लोकसभा चुनाव 24 को लेकर बीबीसी के एग्जिट पोल के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो किसी चुनाव पूर्व या चुनाव बाद सर्वेक्षण का नहीं है, बल्कि 2019 चुनाव के बाद हुई मतगणना का है, जिसे गलत दावे के साथ चुनावी संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 24 के लिए जारी मतदान के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बीबीसी के एग्जिट पोल के हवाले से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) व सहयोगी दलों की बढ़त के साथ कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों की हार का दावा किया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे गलत पाया। वायरल वीडियो क्लिप किसी एग्जिट पोल का नहीं,बल्कि 2019 के चुनावी नतीजों का है, जिसमें बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को भारी बहुमत मिला था।
गौरतलब है कि नियमों के मुताबिक, चुनाव के बीच किसी तरह के सर्वेक्षण को जारी नहीं किया जा सकता है। चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, 19 अप्रैल (पहले चरण का मतदान) की सुबह सात बजे से लेकर एक जून (सातवें चरण का मतदान) की शाम 6.30 बजे तक एग्जिट पोल के प्रसारण पर रोक होगी।
सोशल मीडिया यूजर ‘सनातनी हिन्दू राकेश (मोदी का परिवार)’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को पोस्ट करते हुए इसे बीबीसी का एग्जिट पोल बताया है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो क्लिप में नजर आ रही रिपोर्टर/एंकर को बीजेपी गठबंधन के 347 सीटों पर बढ़त और कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों को 87 से अधिक सीटों पर बढ़त की जानकारी देते हुए सुना जा सका है। वीडियो को सुनकर स्पष्ट है कि वायरल क्लिप किसी पोल का नहीं, बल्कि मतगणना का है।
चूंकि लोकसभा चुनाव 24 के आखिरी और सातवें चरण का मतदान शेष है, इसलिए यह मौजूदा चुनाव से संबंधित नहीं हो सकता है।
वहीं, नियमों के मुताबिक, चुनाव के बीच किसी तरह के सर्वेक्षण को जारी नहीं किया जा सकता है। चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, 19 अप्रैल (पहले चरण का मतदान) की सुबह सात बजे से लेकर एक जून (सातवें चरण का मतदान) की शाम 6.30 बजे तक एग्जिट पोल के प्रसारण पर रोक होगी।
वहीं, जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा126 (1)(b) के तहत चुनाव के दौरान संबंधित लोकसभा क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के खत्म होने के 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
वायरल वीडियो क्लिप के ऑरिजिनल स्रोत ढूंढने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से मिले की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें ‘बीबीसी न्यूज’ के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ वीडियो मिला।
2019 में अपलोड किया गया यह वीडियो तत्कालीन लोकसभा चुनाव के नतीजों का है, जिसमें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को स्पष्ट बहुमत मिला था।
यानी वायरल वीडियो क्लिप किसी प्री या पोस्ट पोल का नहीं है, बल्कि पिछले आम चुनाव के बाद हुए मतगणना का है। पिछले कई चुनावों के दौरान बीबीसी के नाम से ऐसे पोल के आंकड़ों को शेयर किया जाता रहा है। वास्तव में बीबीसी न तो चुनाव पूर्व सर्वेक्षण यानी ओपिनियन पोल या चुनाव बाद एग्जिट पोल करता है।
विश्वास न्यूज इससे पहले भी चुनावी मौकों पर बीबीसी न्यूज के नाम पर वायरल सर्वे की पड़ताल कर चुका है। वास्तव में बीबीसी भारत में किसी तरह का प्री-पोल सर्वे नहीं करता है। वायरल पोस्ट को लेकर विश्वास न्यूज ने बीबीसी से ईमेल के जरिए संपर्क किया था। वायरल चुनावी सर्वे का खंडन करते हुए बीबीसी ने बताया, “बीबीसी किसी भी तरह का चुनावी सर्वेक्षण नहीं करता है। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह बीबीसी के नाम पर फैलाई जा रही फेक न्यूज है।”
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को एक्स पर करीब 62 हजार लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
चुनाव आयोग की अधिसूचना (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के तहत अब तक छह चरणों का मतदान हो चुका है और सातवें व अंतिम चरण का मतदान एक जून को होगा।
निष्कर्ष: लोकसभा चुनाव 24 को लेकर बीबीसी के एग्जिट पोल के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो किसी चुनाव पूर्व या चुनाव बाद सर्वेक्षण का नहीं है, बल्कि 2019 चुनाव के बाद हुई मतगणना का है, जिसे गलत दावे के साथ चुनावी संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।
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