बरेली के सैलानी क्षेत्र में होलिका दहन से पहले एक ही समुदाय के दो गुटों में विवाद हो गया था। इस मामले के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। होली से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक होटल में अफरातफरी की स्थिति दिखाई दे रही है। कुछ यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि बरेली में होली के नाम पर कुछ लोगों ने मुसलमान इलाके में घुसकर बंदूक की नोक पर दूसरों को रंग लगाया। यूजर्स इसे सांप्रदायिक रंग देकर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि होलिका दहन से पहले बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में मुस्लिमों के दो गुटों में आपस में विवाद हो गया था। इसमें कुछ लोगों ने फायरिंग भी की थी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
एक्स यूजर Karishma Aziz (आर्काइव लिंक) ने 24 मार्च को वीडियो पोस्ट करते हुए इसे बरेली का बताते हुए सांप्रदायिक कहा।
फेसबुक यूजर Faizan Alam (आर्काइव लिंक) ने भी वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
“होली के नाम पर धांधली, मूलमान इलाके में घुस कर बंदूक की नोक पर लगाया जा रहा रंग!! घटना उत्तर प्रदेश राम राज “बरेली” की है!
यही है मोदी की नीति, यही है मोदी की गारंटी, यही है राम राज, यही है हिंदू रास्ट्री की संस्कृति!!”
वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। अमर उजाला की वेबसाइट पर 24 मार्च को इससे संबंधित खबर छपी है। इसमें वायरल वीडियो को भी देखा जा सकता है। खबर में लिखा है कि शनिवार रात को बरेली के सैलानी में दो गुटों में विवाद हो गया था। विवाद बढ़ने पर युवकों ने फायरिंग कर दी। इसका वीडियो वायरल हो गया है। खबर के अनुसार, रोजा इफ्तार के बाद कुछ लोग वहां पहुंचे थे। इस दौरान दो गुटों में विवाद हो गया था।
लाइव हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर भी इस खबर को देखा जा सकता है। इसमें लिखा है कि शनिवार रात को एक युवक वहां निहारी की दुकान पर बैठा था। इस बीच एक अन्य युवक वहां पहुंचा। दोनों में पुरानी रंजिश के चलते बात बढ़ गई और फायरिंग हो गई। झगड़े की सूचना मिलने के बाद बारादरी पुलिस इंचार्ज अमित पांडेय वहां पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे।
बरेली के दैनिक जागरण संस्करण में छपी खबर के अनुसार, इस मामले में एजाज नगर गौटिया निवासी तौफीक ने पुलिस को शिकायती पत्र दिया है। इसमें अरमान, शोएब और एक अज्ञात के खिलाफ शिकायत की गई है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। खबर से साफ पता चलता है कि दोनों ही पक्ष एक ही समुदाय के हैं।
एक्स यूजर Karishma Aziz की पोस्ट पर बरेली पुलिस ने जवाब देते हुए लिखा कि बारादरी थाना क्षेत्र में हुए विवाद में दोनों पक्ष एक ही समुदाय के हैं। इसमें एक गुट ने फायरिंग की थी। इसमें कोई घायल नहीं हुआ है। केस दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
बरेली पुलिस के एक्स हैंडल से 24 मार्च को सीओ थर्ड के बयान को पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया गया है। इसमें वह कह रही हैं कि इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है।
इस बारे में बरेली में दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी अशोक कुमार ने कहा कि यह घटना होली से पहले हुई थी। इसका होली से कोई संबंध नहीं है। दोनों ही पक्ष एक ही समुदाय के थे। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।
वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले यूजर एक विशेष विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: बरेली के सैलानी क्षेत्र में होलिका दहन से पहले एक ही समुदाय के दो गुटों में विवाद हो गया था। इस मामले के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
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