Fact Check : चंबल में मगरमच्‍छ के हमले से बचाने के नाम पर बांग्‍लादेश का पुराना वीडियो वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। वीडियो बांग्‍लादेश के चांदपुर का है। चंबल नदी में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।

Fact Check : चंबल में मगरमच्‍छ के हमले से बचाने के नाम पर बांग्‍लादेश का पुराना वीडियो वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। तीस सेकंड के इस वीडियो में एक बच्‍चे को पानी की लहरों के बीच फंसे हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि चंबल नदी में मगरमच्छ के हमले से एक बच्चे को सीडीआरएफ की टीम ने बचा लिया। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को खूब वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। पता चला कि बांग्‍लादेश के पुराने वीडियो को कुछ लोग भारत की चंबल नदी का समझकर झूठे दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। जांच में पता चला कि वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘MP49 न्यूज़’ ने 25 अगस्‍त को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘मगरमच्छ के हमले से बच्चे को SDRF की टीम ने चंबल नदी से बचाया..’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो के कई ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें पहला ही लिंक बांग्‍लादेश की फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट rumorscanner.com का मिला। इस खबर में बताया गया कि वायरल वीडियो बांग्‍लादेश के चांदपुर का है। वहां यह घटना हुई थी। इस खबर में बताया गया कि नदी में एक लड़का गिर गया था। इसे बचा लिया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें। rumorscanner.com ने विश्‍वास न्‍यूज से इस घटना की पुष्टि की।

https://rumorscanner.com/fact-check/rescue-child-from-water/16559

चांदपुर की घटना का एक वीडियो यूट्यूब पर मिला। 27 अगस्‍त 2021 को अपलोड वीडियो में उसी लड़के और बचावकर्मियों को देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में मौजूद है। इसके कैप्‍शन में बांग्‍ला में लिखा गया कि चांदपुर में यह घटना घटी। एक लड़के को डूबने से बचाया गया।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए मुरैना के अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि चंबल में आई बाढ़ के दौरान एसडीआरएफ की छह व एनडीआरएफ की एक टीम तैनात रही। मुरैना जिले में ऐसी कोई घटना कहीं नहीं हुई कि बाढ़ में कोई बच्चा बह गया, उसके पीछे मगरमच्छ लगा है और एनडीआरएफ की टीम ने उसे बचाया हो। यह वीडियो कहीं और का है।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने नईदुनिया, ग्‍वालियर संभाग के प्रमुख वीरेंद्र तिवारी के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने भी जानकारी देते हुए बताया कि चंबल क्षेत्र में ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं है।

पड़ताल के अंत में बांग्‍लादेश के पुराने वीडियो को चंबल का बताकर वायरल करने वाले फेसबुक पेज की जांच की गई। फेसबुक पेज MP49 न्‍यूज की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि इसे 10 हजार से ज्‍यादा लोग लाइक करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। वीडियो बांग्‍लादेश के चांदपुर का है। चंबल नदी में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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