Fact Check: अयोध्या में राम मंदिर के लिए मूर्ति बनाने को लेकर भ्रामक दावे वायरल

अयोध्या के राम मंदिर के लिए मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू मूर्तियां बना रहे हैं। उनके अलावा कर्नाटक के गणेश भट्ट व अरुण योगीराज और राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय रामलला की मूर्ति बना रहे हैं, जबकि भगवान राम की मूर्ति के साथ दिख रहे शख्स की तस्वीर बेंगलुरु के सद्दाम की है। इसका अयोध्या के राम मंदिर से कोई वास्ता नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल दोनों दावे भ्रामक हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आने पर उससे जुड़ी पोस्ट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। विश्वास न्यूज इनमें से कुछ भ्रामक दावों की पड़ताल कर चुका है। अब कुछ यूजर्स राम मंदिर की मूर्ति को लेकर अलग-अलग दावा कर रहे हैं। कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि राम मंदिर की मूर्ति का निर्माण पश्चिम बंगाल के परगना जिले के मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिख रहे हैं कि एक मुस्लिम शख्स अयोध्या में भगवान राम और माता सीता की मूर्ति बना रहा है। इनके जरिए यूजर्स एक समुदाय पर तंज कस रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि दोनों ही दावे भ्रामक हैं। जमालुद्दीन और बिट्टू द्वारा बनाई मूर्तियां भक्तों के लिए राम मंदिर के बाहर स्थापित की जाएंगी, जबकि कर्नाटक के डॉ. गणेश भट्ट, जयपुर के सत्यनारायण पांडेय और कर्नाटक के अरुण योगीराज रामलला की तीन अलग-अलग मूर्ति बना रहे हैं। वहीं, भगवान राम की मूर्ति के साथ दिख रहे शख्स की तस्वीर अयोध्या की नहीं, बल्कि बेंगलुरु की है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘अवधेश यादव‘ (आर्काइव लिंक) ने 20 दिसंबर को भगवान राम की मूर्ति की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

“अयोध्या में राम मंदिर का भव्य उद्घाटन होने ही वाला है उससे पहले भगवान श्री राम की मूर्तियां तैयार की गईं हैं।
पश्चिम बंगाल के परगना जिले के दो मुस्लिम मूर्तिकारों मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू ने अयोध्या में श्री राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के लिए मूर्तियां तैयार की है ।
मूर्तिकार मोहम्मद जमालुद्दीन ने कहा, मुझे भगवान राम की मूर्ति बनाकर खुशी महसूस हुई।
पर मेरे लिए बहुत ही अफसोस की बात है कि नागपुर की हिंदुत्व फैक्ट्री में एक भी कलाकार इस लायक नहीं निकला कि जिसको प्रभु राम की मूर्ति का आर्डर मिल सके, लानत है तुम पर संतरो ।।

एक अन्य फेसबुक यूजर ‘ਰਾਜੇਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ‘ (आर्काइव लिंक) ने 18 दिसंबर को भगवान राम की मूर्ति के साथ दिख रहे मुस्लिम शख्स की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

“इन संघियो को 110 करोड़ हिंदुओं मे से एक मूर्तिकार नहीं मिला..
चले हैं हिंदू राष्ट्र बनाने..”

पड़ताल

वायरल दावों की जांच के लिए हमने इनके बारे में एक-एक करके सर्च किया।

पहला दावा

सबसे पहले हमने मोहम्मद जमालुद्दीन और बिट्टू द्वारा राम मंदिर की मूर्तियां बनाने के दावे के बारे में कीवर्ड से सर्च किया। 15 दिसंबर 2023 को इंडिया टुडे में छपी खबर में लिखा है कि पश्चिम बंगाल के उत्तर-24 परगना जिले के मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू ने अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के लिए भगवान राम की मूर्तियां तैयार की हैं। ऑनलाइन काम देखकर उनको यह ऑर्डर मिला है। इन मूर्तियों को भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के बाहर रखा जाएगा।

17 दिसंबर के दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण में भी इससे संबंधित खबर छपी है। इसके अनुसार, “उन्होंने बताया कि दोनों मूर्तियां फाइबर की बनी हैं। एक के लिए उनको 2.80 लाख और दूसरी के लिए ढाई लाख रुपये मिले हैं। करीब 17 फीट उंची मूर्तियों को मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा।”

इसके बाद हमने राम मंदिर की मूर्तियों को बनाने वाले अन्य मूर्तिकारों के बारे में सर्च किया। 26 मई 2023 को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है कि राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति के निर्माण के लिए कर्नाटक के मूर्तिकार जीएल भट्ट और राजस्थान के सत्यनारायण पांडे की टीमें अयोध्या पहुंच गई हैं। दोनों अपनी टीमों के साथ मूर्ति को आकार देंगे। जीएल भट्ट मैसूर की कृष्ण शिला से, जबकि सत्य नारायण पांडे संगमरमर से मूर्ति बनाएंगे। इसके अलावा एक तीसरी मूर्ति भी बनेगी। ट्रस्ट जिसको फाइनल करेगा, उसको गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

प्रभात खबर में 5 अक्टूबर को छपी खबर के अनुसार, रामजन्मभूमि ट्रस्ट तीन मूर्तिकारों कर्नाटक के गणेश भट्ट व अरुण योगीराज और राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय से रामलला की मूर्ति बनवा रहा है। ट्रस्ट रामलला के बालस्वरूप की तीन मूर्तियों तैयार करा रहा है। सत्यनारायण मकराना के संगमरमर से मूर्ति तैयार कर रहे हैं, जबकि मैसूर के अरुण योगीराज श्यामवर्णी चट्टान से मूर्ति बना रहे हैं। गणेश भट्ट कर्नाटक की नेल्लिकारू चट्टान से मूर्ति को गढ़ रहे हैं। इसे कृष्ण शिला के नाम से भी जाना जाता है।

इस बारे में अयोध्या में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ रामशरण अवस्थी का कहना है कि कर्नाटक के दो और राजस्थान के एक मूर्तिकार को रामलला की मूर्ति बनाने को कहा गया था। इनमें से एक का चयन होगा, जिसे गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

दूसरा दावा

इसके बाद हमने भगवान राम की मूर्ति के पास बैठे मुस्लिम मूर्तिकार की तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। न्यू इंडियन एक्सप्रेस पर 9 अप्रैल 2019 को छपी खबर में इस फोटो को अपलोड किया गया है। इसमें लिखा है कि बेंगलुरु के राजाजीनगर स्थित राम मंदिर की साफ-सफाई का ध्यान सद्दाम हुसैन रखते हैं। फोटो के कैप्शन में भी लिखा है कि राजाजीनगर में रखी हुई भगवान राम की मूर्ति की सफाई करते हुए सद्दाम हुसैन। मतलब इस तस्वीर का संबंध अयोध्या के राम मंदिर से नहीं है।

हमने भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। गोरखपुर में रहने वाले यूजर के 9 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और वह एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: अयोध्या के राम मंदिर के लिए मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू मूर्तियां बना रहे हैं। उनके अलावा कर्नाटक के गणेश भट्ट व अरुण योगीराज और राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय रामलला की मूर्ति बना रहे हैं, जबकि भगवान राम की मूर्ति के साथ दिख रहे शख्स की तस्वीर बेंगलुरु के सद्दाम की है। इसका अयोध्या के राम मंदिर से कोई वास्ता नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल दोनों दावे भ्रामक हैं।

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