Fact Check: बांग्लादेश की यूनिवर्सिटी में हुए नाटक के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर हिंसा से जोड़ते हुए किया जा रहा वायरल

मार्च 2024 में बांग्लादेश की जगन्नाथ यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के आत्महत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था। उस दौरान किए गए नाटक के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि एक युवती के हाथ-पैर बंधे हुए हैं और उसके मुंह पर टेप चिपका हुआ है। वीडियो को शेयर कर कुछ यूजर्स इसे बांग्लादेश में हो रही हिंसा से जोड़ रहे हैं, जबकि कुछ इसे सांप्रदायिक रंग देकर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश में विरोध स्वरूप मंचित किए गए नाटक का है। दरअसल, जगन्नाथ यूनिवर्सिटी में एक छात्रा की आत्महत्या के बाद स्टूडेंट्स ने न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान नाटक का मंचन भी किया गया था। उसके वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर Raushan Raj Rajput ने 7 अगस्त को वीडियो पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,

बांग्लादेश का यह विडियो देखने के बाद भी अगर तुम यह सोचते हो कि “मोदी” #Dictator है! उसे सत्ता से उखाड़ फेंकना है तो कल आपके सामने आपकी बहन बेटी के साथ भी ऐसा ही बर्ताव होने वाला है! और अपनी अम्मी से अपना ब्लड ग्रुप पता कर लेना!!

फेसबुक यूजर ‘राज आशिक’ ने वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर (आर्काइव लिंक) किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने सबसे पहले इसे ध्यान से देखा। इसमें एक शख्स को वीडियो कैमरे से युवती को फिल्माते हुए देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो का एक दृश्य।

इसके बाद हमने वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस से सर्च किया। 18 जुलाई को फेसबुक यूजर শহীদ আবু সাঈদ ने वीडियो को शेयर करते हुए इसे जगन्नाथ विश्वविद्यालय की छात्र लीग नेता का वीडियो बताया।

इस पोस्ट के जवाब में एक यूजर के कमेंट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इस पर लिखा है, यह एक फर्जी वीडियो है। ये वीडियो अबंतिका की मौत के बाद विरोध स्वरूप बनाया गया था, जिसे अब गलत कैप्शन के साथ अपलोड किया गया है। कृपया प्रामाणिकता सत्यापित करें और फिर कोई भी वीडियो पोस्ट करें। वह जगन्नाथ विश्वविद्यालय की एक साधारण छात्रा है। किसी भी संगठन से संबद्ध नहीं।

इस बारे में और सर्च करने पर फेसबुक यूजर JnU Short Stories की पोस्ट मिली। इसे 26 जुलाई को पोस्ट किया गया है। इसमें वायरल वीडियो के साथ लिखा गया है, अफवाहों के कारण लड़की आज सदमे से गुजर रही है। लड़की शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में जगन्नाथ विश्वविद्यालय की नियमित छात्रा है। यह वीडियो कुछ दिन पहले अबंतिका की आत्महत्या के विरोध स्वरूप पथ नाटक का है, लेकिन कुछ लोगों ने मौजूदा आंदोलन का हवाला देकर लड़की को छात्र लीग के नेता के तौर पर पेश करते हुए वीडियो फेसबुक पर शेयर कर दिया, जो तुरंत वायरल हो गया। यह देखकर लड़की सदमे में है। आज अगर लड़की भी अबंतिका की तरह आत्महत्या कर ले तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सभी लोग लड़की के साथ खड़े हैं, आप जहां भी यह वीडियो देखें, कमेंट में विरोध के साथ रिपोर्ट करें। कृपया इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करके इस अफवाह को रोकें!

बांग्लादेश के यूट्यूब चैनल ‘चैनल 24’ पर 18 मार्च 2024 को अपलोड वीडियो में वायरल वीडियो में दिख रही युवती को देखा जा सकता है। उसके साथ में कुछ अन्य युवक व युवतियां भी वहां मुंह पर टेप चिपकाए या मशाल लिए खड़े दिख रहे हैं। वीडियो का टाइटल है, अबंतिका को फांसी की सजा की मांग को लेकर मशाल जुलूस। इसके साथ में जस्टिस फॉर अबंतिका का हैशटैग भी इस्तेमाल किया गया है।

इस आधार पर बांग्ला कीवर्ड से सर्च करने पर 17 मार्च को बांग्लादेश की वेबसाइट इत्तेफाक पर प्रकाशित खबर का लिंक मिला। इसमें लिखा है कि जगन्नाथ विश्वविद्यालय (जेयूबी) के छात्रों ने यूनिवर्सिटी की छात्रा फैरुज सदफ अबंतिका की आत्महत्या के मामले में न्याय की मांग करते हुए मशाल जुलूस निकाला। इस दौरान उन्होंने नाटक का प्रदर्शन भी किया। इसमें भी वायरल वीडियो में दिख रही युवती और प्रदर्शन कर रहे अन्य छात्रों की तस्वीर अपलोड की गई है।

इस बारे में बांग्लादेश के रयूमर स्कैनर के फैक्ट चेकर मोहम्मद शकीउज्जमन का कहना है कि वायरल वीडियो जगन्नाथ यूनिवर्सिटी में छात्रा के आत्महत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन का है। इस दौरान नाटक का मंचन भी हुआ था।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के 33 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: मार्च 2024 में बांग्लादेश की जगन्नाथ यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के आत्महत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था। उस दौरान किए गए नाटक के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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