घायल जवान को लेकर जा रही एंबुलेंस को रोक रहे प्रदर्शकारियों का वीडियो बांग्लादेश का है। इसका वेस्ट बंगाल से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें प्रदर्शनकारियों को सेना की गाड़ी और घायल जवान को ले जा ही एंबुलेंस को रोकते हुए देखा जा सकता है। इसे शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वायरल वीडियो बंगाल का है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घायल जवान को लेकर जा रही गाड़ियों को रोक दिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि घायल जवान को लेकर जा रही गाड़ियों को रोकने का वायरल वीडियो बांग्लादेश का है। इसका पश्चिम बंगाल से कोई संबंध नहीं है। इसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वायरल वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है। वीडियो के साथ में लिखा है,
“बंगाल में लश्कर के घायल जवान को ले जाते समय मुसलमानों ने घेर कर गाड़ियाँ रोक लीं, तादाद बढ़ने पर लश्कर का ये हाल है भाई किस सपने में हो तुम? सावधान रहो मूर्खों, यह तुम्हारा समय है।“
ट्विटर यूजर ‘कश्यप वैष्णव ‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 7 जून को इस वीडियो को शेयर करते हुए समान दावा किया।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें आर्मी के वाहन का नंबर न तो अंग्रेजी में है और न ही हिंदी में, जबकि भारतीय सैन्य वाहनों के नंबर इंग्लिश में लिखे होते हैं। मतलब ये वाहन भारत के नहीं हैं।
वीडियो में एंबुलेंस में बैठे सैन्य अधिकारी के कंधे पर लगे बैज पर AMC लिखा हुआ है और उस पर एक निशान बना हुआ है। हमने अधिकारी के कंधे पर लगे बैज को गूगल पर सर्च किया तो बांग्लादेश आर्मी के अधिकारियों के कंधे पर लगे बैज के जैसा दिखा। इससे यह हमें यह पता चला कि वीडियो बांग्लादेश का है।
इसकी और अधिक जानकारी के लिए हमने इसके कीफ्रेम्स निकालकर इसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। फेसबुक यूजर Zakir Hossain Khokan (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो के कुछ हिस्सों को 31 मार्च 2021 को शेयर किया है। इसके साथ में लिखी भाषा को गूगल ट्रांसलेट करने पर हमें पता चला कि एक बीमार फौजी को एंबुलेंस से सीएमएच ले जाया जा रहा था, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट दिखाने के बाद भी उनको नहीं जाने दिया गया। यूजर की लोकेशन बांग्लादेश की राजधानी ढाका दी गई है।
डेमंसबीडी डॉट नेट फेसबुक पेज (आर्काइव लिंक) पर भी इस वीडियो को देखा जा सकता है। इसे 29 मार्च 2021 को अपलोड किया गया है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने ढाका में रॉयटर्स के पत्रकार सैम जहां से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो का लिंक भेजा। उनका कहना है, “यह बांग्लादेश सेना के जवानों की यूनिफॉर्म है। एएमसी का मतलब आर्मी मेडिकल कॉर्प्स से है। यह वीडियो बांग्लादेश का है।“
इस वीडियो को पहले भी गलत दावे के साथ वायरल किया जा चुका है। तब विश्वास न्यूज ने इस बारे में बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट जागो न्यूज के रिपोर्टर शिराजुज्जमान से बात की थी। उन्होंने कहा था, “वायरल वीडियो बांग्लादेश के चिटगांव के हत्जारी का है। वहां मदरसे के छात्र पुलिस के साथ हुई झड़प का विरोध कर रहे थे। उस दौरान सेना की एक एम्बुलेंस वहां से गुजरी तो पहले प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोका, लेकिन बाद में उसे जाने दिया गया था।“
वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले ट्विटर यूजर ‘कश्यप वैष्णव ‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। उन्होंने मई 2012 में ट्विटर पर ज्वाइन किया है। उनके 184 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: घायल जवान को लेकर जा रही एंबुलेंस को रोक रहे प्रदर्शकारियों का वीडियो बांग्लादेश का है। इसका वेस्ट बंगाल से कोई संबंध नहीं है।
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