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Fact Check: बंद नहीं हुआ हेल्मेट चेकिंग अभियान, फर्जी दावा वायरल

सोशल मीडिया पर हेल्मेट अभियान पर रोक लगने वाला दावा फर्जी है। ऐसी कोई रोक नहीं लगाई गई है। मैसेज में जिन देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान का नंबर दिया गया है, उन्होंने भी इस मैसेज को फर्जी बताया है। दोपहिया वाहन चालकों को हेल्मेट लगाना अनिवार्य है। नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है।

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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हेल्मेट चेकिंग अभियान को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें लिखा है कि सभी राज्यों में चल रहे हेल्मेट चेकिंग अभियान को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके बाद महानगर पालिका के दायरे में वाहन चालक को हेल्मेट पहनना जरूरी नहीं है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि हेल्मेट को लेकर चल रहा मैसेज फर्जी है। वाहन चालक को हेल्मेट पहनना जरूरी है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Rajesh Napit (आर्काइव लिंक) ने 18 अक्टूबर को लिखा,

ब्रेकिंग न्यूज़
हेलमेट मुक्त
अब सभी राज्यो में अभी तक की जो हेलमेट चेकिंग चल रही थी उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है ,
सागरकुमार जैन के याचिका के मुताबिक महानगरपालिका की दायरों के अंदर हेलमेट का उपयोग वाहन चालक पर अनिवार्य नहीं होगा जिस रास्ते को राज्य मार्ग या हाईवे का दर्जा प्राप्त हुआ है वहां पर हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा इसके बाद अगर कोई भी ट्रैफिक वाला या कोई पुलिस वाला आपसे हेलमेट क्यों नहीं पहना पूछता है तो आप उसे कह सकते हो कि मैं महानगरपालिका नगरपालिका पंचायत समिति शहर के हद में हूं आप सभी को यह जानकर खुशी होगी .
इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि लोगों को भी पता चले …!!

आपका अपना
देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान अधिवक्ता
प्रदेश अध्यक्ष
संयुक्त अधिवक्ता महासंघ
9452680100
8299683093

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले पोस्ट को ध्यान से देखा। इसके कमेंट में यूजर देवेंद्र सेन ने न्यूजपेपर की कटिंग शेयर की है। इसमें यह लिखा है, सोशल मीडिया पर लखनऊ के देवेंद्र प्रताप सिंह चौहान के नाम से हेल्मेट मुक्त की फर्जी खबर वायरल हो रही है। अधिवक्ता देवेंद्र के मुताबिक, गुजरात की खबर को कापी करके सोशल मीडिया पर उनके नाम से वायरल किया जा रहा है। हेल्मेट पहनना जरूरी है।

इसे कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च करने पर हमें वॉयस ऑफ एमपी वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसके अनुसार, नीमच के एडिशनल एसपी सागर शहर विक्रम सिंह कुशवाहा ने हेल्मेट से छूट वाले मैसेज को भ्रामक बताया है। उनका कहना है कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेल्मेट अनिवार्य है। यह लोगों की सुरक्षा के लिए है। हेल्मेट नहीं लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने मैसेज में दिए गए मोबाइल नंबर पर बात की। यह नंबर देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान का ही है। उन्होंने कहा, ‘यह पोस्ट पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है। वायरल पोस्ट फर्जी है। लोग गलत जानकारी शेयर कर रहे हैं। इस संबंध में उनके पास कई फोन आ चुके हैं और वह इससे परेशान हो चुके हैं। हेल्मेट पहनना जरूरी है और इसमें सहयोग करें।

इस बारे में और सर्च करने पर हमें दैनिक भास्कर में तीन साल पहले छपी खबर का लिंक मिला। इसमें लिखा है कि गुजरात में सरकार ने हेल्मेट मामले में यूटर्न ले लिया है। गुजरात के परिवहन मंत्री आरसी फलदू ने 4 दिसंबर को कहा था कि मंत्रिमंडल ने शहरी क्षेत्रों में हेल्मेट पहनने को स्वैच्छिक करने का फैसला किया है। मतलब शहरी इलाके में हेल्मेट पहनना अनिवार्य नहीं है। इसके बाद अब गुजरात सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है। हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में सरकार ने कहा है कि हेल्मेट स्वैच्छिक बनाने का कोई सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है।

इस बारे में गुजरात में दैनिक जागरण में एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया का कहना है, ‘करीब तीन साल पहले गुजरात के परिवहन मंत्री ने शहरी क्षेत्र में हेल्मेट पहनने को स्वैच्छिक करने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया था। यहां हेल्मेट पहनना जरूरी है। हेल्मेट नहीं होने पर पुलिस कार्रवाई करती है।

फर्जी पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘राजेश नपित‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह छतरपुर से संबंध रखते हैं और एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर हेल्मेट अभियान पर रोक लगने वाला दावा फर्जी है। ऐसी कोई रोक नहीं लगाई गई है। मैसेज में जिन देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान का नंबर दिया गया है, उन्होंने भी इस मैसेज को फर्जी बताया है। दोपहिया वाहन चालकों को हेल्मेट लगाना अनिवार्य है। नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है।

  • Claim Review : महानगर पालिका के दायरे में वाहन चालक को हेल्मेट पहनना जरूरी नहीं है।
  • Claimed By : FB User- Rajesh Napit
  • Fact Check : झूठ
झूठ
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