो नजर आए। इसके अलावा लिखा गया कि रिचार्ज करने के लिए यहां क्लिक करें। 

पड़ताल

वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले मैसेज के साथ दिए गए लिंक को ध्यान से देखा। इसका यूआरएल लिखा है,  moumobile.in/recharge. यूआरएल देखने में ही संदेहास्पद लगा। कीवर्ड से सर्च करने पर हमें मौमोबिल डॉट इन जैसी एक वेबसाइट मिली, मगर इसमें लिखा था- “we are coming soon” यानी  वेबसाइट अभी चालू नहीं है।

इस तरह के लिंक ज़्यादातर फर्जी होते हैं, इसलिए हमने सीधा एक्सपर्ट से बात की। हमने यह वायरल लिंक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एवं राजस्थान सरकार की पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के पूर्व आईटी सलाहकार आयुष भारद्वाज को भेजा। उन्होंने इस लिंक को चेक कर बताया, “यहाँ क्लिक करने पर आपसे इस लिंक को 10 वॉट्सऐप  यूजर को शेयर करने को कहा जाता है। हर क्लिक पर एक नया पेज खुलता है। असल में ये क्लिकबेट लिंक है और इसपर अपनी निजी जानकारी शेयर करने से उनके चोरी हो जाने का खतरा है। ऐसे क्लिकबेट से आपके मोबाइल में मैलवेयर  पहुंचा उसका कंट्रोल भी हासिल किया जा सकता है। निजी सूचनाएं चोरी कर डीप वेब पर बेची जा सकती हैं। आपका ई-वॉलेट हैक कर आपको वित्तीय नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है।”

आयुष ने हमें यह भी बताया कि ऐसी वेबसाइटों को बनाने का मूल उद्देश्य यूजर्स के मोबाइल और लैपटॉप में मैलवेयर डालना होता है। उसके बाद कीलॉगिंग के माध्यम से यूज़र द्वारा टाइप की गई गुप्त सूचना जैसे कि नेटबैंकिंग आईडी सोशल मीडिया एकाउंट्स की लॉगइन  इन्फॉर्मेशन , ईमेल अकाउंट का पासवर्ड चुराया जाता है। यह कीलॉगर साइबर अपराधी को हर कुछ घंटे में यूज़र की डिटेल टेक्स्ट फ़ाइल में भेजते हैं। जिससे ओटीपी जैसी जानकारी अपने आप हैकरों तक पहुँच जाती है। उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसे संदिग्ध लिंक पर कभी क्लिक न करें।

विश्वास न्यूज पहले भी इस तरह के फिशिंग लिंक वाले मैसेज का फैक्ट चेक कर चुका है। उन फैक्ट चेक  को यहाँ पढ़ा जा सकता है।

फेसबुक यूजर संचिता बासु ने फर्जी लिंक को अपनी फीड में शेयर किया था। यूजर ने अपनी पर्सनल जानकारी हाईड कर रखी है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल फ्री रिचार्ज वाला ये लिंक फर्जी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस लिंक पर क्लिक करने से आपका डाटा चोरी हो सकता है और आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है।

False
Symbols that define nature of fake news
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