Fact Check: हिंदुओं और बौद्धों को लेकर वायरल हो रहा बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का फर्जी बयान

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के नाम से हिंदुओं और बौद्धों को लेकर वायरल हो रहा यह बयान फेक है।

Fact Check: हिंदुओं और बौद्धों को लेकर वायरल हो रहा बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का फर्जी बयान

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश में हुए सियासी उथलपुथल और हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की तस्वीर के साथ में लिखा है कि यदि हिंदू और बौद्ध बांग्लादेश में सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो उन्हें या तो इस्लाम अपना लेना चाहिए या भारत चले जाना चाहिए। यूजर्स इसे खालिदा जिया का बयान समझकर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि खालिदा जिया के नाम से वायरल हो रहा यह बयान फर्जी है। उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर्स ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

फेसबुक यूजर ‘जी के बोहरा पार्थसारथी‘ (आर्काइव लिंक) ने इस स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है,

ये बांग्ला नेशनल पार्टी की अध्यक्ष.. बेगम खालिदा जिया हैं, इसने कल साफ साफ कह दिया है, कि..
“मुझे बांग्लादेश में हिंदुओं और बौद्धों के नरसंहार जारी रहने का अफसोस है, लेकिन बांग्लादेश एक इस्लामिक राष्ट्र है, और यहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। इन परिस्थितियों में.. यदि हिंदू और बौद्ध सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो उन्हें या तो धर्म परिवर्तन करना चाहिए , इस्लाम अपनाओ या.. अपना सब कुछ छोड़कर.. भारत चले जाओ।”

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखा। इस पर खबर 24×7 डॉट कॉम लिखा है। हमने इस वेबसाइट के बारे में सर्च किया, तो इस पर हमें ऐसी कोई भी खबर नहीं मिली।

इस नाम से बने फेसबुक पेज पर 20 जुलाई 2015 को वायरल पोस्ट किया गया है। इसके जवाब में कई यूजर्स ने इस इसको फेक बताते हुए कमेंट भी किया है।

इससे यह तो साफ हो गया कि यह पोस्ट अभी की नहीं, बल्कि करीब नौ साल पुरानी है।

इस दावे की और जानकारी के लिए हमने इंग्लिश और बांग्ला कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

हमने स्क्रीनशॉट में दी गई वेबसाइट की जानकारी के लिए व्हू डॉट इज पर चेक किया। इसके अनुसार, यह डोमेन रौनक राय के नाम से रजिस्टर्ड है। 2014 में इसका रजिस्ट्रेशन किया गया था।

इस बारे में हमने वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया। रौनक राय का कहना है कि उन्होंने यह वेबसाइट करीब छह माह पहले किसी से ली थी। उनकी जानकारी में वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं छपी है। फेसबुक पोस्ट के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

इस बारे में हमने बांग्लादेश के प्रोबश टाइम्स के समाचार संपादक अराफात से भी बात की। उनका कहना है, इस बयान का कोई प्रमाण नहीं है। उनकी पार्टी का नाम बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी है, न कि बांग्ला नेशनल पार्टी।

वहीं, बांग्लादेश के रयूमर स्कैनर के फैक्ट चेकर तनवीर महताब आबिर ने भी कहा कि उन्हें इस तरह का कोई बयान नहीं मिला।

फर्जी पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। नवी मुंबई के रहने वाले यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

बांग्लादेश से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

निष्कर्ष: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के नाम से हिंदुओं और बौद्धों को लेकर वायरल हो रहा यह बयान फेक है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

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