Fact Check : महिलाओं को जागरूक करने के लिए बनाए गए वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे यूजर्स 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह स्क्रिप्टेड है, इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि दर्जी एक महिला के साथ माप लेने के नाम पर बदसलूकी करता है। जिसके बाद महिला असहज होकर वहां से चली जाती है। फिर एक महिला बुर्का पहनकर कपड़े सिलवाने के लिए आती है। दर्जी उस महिला के साथ भी बदसलूकी करने की कोशिश करते हैं। तभी महिला उसका हाथ पकड़ लेती है और बुर्का उताकर दिखाती है कि वह पुलिसकर्मी है। इसके बाद दर्जी घबरा शकर महिला से माफी मांगने लगता है। इस वीडियो को इस तरीके से शेयर किया जा रहा है कि यह दर्जी मुस्लिम था, इसलिए वह हिंदू महिलाओं के साथ बदसलूकी किया करता था। साथ ही इस वीडियो को शेयर करते हुए यह अपील की जा रही है कि हिंदू महिलाएं मुस्लिम समुदाय से दूरी बनाए रखें। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह स्क्रिप्टेड है, इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Deep Singh ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ” हिन्दू बहिन बेटियों से निवेदन हैं, कि मुस्लिमो की दुकान पर न जाये ये गलत मानसिकता के लोग है इनकी गन्दी सोच हैं।इनसे कपड़े, मेहदी, चुड़ी या ओर भी किसी प्रकार का सामना न लें और ना ही अपनी किसी बहन बेटी को लेने दे।” 

ट्विटर यूजर @Sarvesh1795650 ने भी इसी तरह  के मिलते-जुलते दावों के साथ वीडियो को शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। 

पड़ताल –

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल वीडियो को गौर से देखा। हमने पाया कि वीडियो के आखिर में लिखकर आता है कि लड़कियां ऐसी घटनाओं से सावधान रहें और इनके खिलाफ आवाज उठाएं। इसे देखने के बाद हमें वायरल वीडियो के स्क्रिप्टेड होने का संदेह हुआ। फिर हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो 12 मार्च 2022 को 3RD EYE नाम से यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिली। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है, जिसका मकसद लोगों को जागरूक करना है। 

इसके बाद 3RD EYE यूटयूब चैनल को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें पता चला कि यह चैनल इसी तरह के स्क्रिप्टेड वीडियोज बनाता है। कई वीडियोज मजाकिया मुद्दों पर आधारित होते हैं, तो वहीं कई गंभीर मुद्दों पर आधारित होते हैं। ये सभी वीडियो कलाकारों द्वारा बनाए जाते हैं। इनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने 3RD EYE पेज को चलाने वाले राहुल कश्यप से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। यह वीडियो शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था। मेरी अपील है कि इस पेज के किसी भी वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर न किया जाए। हमारे चैनल पर पड़े सभी वीडियोज कलाकारों द्वारा लोगों को जागरूक करने के मकसद से बनाए गए हैं।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर Deep Singh के सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के 104 फॉलोअर्स हैं। यूजर मध्य प्रदेश के इंदौर का रहने वाला है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह स्क्रिप्टेड है, इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

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