पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमले में मारे गए बच्चों की याद में करीब नौ साल पहले एक कार्यक्रम हुआ था। उस कार्यक्रम में गीत गाने वाले बच्चे का वीडियो गलत दावे से वायरल हो रहा है। बच्चे के पिता सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि गायक हैं और कुशल हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। स्कूल की यूनिफॉर्म पहने एक बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह ‘बाबा मेरे प्यारे बाबा…’ गाना गाता हुआ दिख रहा है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि गाना गा रहे बच्चे के पिता शहीद सैन्य अधिकारी हैं, जो आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में शहीद हो गए थे।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहे बच्चे के पिता सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि गायक हैं। वीडियो पाकिस्तान में करीब नौ साल पहले हुए एक कार्यक्रम का है, जो पेशावर में आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमले में मारे गए बच्चों की याद में हुआ था।
फेसबुक यूजर Alok Shukla Kamlapur ने 14 अगस्त को वीडियो शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“यह बच्चा एक सेना अधिकारी का बेटा है जिसके पिता आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में मारे गए थे। यह खबर सुनते ही सदमे से उनकी मां की भी मृत्यु हो गई। यह बच्चा बोर्डिंग आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ रहा है। देखिए कैसे वह गाते समय आंसुओं से लड़ रहा है। कैसा आत्मविश्वास.इस बच्चे के गायन से मेरी आँखों में आँसू आ गए। इतना हृदयवेदक।“
वायरल वीडियो का कीफ्रेम गूगल लेंस से सर्च करने पर हमें यह यूट्यूब चैनल Yaara Video पर अपलोड मिला। 30 मार्च 2016 को वायरल वीडियो के लंबे वर्जन को पोस्ट किया गया है। इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है, ‘पेशावर में शहीद हुए बच्चों को याद करते हुए’।
इससे यह तो साफ होता है कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि काफी पुराना है।
कीवर्ड से सर्च करने पर हमें यूट्यूब चैनल SibteinTV पर अपलोड वीडियो मिला। इसे 19 दिसंबर 2015 को पोस्ट करते हुए जानकारी दी गई कि छाटे बच्चे गुलाम-ए-मुर्तजा ने 2015 में हुए एपीएस हमले के पीड़ितों के लिए यह गाना गया है।
19 दिसंबर 2015 को पाकिस्तान के यूट्यूब चैनल Dunya News ने भी इस वीडियो को पोस्ट करते हुए इसे पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमले में मारे गए बच्चों की याद में हुए कार्यक्रम का बताया।
Nadeem Abbas Guitar Lessons यूट्यूब चैनल पर 13 दिसंबर 2019 को एक वीडियो अपलोड किया गया है। इसमें गाना गाने वाले बच्चे को भी देखा जा सकता है। वीडियो में बच्चे का नाम गुलाम-ए-मुर्तजा बताया गया है। साथ में जानकारी दी गई है कि बच्चे ने पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए हमले में मारे गए बच्चों की याद में यह गाना गाया था। उसके पिता प्रसिद्ध गायक नदीम अब्बास है और उसके दादा का नाम शहजाद अख्तर शहजादा है। शहजाद पाकिस्तानी म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने-माने संगीत निर्देशक एवं कम्पोजर हैं। गुलाम-ए-मुर्तजा के पिता के सैन्य अधिकारी होने और उनकी मौत का दावा मात्र अफवाह है। उसके माता-पिता दोनों कुशल हैं।
इस बारे में हमने गुलाम-ए-मुर्तजा के पिता नदीम अब्बास से संपर्क किया। उनका कहना है, “सोशल मीडिया पर कई साल से यह अफवाह फैल रही है। मैं सैन्य अधिकारी नहीं हूं, एक गायक हूं। पेशावर में हमले में मारे गए स्कूल के बच्चों की याद में बेटे ने यह गाना गया था। उस गाने में आखिरी में मुझे भी कुछ पंक्तियां गाते हुए देखा जा सकता है। मैंने सिंगिग रियलिटी शो ‘सुर क्षेत्र’ में हिस्सा लिया था।” उन्होंने अपनी और गुलाम-ए-मुर्तजा की एक तस्वीर भी हमें भेजी।
2 दिसंबर 2015 को बीबीसी में छपी खबर के अनुसार, पाकिस्तान के पेशावर में 16 दिसंबर 2014 को आतंकियों ने आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला कर दिया था। इसमें करीब 150 लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकतर बच्चे थे।
वीडियो को मनगढ़ंत दावे से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के छह हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमले में मारे गए बच्चों की याद में करीब नौ साल पहले एक कार्यक्रम हुआ था। उस कार्यक्रम में गीत गाने वाले बच्चे का वीडियो गलत दावे से वायरल हो रहा है। बच्चे के पिता सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि गायक हैं और कुशल हैं।
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