Fact Check: असम की बाइक रैली के वीडियो को तमिलनाडु का बताकर किया जा रहा शेयर

वायरल वीडियो असम के तिनसुकिया जिले में निकाली गई बाइक रैली से संबंधित है। यह करीब दो साल पहले की घटना है। इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तमिलनाडु में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों से हिंसा के आरोपों के बीच सोशल मीडिया पर कई फेक वीडियो वायरल हो रहे हैं। अब सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं। इसमें कई युवकों को बाइकों पर तलवारें लेकर जाते हुए देखा जा सकता है। पुलिस कुछ लोगों को पकड़ लेती है। सोशल मीडिया यूजर इस वीडियो को तमिलनाडु कोयंबटूर का बताकर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो असम का है, तमिलनाडु का नहीं। वीडियो में भी इसे असम के तिनसुकिया का मामला बताया गया है। यूजर ने इसे गलत दावे के साथ शेयर किया है।

तमिलनाडु में ट्रेन में कुछ प्रवासी मजदूरों से मारपीट का मामला सामने आने के बाद हिंदी भाषी मजदूरों पर हमले के नाम से सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिनकी पड़ताल विश्वास न्यूज ने की है। इनमें से अधिकतर वीडियो देश के अलग-अलग राज्यों या गैंगवार के निकले थे। फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘हर्ष कुमार बेहेरा न्यू न्यूज‘ (आर्काइव लिंक) ने 4 मार्च को वीडियो 3.50 मिनट का वीडियो शेयर करते हुए लिखा,

Tamilnadu Coimbatore

कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को तमिलनाडु का बताते हुए शेयर किया है।

पड़ताल

सोशल मीडिया यूजर के शेयर किए गए वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसे ध्यान से देखा। इसमें असम तिनसुकिया लिखा हुआ है। वीडियो के साथ में जानकारी दी गई है, “बाइक रैली के दौरान युवक तलवारें और छुरे लहराते हुए निकले। असम के तिनसुकिया जिले में यह घटना हुई है। थाना चरियली से हिजुगूरी तक यह रैली निकाली गई थी। शस्त्र पूजा के अवसर पर यह रैली निकाली गई थी। रैली के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं ली गई थी। इनमें से एक ने बजरंग दल का सदस्य होना स्वीकार किया है।” वीडियो में दिख रहे बोर्ड पर भी तिनसुकिया म्यूनिसिपल बोर्ड लिखा हुआ है। मतलब यह वीडियो तमिलनाडु का नहीं है।

इसके बाद हमने इसे कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। 27 अक्टूबर 2020 को ईस्ट मोजो पर वीडियो से संबंधित खबर को देखा जा सकता है। इसमें वायरल वीडियो को भी अपलोड किया गया है। खबर के अनुसार, “लगभग 70 लोगों के एक समूह ने तिनसुकिया में हाथों में तलवार और फरसा लेकर बाइक रैली निकाली। आरोप है कि रैली को बजरंग दल ने निकाला था। कहा जा रहा है कि यह रैली अस्त्र पूजा का हिस्सा थी। पुलिस का कहना है कि 20-25 मोटरसाइकिलों पर युवक हाथों में तलवार लिए हुए थे। उन्होंने थाना चराली से हिजुगुरी की ओर एक रैली निकाली। पुलिस ने उनका पीछा किया। पूछताछ करने पर उनमें से एक ने बजरंग दल का सदस्य होने की बात स्वीकार कर ली। इस तरह की रैली करने के लिए अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने रैली में शामिल चार लोगों को हिरासत में लिया है।”

असम टाइम्स की वेबसाइट पर भी इससे संबंधित खबर को देखा जा सकता है। खबर में वीडियो के एक कीफ्रेम का भी इस्तेमाल किया गया है। खबर के अनुसार, “तिनसुकिया में लगभग 30 युवकों के एक समूह ने बाइक रैली निकाली। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बजरंग दल का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले युवकों ने धारदार हथियारों के साथ बाइक रैली निकाली, जिसकी पूरे शहर में तीखी प्रतिक्रिया हुई। पुलिस के मुताबिक, जिला प्रशासन द्वारा इस तरह की रैली की अनुमति नहीं थी। वहीं, बजरंग दल ने रैली के दावे से इनकार किया है।”

इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने ईस्ट मोजो की सीनियर स्टाफ रिपोर्टर नंदिता दास से संपर्क किया। उनका कहना है, “यह असम के तिनसुकिया का करीब दो साल पुराना वीडियो है। इसका तमिलनाडु से कोई संबंध नहीं है।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘हर्ष कुमार बेहेरा न्यू न्यूज‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। 31 जनवरी को बने इस पेज के 90 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: वायरल वीडियो असम के तिनसुकिया जिले में निकाली गई बाइक रैली से संबंधित है। यह करीब दो साल पहले की घटना है। इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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