बांग्लादेश में फरवरी में विवाद के बाद पार्क में वहां के कर्मचारियों ने कार में सवार एक परिवार पर हमला कर दिया था। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था। उस वीडियो को अब हिंसा से जोड़कर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश में हिंसा से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें कार में बैठे परिवार को कई लोग घेरे हुए दिख रहे हैं। इस दौरान आगे की सीट पर बैठा शख्स उनके हाथ जोड़ रहा है और एक बच्चे की रोने की आवाज आ रही है। वीडियो को शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ढाका में भीड़ ने हिंदू परिवार की कार को रोककर उनकी हत्या की कोशिश की।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो का बांग्लादेश में हो रही हिंसा से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, फरवरी 2024 में ढाका के पार्क में विवाद के बाद एक परिवार पर वहां के कर्मचारियों ने हमला कर दिया था। इसमें पीड़ित भी मुस्लिम थे। उनकी शिकायत पर पुलिस ने तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया था।
एक्स यूजर ‘हम लोग We The People‘ ने 12 अगस्त को इस वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर (आर्काइव लिंक) किया है।
फेसबुक यूजर Kuldip Kumar ने भी वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“बांग्लादेश मे हिंदुओ पर बड़े पैमाने पर हमले हो रहे है।
ढाका के एक हिंदू परिवार की कार रोककर भीड़ ने उन्हे पीट-पीटकर मार डालने और उनकी कार जलाने की कोशिश की।“
वायरल दावे की जांच के लिए हमने इसका कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। बांग्लादेश की वेबसाइट जागो न्यूज 24 पर इससे संबंधित खबर छपी है। 7 फरवरी 2024 को छपी खबर में वायरल वीडियो भी अपलोड किया गया है। खबर में लिखा है कि मामला ढाका के ग्रीन फॉरेस्ट पार्क का है। 4 फरवरी को पार्क में कार्यरत कर्मचारियों ने एक कार में सवार परिवार पर हमला कर दिया था। इस मामले में पीड़ित शाहजहां मिया ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया है कि दोपहर को शाहजहां मिया अपनी पत्नी फातिमा अख्तर निशि, बेटी अफरा, बहन जहूरा खातून, हफीजा, तश्नीम, भाभी सुमैया और अजमीना को ग्रीन फॉरेस्ट पार्क ले गए थे। वहां झूला झूलने को लेकर उनका कर्मचारियों से विवाद हो गया था। इस मामले में पुलिस ने हसन चौधरी, अतियार रहमान और अबू नईम को गिरफ्तार किया था।
जागो न्यूज 24 के यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो से संबंधित न्यूज को देखा जा सकता है।
इससे पहले यह वीडियो लोकसभा चुनाव के बाद का बंगाल का बताकर सांप्रदायिक दावे से वायरल हुआ था। उस समय विश्वास न्यूज ने बांग्लादेश में रयूमर स्कैनर के फैक्ट चेकर मो. सकीउज्जमन से संपर्क किया था। उन्होंने कहा था कि यह मामला बांग्लादेश के ग्रीन फॉरेस्ट पार्क का था और इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल करने वाले यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर इससे पहले भी फर्जी पोस्ट शेयर कर चुका है।
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निष्कर्ष: बांग्लादेश में फरवरी में विवाद के बाद पार्क में वहां के कर्मचारियों ने कार में सवार एक परिवार पर हमला कर दिया था। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था। उस वीडियो को अब हिंसा से जोड़कर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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