Fact Check : दिल्ली में डीजल और पेट्रोल के पुराने वाहनों पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटाया गया, वायरल दावा गलत

सरकार की तरफ से से पुराने वाहनों को लेकर किसी भी तरह की कोई अधिसूचना और पत्र नहीं जारी किया गया है। अभी भी NGT द्वारा 10 वर्ष पुराने डीजल एवं 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी लगी हुई है। वायरल पत्र में सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीद और बिक्री के नियमों के बारे में बताया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा दिल्ली में 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगाई पाबंदी समाप्त हो गई है। अब सभी लोग ₹5000 फीस दे कर अपनी 10 वर्ष पुरानी डीजल एवं 15 वर्ष पुरानी पेट्रोल कार की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू करवा सकते हैं। ये अधिसूचना सरकार ने जारी की है। इसी के साथ ही एक पत्र भी शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। सरकार की तरफ से इस तरह की कोई अधिसूचना और पत्र नहीं जारी किया गया है। अभी भी NGT द्वारा 10 वर्ष पुराने डीजल एवं 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी लगी हुई है। वायरल पत्र में सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीद और बिक्री के नियमों के बारे में बताया गया है।

क्या हो रहा है वायरल ?


फेसबुक यूजर एसएमजी न्यूज नेटवर्क  ने वायरल पत्र को शेयर करते हुए लिखा है, “NGT द्वारा 10 वर्ष पुराने डीजल एवं 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगाई पाबंदी समाप्त। ₹5000 फीस दे कर अपनी 10 वर्ष पुरानी डीजल एवं 15 वर्ष पुरानी पेट्रोल कार की RC रिन्यू करवाइए। भारत सरकार ने जारी की अधिसूचना।”

वायरल पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है। वायरल तस्वीर को मिलते-जुलते दावे के साथ अन्य यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल 


वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। 

विश्वास न्यूज ने दिल्ली परिवहन विभाग की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक नोटिस मिला। जिसके अनुसार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, दिल्ली में 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी जारी है। ये सरकारी वाहनों सहित आम लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी वाहनों के लिए हैं। प्रदेश में प्रदूषण को कम करने के लिए इस नियम को लागू किया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल हो रहे पत्र के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमने यह पत्र पीआईबी की वेबसाइट पर मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह पत्र सेकेंड हैंड गाड़ियों से जुड़ी बिक्री के बारे में हैं। इस पत्र में सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीद और बिक्री के नियमों के बारे में बताया गया है। इस पत्र को 22 दिसंबर, 2022 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी किया गया था। पत्र में मंत्रालय की ओर से सेकेंड हैंड गाड़ियों की बिक्री से जुड़े कुछ नए नियमों के बारे में बताया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, इन नियमों को बनाने का मकसद अवैध खरीद-बिक्री पर रोक लगाना है। 

जांच के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन विंकेश गुलाटी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। उन्होंने 13 फरवरी 20123 को वायरल पत्र को शेयर करते हुए दावे को गलत बताया है। उन्होंने अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी जारी है। इसे अभी तक नहीं हटाया गया है, इस तरह के किसी भी मैसेज पर भरोसा न करें।

https://twitter.com/VinkeshGulati/status/1625038551275667456


न्यूज 18 में 14 मार्च 2022 छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीटी का यह आदेश पूरे देश के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ कुछ राज्य के लिए ही है। महाराष्ट्र और बिहार जैसे कई राज्यों में पुराने वाहनों को दोबारा रजिस्ट्रेशन कर इस्तेमाल किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए कार चालक को पहले 600 रुपए देने होते थे, जिसे बढ़ाकर 5000 रुपए तक कर दिया गया।

अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। सरकार और  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की तरफ से लागू यह नियम अभी तक नहीं हटाया गया है। दिल्ली में 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी जारी है। अगर इसे हटाया जाएगा, तो सरकार इसकी घोषणा करेगी। सोशल मीडिया पर वायरल ऐसी किसी  भी पोस्ट पर यकीन न करें।”

पड़ताल के अगले चरण में फर्जी मैसेज करने वाले फेसबुक यूजर एसएमजी न्यूज नेटवर्क की जांच की गई। यूजर को फेसबुक पर 42,836 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: सरकार की तरफ से से पुराने वाहनों को लेकर किसी भी तरह की कोई अधिसूचना और पत्र नहीं जारी किया गया है। अभी भी NGT द्वारा 10 वर्ष पुराने डीजल एवं 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी लगी हुई है। वायरल पत्र में सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीद और बिक्री के नियमों के बारे में बताया गया है।

False
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